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CM नीतीश की विपक्ष को खरी-खरी, मीरा को हारने के लिए बनाया राष्ट्रपति प्रत्याशी

मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि विपक्ष ने मीरा कुमार को हारने के लिए राष्‍ट्रपति प्रत्‍याशी बनाया है। यह एक बड़ी भूल है। नीतीश ने कहा कि उनका समर्थन रामनाथ कोविंद को है।

By Amit AlokEdited By: Published: Fri, 23 Jun 2017 07:55 PM (IST)Updated: Sat, 24 Jun 2017 09:15 PM (IST)
CM नीतीश की विपक्ष को खरी-खरी, मीरा को हारने के लिए बनाया राष्ट्रपति प्रत्याशी
CM नीतीश की विपक्ष को खरी-खरी, मीरा को हारने के लिए बनाया राष्ट्रपति प्रत्याशी

पटना [जेएनएन]। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव इफ्तार पार्टी में बिहार के सीएम नीतीश कुमार का फैसला बदलने में नाकामयाब रहे। राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा के प्रत्‍याशी रामनाथ कोविंद को समर्थन की घोषणा कर चुके नीतीश ने इफ्तार पार्टी से बाहर निकलते ही विपक्ष पर जोरदार हमला किया। उन्‍होंने सीधा सवाल किया कि क्या बिहार की बेटी (मीरा कुमार) काे हारने के लिए राष्‍ट्रपति प्रत्‍याशी बनाया गया है?

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राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की इफ्तार पार्टी के बाद मीडिया से मुखातिब नीतीश ने राष्‍ट्रपति पद के लिए मीरा कुमार की उम्‍मीदवारी को विपक्ष की बड़ी भूल बताया। उन्‍होंने कहा कि उन्‍हें हारने के लिए उम्‍मीदवार बनाया गया है। नीतीश ने फिर दुहराया कि वे भाजपा के राष्‍ट्रपति प्रत्‍याशी रामनाथ कोविंद के साथ हैं। यह उनका सोचा-समझा फैसला है।

मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि रामनाथ काेविंद ने बिहार के राज्‍यपाल के रूप में निष्‍पक्षता के साथ सराहनीय कार्य किया है। बिहार के राज्‍यपाल सीधे राष्‍ट्रपति बनने जा रहे हैं। यह प्रसन्‍नता की बात है। इसपर सोच-समझकर जदयू ने उन्‍हें समर्थन दिया है।

नीतीश ने कहा कि विपक्ष ने मीरा कुमार को हारने के लिए राष्‍ट्रपति प्रत्‍याशी बनाया है। विपक्ष को चाहिए कि वह 2019 के लोकसभा चुनाव की रणनीति बनाए और जीत दर्जकर मीरा कुमार को अगले राष्‍ट्रपति चुनाव का प्रत्‍याशी जीतने के लिए बनाए।

करने दीजिए 'ऐतिहासिक भूल'

लालू के उस बयान पर, जिसमें उन्‍होंने नीतीश के फैसले को 'ऐतिहासिक भूल' बताया है, कहा कि यह उनकी सोच है। नीतीश ने इसपर प्रतिक्रिया व्‍यक्‍त करने से इन्‍‍कार कर दिया। उन्होंने कहा, 'लालू जी आपको क्या कहते हैं मुझे उस पर कुछ नहीं कहना है। जब 17 पार्टियां एक साथ बैठीं और एक उम्मीदवार तय किया तो उनका फर्ज था अपील करना। कहा जा रहा है कि ऐतिहासिक भूल है....तो करने दीजिए... छोड़ दीजिए।'

नीतीश ने कहा कि जदयू स्वतंत्र निर्णय लेती है। पिछली बार जब प्रणव मुखर्जी यूपीए के राष्‍ट्रपति प्रत्‍याशी थे, तब उन्‍होंने एनडीए में रहते हुए भी उनका समर्थन किया था।

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विपक्षी एकता को झटका!
बहरहाल, जदयू का भाजपा उम्मीदवार को समर्थन विपक्ष की एकता के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। इससे बिहार में महागठबंधन के भविष्य को लेकर भी कयासों के नए दौर की शुरुआत हो गई है। हालांकि, नीतीश ने अपने फैसले को पार्टी विशेष का फैसला बताते हुए कहा कि इससे महागठबंधन की एकता पर कोई अांच नहीं आएगी।

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