रबी फसलों के लिए तीन पटवन की डीजल सब्सिडी, धान क्रय पर 300 का बोनस
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को सुखाड़ की वजह से उत्पन्न स्थिति और धान अधिप्राप्ति की तैयारियों के संबंध में उच्चस्तरीय बैठक की। मुख्यमंत्री के सात सर्कुलर रोड स्थित आवास में हुई बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि रबी फसलों के लिए तीन पटवन की डीजल सब्सिडी मिलेगी।
पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को सुखाड़ की वजह से उत्पन्न स्थिति और धान अधिप्राप्ति की तैयारियों के संबंध में उच्चस्तरीय बैठक की। मुख्यमंत्री के सात सर्कुलर रोड स्थित आवास में हुई बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि रबी फसलों के लिए तीन पटवन की डीजल सब्सिडी मिलेगी।
कृषि विभाग इस आशय का प्रस्ताव शीघ्र ही कैबिनेट की मंजूरी के लिए लाएगा। खरीफ फसलों के लिए डीजल सब्सिडी के लिए आवंटित राशि के वितरण की गति को मुख्यमंत्री ने तेज करने का निर्देश दिया। अब 31 दिसंबर तक खरीफ फसलों के लिए डीजल सब्सिडी के आवेदन दिए जा सकेंगे। मालूम हो कि 30 नवंबर को इसकी तारीख खत्म हो रही थी।
खरीफ फसलों के लिए डीजल सब्सिडी को ले आवंटित 300 में से 42 करोड़ रुपये ही वितरित हो पाए हैं। बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि जिन जिलाधिकारियों ने तकनीकी बाधा बताकर डीजल सब्सिडी का वितरण बीच में ही रोक दिया उनपर कार्रवाई होनी चाहिए। डीजल सब्सिडी वितरण को लेकर आदर्श आचार संहिता कहीं आड़े नहीं आ रही थी पर कुछ जिलाधिकारियों ने इस बारे में चुनाव आयोग से अनुमति का पत्र भेज दिया और सब्सिडी की राशि का वितरण प्रभावित हो गया।
आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव व्यासजी ने बताया कि खरीफ फसलों के लिए डीजल सब्सिडी वितरण की तारीख तीस नंवबर को ख्रत्म हो रही है पर अब सब्सिडी के आवेदन 31 दिसंबर तक लिए जाएंगे। जिन किसानों ने अपनी फसल को डीजल खरीदकर बचा लिया उन्हें तारीख बढ़ा देने से सब्सिडी का लाभ मिल जाएगा। डीजल सब्सिडी की राशि का उपयोग वे रबी फसल के लिए कर सकेंगे। खरीफ फसल के लिए दो डीजल सब्सिडी बिचड़ों के लिए थी और तीन पटवन के लिए।
मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक में यह भी तय हुआ कि रबी फसलों के लिए भी सरकार तीन पटवन के लिए डीजल सब्सिडी देगी। एक लीटर पर बीस रुपये की डीजल सब्सिडी सरकार उपलब्ध कराती है। दलहन के लिए दो पटवन की डीजल सब्सिडी मिलेगी। रबी के लिए सब्सिडी तय करने का प्रस्ताव शीघ्र ही कैबिनेट की मंजूरी के लिए लाया जाएगा। इस बारे में कृषि विभाग को प्रस्ताव तैयार करने को कहा गया है।
सुखाड़ से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा के क्रम में मुख्यमंत्री ने आने वाले समय में पेयजल संकट की संभावना पर भी बातें कीं। कहा कि इस बात की आशंका है कि भूजल स्तर नीचे जा सकता है। इसके लिए जल संकट को ध्यान में रख बने मानक प्रक्रिया (एसओपी) के आधार पर अभी से काम आरंभ करने का निर्देश दिया गया।
धान अधिप्राप्ति के संबंध में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि इस काम को शुरू करा दिया जाए। पिछले वर्ष 24 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इस बार 30 लाख मीट्रिक टन क्रय का लक्ष्य है। तय हुआ कि राज्य सरकार धान अधिप्राप्ति पर प्रति क्विंटल 300 रुपये का बोनस देगी। एक किसान से अधिकतम सौ क्विंटल धान का क्रय होगा।
पैक्स और व्यापार मंडल के माध्यम से धान की खरीद होगी। इसके अतिरिक्त अनुमंडल स्तर पर राज्य खाद्य निगम (एसएफसी) द्वारा भी क्रय केंद्र खोले जाएंगे। जो किसान धान बेचना चाहते हैं उनका डाटा बैंक तैयार किया जा रहा है। इस बारे में स्थानीय स्तर पर किसानों को प्रेरित किया जाएगा कि वे वसुधा केंद्र जाकर अपना नाम आन लाइन दर्ज करवा दें। मुख्यमंत्री ने कहा कि धान क्रय में आइटी का अधिक से अधिक उपयोग किया जाए। यह भी निर्देश दिया कि वित्त विभाग बिहार राज्य खाद्य निगम के लिए एक वित्तीय सलाहकार नियुक्त करे।
बैठक में उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, जल संसाधन मंत्री ललन सिंह, स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव, वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री कृष्णनंदन वर्मा, सहकारिता मंत्री आलोक मेहता सहित कई अन्य महकमों के मंत्री, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, विकास आयुक्त शिशिर सिन्हा व कृषि उत्पादन आयुक्त विजय प्रकाश भी उपस्थित थे।