नीतीश ने जारी किया सरकार का रिपोर्ट कार्ड, मांझी ने कहा, मैं भी करूंगा
बिहार में अब रिपोर्ट कार्ड की सियासत हो रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 10 सालों के अपने कार्यकाल में हुए विकास का रिपोर्ट कार्ड पेश किया। उधर, पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने कहा कि वे भी अपने कार्यकाल का रिपाेर्ट कार्ड जारी करेंगे।
पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को संवाद कक्ष में राज्य सरकार के दस साल का लेखा-जोखा पेश करते हुए कहा कि 'न्याय के साथ विकास' के संकल्प पर कायम हूं। जनता की सेवा से पीछे नहीं हटूंगा। करीब एक घंटे पांच मिनट के अपने संबोधन में उन्होंने अपने काम पर संतोष जाहिर किया।
प्रदेश के करीब 3.5 लाख नियोजित शिक्षकों को मानदेय के स्थान पर एक जुलाई 2015 से वेतनमान देने की घोषणा की। माह के अंत तक इसकी अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। पत्रकार पेंशन योजना एक अगस्त से लागू की जाएगी। लोक शिकायतों के निवारण के लिए अगले सत्र से विधेयक लाया जाएगा। प्रारंभ में सूचना सचिव प्रत्यय अमृत ने अतिथियों का स्वागत किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा, आयुष, चिकित्सा शिक्षा के चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति की आयु 65 से बढ़ाकर 67 साल की जाएगी। टोला सेवक एवं शिक्षा स्वयंसेवी के मानदेय में तीन हजार और किसान सलाहकार सेवकों के मानदेय में दो हजार रुपये की बढ़ोतरी होगी।
सभी नियोजित शिक्षक, टोला सेवक, शिक्षक स्वयंसेवी, आशा, ममता, आंगनबाड़ी सेवक व सेविका, विद्यालय के रसोइया, अनुबंध पर कार्यरत कनीय व सहायक अभियंता, चिकित्सक, किसान सलाहकार, कृषि समन्वयक, डाटा इंट्री ऑपरेटर, कार्यपालक सहायक, आइटी मैनेजर की कार्य के दौरान मृत्यु होने पर सरकार उनके निकटतम आश्रितों को चार लाख अनुग्रह राशि देगी। टोला और शिक्षा स्वयंसेवी की सेवा एवं सामाजिक उत्थान के कार्य के लिए 60 साल की आयु तक सेवा ली जाएगी।
बकौल नीतीश, स्वास्थ्य प्रक्षेत्र में निजी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए निवेश प्रोत्साहन नीति शीघ्र ही शुरू की जाएगी। जन-निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत जयप्रभा अस्पताल परिसर में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल खोला जाएगा। बिहटा स्थित इएसआइ अस्पताल को अधिग्रहित करके सरकारी अस्पताल के रूप में संचालित किया जाएगा। मधुबनी, सीतामढ़ी, शिवहर, मोतिहारी, लखीसराय, अस्थावां, डेहरी-ऑन-सोन और वैशाली पॉलीटेक्निक में इसी सत्र से पढ़ाई शुरू की जाएगी।
नीतीश ने कहा कि विकास का मतलब लोगों का विकास है। पिछले दस साल में राज्य में कानून का राज, बुनियादी ढांचा और मानव विकास पर काफी प्रगति हुई। माध्यमिक स्तर तक स्कूलों में छात्राओं की संख्या करीब-करीब छात्रों के समान हो गई है। बिहार के विकास की चर्चा देश- दुनिया में हो रही है, जिसके अध्ययन किए जा रहे हैं और कई राज्य बिहार का मॉडल अपना रहे हैं।
कुछ लोग कृषि के क्षेत्र में द्वितीय हरित क्रांति की बात कर रहे हैं, जबकि बिहार में इंद्रधनुषी क्रांति हुई है। बिहार ने धान और गेहूं के उत्पादन में रिकार्ड बनाया है। शहद के उत्पादन में बिहार देश भर में अव्वल है। नोबेल पुरस्कार विजेता जॉर्ज स्टग्लेट ने भी मशरूम की खेती में महिलाओं के योगदान की काफी सराहना की। इसके बावजूद कुछ लोगों को विकास नजर नहीं आता है तो मैं कोई सहयोग नहीं कर सकता हूं! मैंने आंख का इलाज कराया है, नेत्र रोग विशेषज्ञ की जानकारी दे सकता हूं!
जनता की राय से विजन डाक्यूमेंट : बकौल नीतीश, राज्य सरकार ने दस सालों में अपने हिसाब से काम किया। भविष्य का बिहार कैसा होना चाहिए, इसको लेकर 40 हजार गांवों के लोगों से राय ली जाएगी। चुनाव आचार संहिता लागू होने से कुछ देर के लिए इस काम में रुकावट आ गई थी, लेकिन अब फिर से काम शुरू हो गया है। अभी तक 18 हजार गांवों के लोगों से राय ली गई है। लोगों की राय के आधार पर विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया जाएगा। अगस्त के दूसरे सप्ताह तक कार्ययोजना तैयार करने की योजना है।
मौके पर वित्त मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी, पथ निर्माण मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, ग्रामीण कार्य मंत्री श्रवण कुमार, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री नरेन्द्र नारायण यादव, पशु व मत्स्य मंत्री बैद्यनाथ सहनी, शिक्षा मंत्री पीके शाही, स्वास्थ्य मंत्री रामधनी सिंह समेत कई मंत्री और वरीय अधिकारी मौजूद थे।