बिहार की मांगें पूरी करें प्रधानमंत्री : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को वेटनरी कॉलेज ग्राउंड पर अपने ही अंदाज में बिहार के विकास के लिए प्रधानमंत्री से मांगें पूरी करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के रूप में बिहार में पहली बार आने पर नरेंद्र मोदी का स्वागत किया।
पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को वेटनरी कॉलेज ग्राउंड पर अपने ही अंदाज में बिहार के विकास के लिए प्रधानमंत्री से मांगें पूरी करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने कहा प्रधानमंत्री के रूप में बिहार में पहली बार आने पर आपका स्वागत करता हूं। अनेक योजनाओं का शिलान्यास एवं उद्घाटन किया है। इसके लिए मैं तहे दिल से धन्यवाद देता हूं।
पटना में प्रधानमंत्री के कार्यक्रम की देखें तस्वीरें-
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री द्वारा प्रदेश की केंद्रीय योजनाओं की अधिकारियों के साथ मानीटरिंग की तारीफ । कहा कि केन्द्रीय एजेंसियों के पास राज्य की कुछ योजनाएं लंबित हैं, उसकी समीक्षा करें और जो अड़चनें हैं, उसे दूर कराकर लंबित योजनाओं को पूरा कराने की पहल करें। उन्होंने पथ निर्माण विभाग का 1000 करोड़ रुपये केन्द्र के पास बकाया की भी चर्चा की।
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नीतीश कुमार ने कहा कि वर्ष 2008 में पटना आइआइटी ने कार्य करना प्रारंभ किया। उस समय देश में जितने भी नये आइआइटी का गठन किया गया था उसमें पटना आइआइटी को जो सुविधाएं दी गईं, वह श्रेष्ठ थीं। नये भवन और कैम्पस के लिए राज्य सरकार ने 500 एकड़ जमीन उपलब्ध करायी। उन्होंने प्रधानमंत्री को सुझाव दिया कि आइआइटी का विशाल कैम्पस उपलब्ध हो गया है।
चूंकि अभी तक यहां कुछ ही विषयों की पढ़ाई होती है। अब नये-नये फैकेल्टी की स्थापना होनी चाहिए। एग्रीकल्चर एंड फूड, एरो-स्पेस, अर्टिटेक्चर इंजीनियरिंग, साइंस, एमबीए, जल विज्ञान, बांध और भूकंपरोधी जैसे महत्वपूर्ण विषय पर पढ़ाई होनी चाहिए। इससे बिहार के साथ-साथ देश को भी लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने आइआइटी कैम्पस में शिलान्यास किए गए मेडिकल इंक्यूवेशन सेंटर की चर्चा करते हुए कहा कि इसकी स्थापना के लिए राज्य सरकार ने अपनी ओर से 53 फीसद राशि का योगदान दे दिया है। गैस पाइपलाइन के निर्माण पर खुशी प्रकट करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पाइप लाइन के मामले में बिहार सरकार ने गेल इंडिया के साथ करार किया था।
अब इसके निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो रही है। मगर गैस पाइपलाइन से राज्य का 63 फीसद क्षेत्र वंचित रह जाएगा, उन क्षेत्रों को भी जोडऩे की जरूरत है। उन्होंने बरौनी उर्वरक रिफाइनरी कारखाना का निर्माण शुरू कराने की मांग प्रधानमंत्री से की। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ-साथ रेल मंत्री सुरेश प्रभु का ध्यान इस ओर दिलाया कि दनियावां-बिहारशरीफ रेलखंड बहुत पहले से बनकर पूरा हो जाता लेकिन अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने छह माह पहले ही चुनाव कराने का फैसला लिया और उसके बाद केन्द्र में सरकार बदल गई। इसके चलते यह रेल परियोजना अधूरी रह गई।
इस रेलखंड का विस्तार बरबिगहा-शेखपुरा और दानापुर के नेऊरा तक होना है क्योंकि इसे रेलवे प्रोजेक्ट को तीसरी लाइन बनाने की दृष्टि से मंजूरी दी गई थी। इसलिए परियोजना को पूरा कराने की पहल करना जरूरी है। दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना को अच्छी पहल करार देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना में राज्य सरकार ने 40 फीसद अंशदान किया है।