बिहार में विशेष पैकेज पर नहीं थम रही राजनीति
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बिहार के लिए सवा लाख करोड़ रुपये के विशेष पैकेज दिए जाने की घोषणा पर गरमायी राजनीति थमने का नाम नहीं ले रही है। गुरुवार को राज्य सरकार के तीन वरिष्ठ मंत्रियों ने विशेष पैकेज पर मीडिया के समक्ष खुलकर बातें रखीं।
पटना। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बिहार के लिए सवा लाख करोड़ रुपये के विशेष पैकेज दिए जाने की घोषणा पर गरमायी राजनीति थमने का नाम नहीं ले रही है। गुरुवार को राज्य सरकार के तीन वरिष्ठ मंत्रियों ने विशेष पैकेज पर मीडिया के समक्ष खुलकर बातें रखीं। मंत्रियों ने केन्द्र सरकार के विशेष पैकेज को महज भ्रमजाल बताया और कहा किझूठे पैकेज पर बिहार की जनता विधानसभा चुनाव में भाजपा को करारा जवाब देगी।
जल संसाधन, कृषि एवं सूचना जनसंपर्क मंत्री विजय कुमार चौधरी ने अपने बयान में कहा कि बिहार के लिए विशेष पैकेज नहीं है, सिर्फ री-पैकेजिंग है। पैकेज की पोल खुल चुकी है। सच्चाई सामने आ चुकी है तब भाजपा बेचैन है। उन्होंने सवाल किया कि क्या पुरानी योजनाओं के लिए दिया गया आवंटन विशेष पैकेज कहलाता है-यह भाजपा नेताओं को बताना चाहिए। निर्माणाधीन राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए आवंटन देना विशेष पैकेज है क्या? कृषि यांत्रिकरण पर विशेष पैकेज में 600 करोड़ देने की बात कही गई है, जबकि 2015-16 में बिहार को इस मद में 6.92 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। सोचने की बात है कि इस रफ्तार से छह सौ करोड़ कितने वर्षों में मिलेंगे।
दूसरी ओर ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने पत्रकारों से कहा कि विशेष पैकेज के नाम पर केंद्र सरकार बिहार में भ्रम फैला रही है। पैकेज में ऊर्जा के लिए कुछ भी खास नहीं है। राज्य में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण ज्योति योजना से ज्यादा प्रभावकारी था। राजीव गांधी के नाम से ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में जहां राज्य सरकार की हिस्सेदारी केवल दस प्रतिशत की थी, वहीं दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में राज्य सरकार की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत कर दी गई है। इसमें राज्य सरकार को अब सात सौ करोड़ रुपये की जगह तीन हजार करोड़ रुपये का बोझ वहन करना होगा।
वहीं पथ निर्माण मंत्री राजीव रंजन सिंह (ललन सिंह) ने प्रधानमंत्री द्वारा विशेष पैकेज दिए जाने की घोषणा को जनता की आंखों में धूल झोंकने वाला बताया है। उन्होंने केन्द्रीय परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को विशेष पैकेज पर बहस करने की चुनौती का स्वीकार करते हुए कहा है कि राज्य सरकार गडकरी की चुनौती को स्वीकार करती है, गडकरी जहां चाहें, बहस कर लें। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि विशेष पैकेज में सबसे ज्यादा 54 हजार 713 करोड़ रुपये सड़कों के लिए प्रावधान किया गया है। मगर सच्चाई यह है कि इनमें से 47 हजार 553 करोड़ रुपये पुरानी योजनाएं हैं। पैकेज में बिहार को मात्र सात हजार एक सौ साठ करोड़ रुपये ही दिए गए हैं। प्रधानमंत्री ने जिन 41 योजनाओं की बात की है उसमें से 37 पुरानी योजनाएं हैं। ये सभी वर्ष 2007 से लेकर 2014 की है। मात्र चार योजनाएं ही नई हैं।