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पटना हाइकोर्ट ने नौकरी के दौरान प्रोमोशन में आरक्षण को बताया अवैध

पटना हाइकोर्ट ने आज एक अहम फैसला सुनाते हुए राज्य सरकार को करारा झटका दिया है। कोर्ट ने सरकार के नौकरी के दौरान प्रमोश्‍ान में आरक्षण देने के फैसले को अवैध ठहराया है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Thu, 30 Jul 2015 02:29 PM (IST)Updated: Thu, 30 Jul 2015 07:53 PM (IST)
पटना हाइकोर्ट ने नौकरी के दौरान प्रोमोशन में आरक्षण को बताया अवैध

पटना। हाइकोर्ट ने आज एक अहम फैसला सुनाते हुए राज्य सरकार को करारा झटका दिया है। कोर्ट ने सरकार के नौकरी के दौरान प्रमोश्ान में आरक्षण देने के फैसले को अवैध ठहराया है। न्यायमूर्ति एल एन रेड्डी की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय खंडपीठ ने राज्य सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए आज यह फैसला सुनाया।

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राज्य की नीतीश सरकार ने वर्ष 2012 में अपने कैबिनेट की बैठक में एसटी-एसटी वर्ग के लोगों को सरकारी नौकरी के दौरान प्रोमोशन में आरक्षण देने के फैसले को मंजूरी दी थी। राज्य सरकार के इस फैसले को गलत बताते हुए इसपर हाइकोर्ट ने रोक लगा दी थी।

हाई कोर्ट की दो सदस्यीय खंडपीठ ने माना कि अनुसूचित जाति व जनजाति (एससी-एसटी) को राज्य सरकार प्रोन्नति में अवैध तरीके से प्रमोशन का लाभ दे रही है, जबकि इनकी नियुक्ति के वक्त ही 17 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दे दिया जाता है।

खंडपीठ ने एकल पीठ के फैसले में किसी प्रकार की खामी नहीं पाते हुए राज्य सरकार की अपील को खारिज कर दिया। इस फैसले के बाद सामान्य प्रशासन विभाग के 21 अगस्त, 2012 के अध्यादेश पर विराम लग गया है। राज्य सरकार के पास अब एकमात्र विकल्प सुप्रीम कोर्ट ही रह गया है। फैसले की ऑर्डर कॉपी प्राप्त होते ही सरकार विधि विशेषज्ञों से राय-मशविरा कर सर्वोच्च न्यायालय जाएगी।


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