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लालू के बचाव में खुलकर आगे आए नीतीश

बीफ को लेकर मचे राजनीतिक घमासान के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लालू प्रसाद के बचाव में खुलकर सामने आए। ट्विटर पर 'आस्क नीतीश' स्लॉट पर पूछे गए प्रश्नों के जवाब में उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद ने ऐसा कुछ नहीं कहा है जो भाजपा उनके हवाले से कह रही है।

By Amit AlokEdited By: Published: Fri, 09 Oct 2015 08:20 AM (IST)Updated: Fri, 09 Oct 2015 08:24 AM (IST)
लालू के बचाव में खुलकर आगे आए नीतीश

पटना। बीफ को लेकर मचे राजनीतिक घमासान के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुरुवार को राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के बचाव में खुलकर सामने आए। ट्विटर पर 'आस्क नीतीश' स्लॉट पर पूछे गए प्रश्नों के जवाब में उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद ने ऐसा कुछ नहीं कहा है जो भाजपा उनके हवाले से कह रही है।

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लालू प्रसाद ने इस मुद्दे पर खुद अच्छी तरह सफाई दे दी है। मैं यहां यह बात दोहराना चाहता हूं कि बिहार में बीफ कोई मुद्दा नहीं है। भाजपा इसे चुनावी मुद्दा बनाने की भरपूर कोशिश कर रही है, लेकिन बिहार की जनता इसे मुद्दा बनने नहीं देगी। 'आस्क नीतीश' पर सवाल पूछे जाने के इस कार्यक्रम का संचालन पत्रकार बरखा दत्त ने किया।

लालू प्रसाद द्वारा अमित शाह के लिए नरभक्षी शब्द इस्तेमाल किए जाने पर क्या आप लालू प्रसाद की क्लास लगाएंगे, इस सवाल के जवाब में नीतीश कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद बहस की मर्यादा को गिराया है। उनके साथ-साथ भाजपा के उनके अन्य सहयोगियों ने भी ऐसा ही किया है।

मैं राजनीति में हमेशा अच्छी भाषा के इस्तेमाल की वकालत करता रहा हूं। यह तो जनता के देखने की बात है कि भाजपा किस तरह के शब्दों का इस्तेमाल कर रही है। बिहार के लोग बुद्धिमान हैं, वे इस तरह के प्रयासों को देख रहे हैं और इन्हें खारिज कर देंगे। इस सवाल पर कि क्या लालू प्रसाद के साथ तालमेल को लेकर आपको अंदर ही अंदर पछतावा है, उन्होंने कहा कि मैं सीखने में विश्वास रखता हूं, पछतावे में नहीं।

अरविंद केजरीवाल के साथ तालमेल के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके साथ कोई तालमेल नहीं है। नीतीश कुमार से यह भी पूछा गया कि उन्होंने बहस के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को क्यों चुनौती दी है, वह तो बिहार का मुख्यमंत्री बनने के लिए प्रयास नहीं कर रहे?

इसपर नीतीश कुमार ने कहा कि या तो नरेंद्र मोदी या उनकी पार्टी किसी को सीएम पद का उम्मीदवार घोषित करे जिसके साथ मैं बहस कर खुशी महसूस करूंगा या वे खुद मुझसे बहस करें। मैंने तो उन्हें बहस के लिए इस कारण चुनौती दी है कि वह बिहार के मुख्यमंत्री का अतिरिक्त प्रभार लेना चाहते हैं।

अभी मेरे पास जो काम है वह बिहार जीतने का है और बिहार के लोगों को सबसे बेहतर शासन देने का है। जो सर्वे आ रहे हैं वह कितने सही हैं इसका विश्लेषण मैं पत्रकारों और विश्लेषकों पर छोड़ता हूं।

उनसे जब यह पूछा गया कि प्रधानमंत्री महागठबंधन को 'महास्वार्थबंधन' बता रहे हैं, नीतीश कुमार ने कहा कि वे हर दिन ऐसे शब्दों का बिना किसी तथ्य के इस्तेमाल करते हैं। अगर आप हार गए तो क्या आगे अरविंद केजरीवाल या ममता बनर्जी के साथ मिल नया गठबंधन बनाएंगे?

इस पर उन्होंने कहा कि हम 8 नवंबर तक इंतजार करें। आपको ऐसी किसी स्थिति या संभावना के लिए परेशान होने की जरूरत नहीं है। प्रधानमंत्री आपके गठबंधन की तुलना 'बिग बॉस' से कर रहे हैं जहां हर लोग एक दूसरे से लड़ते हैं, इस सवाल के जवाब में नीतीश कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री टीवी शो देखने का समय निकाल लेते हैं।

इतनी विदेश यात्राओं, सभी मंत्रियों पर कंट्रोल और कई राज्यों के लिए प्रोक्सी सीएम बनने और पार्टी में अकेली आवाज रहने के बावजूद समय निकाल लेते हैं, आश्चर्य है। यह पूछे जाने पर कि प्रधानमंत्री ने दादरी की घटना पर कहा है कि सभी को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के सिद्धांतों पर चलना चाहिए, नीतीश कुमार ने कहा कि दादरी की घटना पर प्रधानमंत्री को सीधे देश के लोगों से बात करने की हिम्मत दिखानी चाहिए और इस घटना की भरपूर निंदा करनी चाहिए


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