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बिहार: पूसा दीक्षांत समारोह में बोले राष्ट्रपति- ग्लोबल वार्मिंग बनी गंभीर चुनौती

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद गुरुवार को समस्‍तीपुर के पूसा स्थित केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्‍य अतिथि शामिल हुए। वहां उन्‍होंने टॉपर्स को मेडल दिए।

By Kajal KumariEdited By: Published: Thu, 15 Nov 2018 09:13 AM (IST)Updated: Thu, 15 Nov 2018 11:25 PM (IST)
बिहार: पूसा दीक्षांत समारोह में बोले राष्ट्रपति- ग्लोबल वार्मिंग बनी गंभीर चुनौती
बिहार: पूसा दीक्षांत समारोह में बोले राष्ट्रपति- ग्लोबल वार्मिंग बनी गंभीर चुनौती

पटना/ मुजफ्फरपुर [जागरण टीम] 'विपरीत परिस्थिति में भी अधिक पैदावार हो सके, इसके लिए कृषि वैज्ञानिकों और छात्रों को काफी कुछ करने की जरूरत है। बीज से लेकर बाजार तक की पूरी प्रक्रिया में इनोवेशन की जरूरत है।' ये बातें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कही।
वे समस्‍तीपुर के डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विवि (पूसा) में गुरुवार को आयोजित पहले दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने 33 स्वर्ण पदक प्राप्त विद्यार्थियों में 11 को मेडल देकर सम्मानित किया।

राष्ट्रपति ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग आज देश के लिए गंभीर चुनौती है। ऊपर से खेती की कम जमीन व जलवायु परिवर्तन भी बड़ा खतरा है। ग्लोबल वार्मिंग से निपटने में कृषि वैज्ञानिकों व छात्रों की बड़ी भूमिका हो सकती है। केंद्र ने इसकी शुरुआत की है। आप भी योगदान देकर सार्थक कदम उठा सकते हैं। किसानों की खुशहाली ही शिक्षा की सार्थकता का मापदंड है। छात्र कृषि विकास में योगदान देकर समृद्ध देश बना सकते हैं।
कृषि विवि के कार्यों को सराहा
राष्ट्रपति ने कृषि विवि के प्रयासों की सराहना की। कहा कि कृषि उत्पादन में वृद्धि के कई उदाहरण हैं। मक्का की श्रेष्ठतम प्रजाति की शुरुआत केंद्रीय कृषि विवि ने की। कृषि तकनीक में सुधार कर इसकी उत्पादकता को दोगुना किया गया। मशरूम का उत्पादन बढ़ा। यहां की ङ्क्षसचाई प्रणाली भी उल्लेखनीय है।
मुख्यमंत्री और उनकी टीम को बधाई
रामनाथ कोविंद ने कहा कि राज्य के किसानों की स्थिति में सुधार हो रहा है। कृषि विशेषज्ञों और सरकार के प्रयासों से यहां के किसान प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित हो रहे हैं। हाल में इंडियन काउंसिल ऑफ फूड एंड एग्रीकल्चर की ओर से आयोजित 11वें ग्लोबल एग्रीकल्चर लीडरशिप अवार्ड्स 2018 में बिहार को सर्वश्रेष्ठ पशुपालक राज्य का अवार्ड मिला। उन्होंने बिहार के समग्र विकास के लिए जारी प्रयास तथा कृषि क्षेत्र की ऐसी उपलब्धियों के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी टीम को बधाई दी।

कृषि क्षेत्र की मजबूती का बेहतर प्रयास
राष्ट्रपति ने कहा कि कृषि क्षेत्र की मजबूती के लिए देशव्यापी प्रयास जारी है। कृषि मंडियां ईएनएएम पोर्टल से जुड़ी हैं। नीम कोटेड यूरिया, टेक्नोलॉजी के उपयोग से लेकर मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड तक, फसल बीमा योजना, किसान संपदा योजना का उद्देश्य कृषि क्षेत्र को अधिक लाभदायक बनाना है। आइ मंडी एप से किसानों को डिजिटल सुविधा से जोड़ा गया है। वहीं, राष्ट्रीय किसान आयोग द्वारा सुझाए गए सुधारों को भी लागू किया गया है। कृषि क्षेत्र को लाभकारी एवं आकर्षक बनाने के ऐसे प्रयासों के लिए राष्ट्रपति ने केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह की टीम को भी बधाई दी।
 

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राष्ट्रपति दीक्षांत समारोह के लिए तैयार किए गए मंच पर पहुंचे और उन्होंने दीक्षांत समारोह में शामिल सभी छात्रों और अभिभावकों को बधाई दी। राष्ट्रपति के साथ मंच पर राज्यपाल लालजी टंडन और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित कई गणमान्य लोग मौजूद हैं। कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगान से की गई। उसके बाद राष्ट्रपति ने बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले छात्रों को गोल्ड मेडल प्रदान किया।

सीएम नीतीश ने कहा-देश का टॉप विश्वविद्यालय बनेगा पूसा विश्वविद्यालय
समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के पहले दीक्षा समारोह में राष्ट्रपति का आना बिहार के लिए गर्व की बात है। पूसा को केंद्रीय कृषि विवि बनाने के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयासरत थी। वर्ष 2016 में यह काम पूरा हुआ।
यह राज्य का पहला केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय बना, जो बिहारवासियों के लिए गौरव की बात है। राज्य की 70 फीसद आबादी अभी भी कृषि पर ही निर्भर है। कृषि रोड मैप के माध्यम से काफी सुधार होगा। कृषि के क्षेत्र में विस्तार हुआ है। यह कृषि विश्वविद्यालय देश के टॉप विश्वविद्यालय के रूप में सामने आएगा।
सीएम ने पूसा के नामकरण और अतीत के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि यह संभवत: देश का पहला कृषि रिसर्च सेंटर है। 1970 में नए सिरे से इसकी स्थापना की गई। सीएम ने कहा कि घर-घर बिजली पहुंचाने का वादा पूरा किया है। जलवायु परिवर्तन बड़ी चुनौती है।
सेना के विशेष विमान से आए पटना, हेलीकॉप्‍टर से पहुंचे समस्‍तीपुर
इसके पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सेना के विशेष विमान से पटना पहुंचे। वहां से वे हेलीकॉप्‍टर से सीधे समस्तीपुर के पूसा स्थित डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में हिस्सा लेने पहुंचे । टना एयरपोर्ट पर राष्ट्रपति की अगुवाई के लिए बिहार के राज्यपाल लालजी टंडन और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना एयरपोर्ट पहुंचे थे।
उन्होंने विश्वविद्यालय स्थित देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। उनके साथ बिहार के राज्यपाल लालजी टंडन और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मौजूद रहे। वहां 11 बजे से आयोजित  डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में उन्होंने शिरकत किया, फिर पटना लौटे।

देर शाम पटना से दिल्‍ली लौटे राष्‍ट्रपति
समस्‍तीपुर में कार्यक्रम को लेकर ईख अनुसंधान संस्थान केंद्र परिसर में भव्य पंडाल बनाया गया था। समारोह में राष्ट्रपति के अलावा राज्यपाल लालजी टंडन, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह एवं केंद्रीय कृषि विवि के कुलाधिपति डॉक्टर प्रफुल्ल चंद्र मिश्रा मौजूद थे। दो घंटे तक पूसा में रहने के बाद राष्ट्रपति पटना लौटे। इसके बाद पटना के ज्ञान भवन में आयोजित एनआइटी के दीक्षांत समारोह में शिरकत करने के बाद राष्‍ट्रपति दिल्ली लौट गए।


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