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लूट और डकैती के विरोध में बंद रहे पेट्रोल पंप

पेट्रोल पंपों पर बढ़ती आपराधिक घटनाओं के विरोध में मंगलवार को पटना जिले में पट्रोल पंप बंद रहे।

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Apr 2017 01:13 AM (IST)Updated: Wed, 12 Apr 2017 01:13 AM (IST)
लूट और डकैती के विरोध में बंद रहे पेट्रोल पंप
लूट और डकैती के विरोध में बंद रहे पेट्रोल पंप

पटना। पेट्रोल पंपों पर बढ़ती आपराधिक घटनाओं के विरोध में मंगलवार को पटना जिले में पेट्रो उत्पादों की बिक्री ठप रही। एक दिवसीय हड़ताल में जिले के सभी 156 पेट्रोल पंप शामिल हुए। इससे लगभग नौ लाख लीटर पेट्रोल-डीजल की बिक्री नहीं हो सकी। पेट्रोल न मिलने से लोग भी परेशान रहे।

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पेट्रोल पंप मालिकों की हड़ताल सफल रही। कोई भी पेट्रोल पंप नहीं खुला। बीपीसीएल का डाक बंगला चौराहा स्थिति पेट्रोल पंप सुबह थोड़ी देर के लिए खुला। दरअसल, यह पंप सीधे कंपनी का है। इसका कोई डीलर नहीं है। इस वजह से कंपनी ने सुबह इसे खोल कर पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति शुरू की। इसकी खबर लगते ही हड़ताली आ धमके और शटर गिरा दिया। इस तरह से जिले के सभी 156 पेट्रोल पंप बंद रहे। पूर्व घोषणा की वजह से अधिकांश लोग सतर्क थे, इसके बावजूद पेट्रोल पंपों पर से लौटने वालों की कमी नहीं थी।

संघ के सचिव महेश प्रसाद सिंह और उपाध्यक्ष अजय कुमार सिंह ने कहा कि इससे हमारा तो नुकसान हुआ ही, सरकार को भी करीब डेढ़ करोड़ रुपये का राजस्व नहीं मिल सका।

इसलिए की हड़ताल

बीते छह माह के दौरान पटना जिले में नौ पेट्रोल पंपों पर लूट की घटनाएं हुई। इनमें लगभग 24 लाख रुपये की लूट हुई। पटना पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन की ओर से सरकार से गुहार लगाई गई लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। आरोप है कि वीडियो फुटेज रहने के बावजूद किसी भी घटना में एक भी गिरफ्तारी नहीं की गई।

ये है एसोसिएशन की मांग

पटना पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष बृजेन्द्र कुमार सिन्हा ने कहा कि बीते छह माह में नौ लूट की घटनाएं हुई हैं। विशेष टीम बनाकर सभी घटनाओं की जांच की जाए। अपराधियों की तुरंत गिरफ्तारी हो। सभी पेट्रोल पंपों पर दो सिपाही तैनात किए जाए। एक पेट्रोल पंप से सरकार को औसत हर माह 20 लाख रुपये का राजस्व मिलता है।

अब अनिश्चितकालीन हड़ताल की तैयारी

बृजेन्द्र सिन्हा ने कहा कि रविवार को संघ की बैठक बुलाई गई है। अगर सरकार हमारी मांगों पर गंभीरतापूर्वक विचार नहीं करती है तो बैठक में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर सहमति बन सकती है। हम चुप नहीं बैठेंगे।


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