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25 लाख मूल्य की एक्सपायर दवा जब्त, सांप के जहर से होती है तैयार

पटना में पुलिस टीम ने औषधि विभाग के साथ कार्रवाई कर 25 लाख मूल्य की एक्सपायर दवा जब्त की है। सप्यालर इन दवाओं की रिपैकिंग कर मार्केट में सप्लाई करते थे।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Sat, 27 May 2017 08:35 PM (IST)Updated: Sat, 27 May 2017 10:16 PM (IST)
25 लाख मूल्य की एक्सपायर दवा जब्त, सांप के जहर से होती है तैयार
25 लाख मूल्य की एक्सपायर दवा जब्त, सांप के जहर से होती है तैयार

पटना [जेएनएन]। 'ऑपरेशन ड्रग माफिया' के तहत राजधानी पुलिस की विशेष टीम ने शनिवार को एक्सपायर दवाइयों की री-पैकिंग कर मार्केट में हो रही सप्लाई के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की। राज्य की सबसे बड़ी दवा मंडी जीएम रोड में पुलिस की टीम ने औषधि विभाग के अधिकारियों के साथ दबिश दी और 'जानलेवा' दवाइयों के कारोबारी नीरज कुमार और उसके आठ गुर्गों को दबोच लिया।

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मौके से नीरज का एक सहयोगी भागने में सफल रहा, जिसकी पहचान कर ली गई है। इन दवाइयों को जानलेवा इसलिए कहा जा रहा है कि सांप के जहर से तैयार होनी वाली दवाइयां भारी संख्या में बरामद हुई है, जो एक्सपायर हो चुकी थीं। उन्हें नए रैपर में पैक कर बेचा रहा था। ऐसी सूरत में वह दवा और ज्यादा खतरनाक साबित होती है। इसका खुलासा पुलिस कप्तान मनु महाराज ने किया। 

जमानत मिलने के बाद दोबारा शुरू किया कारोबार

एसएसपी को गुप्त सूचना मिली कि जीएम रोड के श्री हनुमान एजेंसी का मालिक नीरज कुमार बड़े पैमाने पर नकली दवाइयों का कारोबार कर रहा है, जिसके सेवन से मरीज स्वस्थ होने के बजाय दम तोड़ रहे हैं।

नीरज पूर्व में दो बार जेल जा चुका है। जेल से छूटने के बाद उसने फिर से धंधा शुरू कर दिया है। उसे औषधि विभाग के कुछ कर्मचारियों का संरक्षण भी प्राप्त है। बड़ी बात है कि एक्सपायर दवाइयों की री-पैकिंग करने के लिए उसने मार्केट में कारखाना खोल रखा है। तीन कर्मचारी इसी काम में लगे रहे थे।

घेराबंदी कर बुलाई औषधि विभाग की टीम

डीएसपी बीके शाही के नेतृत्व में विशेष टीम गठित की गई, जिसमें पंडारक थानाध्यक्ष दिवाकर विश्वकर्मा, विशेष सेल के दारोगा विनय प्रकाश, मो. गुलाम मुस्तफा, अनिल कुमार, सुशांत कुमार मंडल और मुन्ना कुमार एवं एएसआइ कुमार गौरव एवं पीटीसी दिलीप कुमार चौधरी को शामिल किया गया।

कार्रवाई को पुलिस ने गुप्त रखा। पुलिसकर्मियों ने सादे लिबास में एजेंसी के भवन को घेर लिया। इसके बाद औषधि विभाग के सीनियर ड्रग इंस्पेक्टर डॉ. सचिदानंद को सूचना दी गई।

नीरज के घर पर भी दी दबिश

तफ्तीश से मालूम हुआ कि नीरज का घर कदमकुआं के त्रिलोकी मार्केट में है। उसमें मां लक्ष्मी और चरक नामक की दुकानों में गोदाम बना रखा है। वहां भी री-पैकिंग की गईं दवाइयां रखी जाती हैं। इसके बाद पुलिस ने नीरज के घर पर दबिश दी। दोनों दुकानों से मिली दवाइयों की जांच चल रही है।

फिर मिलीं एक्सपायर्ड सरकारी दवाइयां

एक्पायर दवाइयों की री-पैकिंग कर बिक्री के विरुद्ध हाल में पुलिस ने व्यापक पैमाने पर अभियान चलाया था। इस दौरान एक दर्जन से अधिक ठिकानों पर सरकारी अस्पतालों से निकली एक्सपायर्ड दवाइयां बरामद हुई थीं। ठीक उसी तरह नीरज के ठिकानों से भी एक्पायर्ड सरकारी दवाइयां मिलीं।

इस संबंध में पुलिस औषधि विभाग को पत्राचार कर पता लगा रही है कि नीरज के पास से मिलीं दवाइयां किस अस्पताल की थीं। जवाब मिलने के बाद कई सरकारी अफसरों की भूमिका संदेह के घेरे में आ जाएगी। संभव है कि कुछ सरकारी अधिकारी व कर्मचारी गिरफ्तार हो जाएं। इसके अलावा बड़ी संख्या में फिजीशियन सैंपल भी बरामद हुए।

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नीरज के आर्थिक स्रोत पर पड़ेगा हथौड़ा

दो बार जेल जाने के बावजूद नीरज ने नकली दवाइयां तैयार करने का धंधा चालू रखा। अनुसंधान में जानकारी मिली है कि इस गोरखधंधे से उसने करोड़ों रुपयों की संपत्ति बनाई है। पुलिस उसके आर्थिक स्रोत पर हथौड़ा चलाएगी। पीएमएलए के तहत उसकी संपत्ति जब्त करने का प्रस्ताव भेजा जाएगा।

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