पहाड़ी एसटीपी के लिए 24 को केंद्र के समक्ष प्रेजेंटेशन
- दीघा व कंकड़बाग एसटीपी का भी प्राक्कलन सौंपा जाएगा - नगर विकास सह आवास विभाग के निर्दे
- दीघा व कंकड़बाग एसटीपी का भी प्राक्कलन सौंपा जाएगा
- नगर विकास सह आवास विभाग के निर्देश पर बुडको देख रहा कार्य
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जागरण संवाददाता, पटना : 'नमामि गंगे परियोजना' के तहत बनने वाले राजधानी के पहाड़ी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) एवं नेटवर्क सिस्टम के लिए 24 मार्च को केंद्र के समक्ष प्रेजेंटेशन होगा। नगर विकास सह आवास विभाग के निर्देश के आलोक में बुडको यह कार्य देख रहा है। बुडको के अधिकारियों के अनुसार पटना सिटी अंचल के पहाड़ी में 60 एमएलडी का सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जाना है। इसके अतिरिक्त राजधानी का सबसे लंबा सीवरेज ट्रीटमेंट नेटवर्क है। यह दो भागों में बांट कर बनाया जाएगा। इसकी कुल लंबाई करीब दो सौ किलोमीटर होगी। इस दिन दीघा एवं कंकड़बाग में बनने वाले एसटीपी को लेकर परियोजना पर चर्चा होनी है। दोनों एसटीपी व नेटवर्क सिस्टम के लिए डीपीआर तैयार हो चुका है। डीपीआर के कई बिंदुओं पर केंद्र के विशेषज्ञों ने सुधार का निर्देश दिया था।
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बिछेगा पाइपों का जाल :
एसटीपी सह सीवरेज नेटवर्क सिस्टम के लिए राजधानी में पाइपलाइन का जाल बिछाया जाएगा। केंद्र की ओर से पूर्व में ही बेऊर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, सैदपुर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट एवं वाटर नेटवर्क के लिए 1050 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। इसके तहत राजधानी के सीवरेज सिस्टम को ठीक करने के लिए हर एरिया में नेटवर्क सिस्टम बनाया जाना है। घरों से निकलने वाला पानी इन पाइपलाइन से होकर सीधे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट पहुंचेगा। यहां से उपचारित होने के बाद ही पानी छोड़ा जाएगा।
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गंगा में पानी गिराने पर लगेगा जुर्माना :
सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट व सीवरेज नेटवर्क तैयार होने के बाद गंगा में घरों से निकलने वाले सीवेज व औद्यौगिक अपशिष्ट गिराने पर जुर्माना लगाया जाएगा। इसके लिए 2020 की समय सीमा तय की गई है। इस अवधि तक राजधानी में छह एसटीपी व सीवरेज नेटवर्क तैयार हो जाएंगे।
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पहाड़ी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट 60 एमएलडी
पहाड़ी सीवरेज नेटवर्क 200 किमी.
दीघा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट 42 एमएलडी
कंकड़बाग सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट 34 एमएलडी
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