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बिहार में देशी नहीं मिलेगी, विदेशी से बुझाइए प्यास...जानिए

पटना हाई कोर्ट ने शराबबंदी कानून को असंवैधानिक करार देते हुए राज्य सरकार द्वारा जारी 5 अप्रैल की अधिसूचना को रद्द कर दिया है। इससे पीने वालों के चेहरों पर खुशी साफ झलकती दिखी।

By Kajal KumariEdited By: Published: Fri, 30 Sep 2016 04:26 PM (IST)Updated: Sat, 01 Oct 2016 06:38 PM (IST)
बिहार में देशी नहीं मिलेगी, विदेशी से बुझाइए प्यास...जानिए

पटना [काजल]। पटना हाई कोर्ट ने शराबबंदी कानून को असंवैधानिक करार देते हुए उत्पाद विभाग की अधिसूचना को निरस्त कर दिया है। अदालत का कहना है कि पूर्ण शराबबंदी और राज्य में बियर फैक्ट्री लगाने के लिए इंसेटिव, फिर शराब या बियर पीने की बजाय ताड़ी पीने की छूट है तो ये कैसी शराबबंदी है।

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सूबे में दो अक्टूबर को राज्य सरकार शराबबंदी का नया कानून लागू करने के लिए अड़ी है लेकिन कोर्ट के आदेश के मुताबिक विदेशी शराब पीने पर पाबंदी नहीं लगाई जानी चाहिए, यानि बिहार में तो शराब नहीं मिलेगी लेकिन आप बाहर से लाकर पी सकेंगे, लेकिन दो अक्टूबर तक ही। इसके बाद क्या होगा? यह आने वाला समय ही बताएगा या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कैबिनेट ही बताएगी।

पीने वालों की चमक उठी आंखें

वैसे बिहार में लोगों को जहां इसकी खबर मिली पीने वालों की आंखें चमक गईं। जहां लोग कोर्ट के प्रति आभार जता रहे हैं वहीं कुछ लोगों ने इसे गलत करार दिया है। लेकिन कोर्ट का कहना है कि किसी के खाने पीने और पसंद नापसंद पर जबर्दस्ती रोक लगाना उचित नहीं। इस मामले में भी वकीलों की अपनी-अपनी दलीलें हैं।

लोगों के बीच चर्चा और बहस जारी

कोर्ट के आदेश के बाद लोग आपस में चर्चा कर रहे हैं कि बिहार में अब विदेशी शराब के सेवन पर रोक नहीं है, विदेशी शराब जिनके पास उपलब्ध है वह शराब का सेवन कर सकते हैं। कोर्ट के फैसले के बाद बिहार सरकार द्वारा शराबबंदी को लेकर लाया गया कानून निष्प्रभावी हो गया है। ऐसे में बिहार में विदेशी शराब को बेचने या पीने पर रोक नहीं है ।

कुछ लोग हैं संशय की स्थिति में

बिहार में लोगों के बीच पटना उच्च न्यायालय के फैसले के बाद इस बात को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई थी कि क्या बिहार में शराब बेचने या सेवन करने को लेकर प्रतिबंध है? लोगों की मानें तो अब की बदली परिस्थितियों में दूसरे राज्यों से शराब पीकर बिहार आना गैरकानूनी नहीं माना जाएगा। इसके अलावा अगर किसी के पास विदेशी शराब है और वह उसकी सेवन करता है तो वह भी गैरकानूनी नहीं माना जा सकेगा।

दो अक्टूबर को लागू होगा नया शराबबंदी कानून

नीतीश सरकार की 5 अप्रैल की अधिसूचना को रद्द करते हुए पटना हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया, लेकिन वहीं अब राज्य सरकार ने भी जिद ठान ली है कि दो अक्टूबर को वो किसी भी हाल में नया शराबबंदी कानून लागू करके ही रहेगी।

इसके लिए नीतीश सरकार ने दो अक्टूबर को कैबिनेट की आपात बैठक भी बुलाई है जिसमें यह तय होगा कि पटना हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद सहयोगी पार्टियों की क्या राय है? मिल-बैठकर इसकी रुप रेखा तय की जाएगी और फिर नये शराबबंदी कानून को किस तरह लागू किया जाए? इसके लिए अब राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट तक जाने का भी मन बना रही है।

विदेशी शराब पीने वालों में खुशी की लहर

कोर्ट जो भी कहे, राज्य सरकार जो भी सोचे, अभी फिलहाल पीने वालों के लिए यह बड़ी खुशी है कि पीने का अब बहाना तो मिला, जो भी हो दो दिन ही इतने महीने बीत जाने के बाद फिर से चख तो सकेंगे। यह उनके लिए बड़ी राहत की बात है जिन्हें अपनी प्यास बुझाने जहां-तहां जाना पड़ता था।

चोरी-छिपे ज्यादा पैसे देकर डर के साये में रहकर पीना पड़ता था। उन्हें काफी सुकून मिला है। महफिल सजाने की भी तैयारी चल रही है। लेकिन यह खुशखबरी केवल पैसे वालों के लिए है। गरीब बेचारे जो मन मार कर जी रहे थे उन्हें पैसों का जुगाड़ करना पड़ेगा। लेकिन हाई कोर्ट के फैसले से महिलाएं दुखी दिख रही हैं उन्हें फिर से डर सताने लगा है कि पति फिर पीकर आएगा और.....

कही्ं खुशी कहीं गम

खैर निचले तबके की महिलाओं को डर नहीं क्योंकि हाई कोर्ट ने देशी पर रोक जारी रखते हुए विदेशी पर से प्रतिबंध हटाने की बात कही है। इससे वो महिलाएं खुश हैं जिन्हें किट्टी पार्टी में शान दिखाने के लिए वाइन चाहिए होता था।

पढें - बिहार में शराबबंदी पर सरकार को झटका, हाइकोर्ट ने कहा- शराब रखना गैरकानूनी नहीं

पूर्ण शराबबंदी से बिहार में राजस्व पर भी असर पड़ा था, विदेशी पर्यटकों ने बिहार आना छोड़ दिया था। लोग तो डर के मारे होमियोपैथ की दवा खाने में भी परहेज करने लगे थे। पूर्ण शराबबंदी के बाद नीतीश कुमार ने कानून को और सख्ती से लागू करने का निर्देश देते हुए कहा था कि घर में शराब की बोतल मिली तो घर के व्यस्क भी जेल जाएंगे।

जहरीली शराब पीकर मर गए थे कई

लोग काफी डरे हुए थे। निचले तबके के लोग अपनी जान की परवाह किेए बगैर जहरीली शराब पीकर मौत को गले लगा रहे थे। बिहार में गांजा, चरस, अफीम की तस्करी बढ गई थी। बाहर से आने वाले सैनिकों को भी हिदायत दी गई थी कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी है, इसकी वजह से कई सैनिकों को जेल में भी रहना पड़ा था। इन तमाम बातों का साइड इफेक्ट तो देखने को मिल ही रहा था। एेसे में हाई कोर्ट से मिली इस खुशी पर आदी लोगों के चेहरे पर मुस्कान आना स्वाभाविक है।

नीतीश कुमार को लगा करारा झटका

राजनीतिक महकमे की बात करें तो शराबबंदी को लेकर नीतीश कुमार देश व्यापी अभियान चलाने की बात कह रहे हैं, एेसे में पटना के हाई कोर्ट का यह फैसला उनके राजनीतिक भविष्य पर भी कुठाराघात है। राज्य-राज्य में घूमकर शराबबंदी के लिए सराहना बटोरने वाले नीतीश कुमार के लिए यह करारा झटका है। हाई कोर्ट ने तो यह भी कह दिया कि नीतीश अपने राजनीतिक फायदे के लिए नया शराबबंदी लागू करने की वकालत कर इसे इतना सख्त बनाकर लागू करना चाहते हैं।

पढें - बिहार में उठने लगी शराबबंदी के खिलाफ आवाज, हाईकोर्ट में सुनवाई आज

अब चाहे जो हो....विदेशी तो मिलेगी ना

अब चाहे जो कुछ भी हो, बिहार के पियक्कड़ लोगों ने कुछ राहत की सांस ली है। बड़े तबके के पीने वालों के लिए आज जश्न का दिन है। लोगों के चेहरों पर खुशी देखी जा रही है। अब दुकान ढूंढकर लोग आज रातभर मय के प्याले छलकाएंगे, एेसा लगता है.....


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