सहेलियों की नजर में पढ़ाई में तेज थी शिखा
पटना। शिखा शुक्ला अवसाद में थी। उसका सुसाइड नोट भी बता रहा है और अतीत भी।
पटना। शिखा शुक्ला अवसाद में थी। उसका सुसाइड नोट भी बता रहा है और अतीत भी, परंतु एनआइटी की छात्राओं की नजर में ऐसा कहीं से नहीं था कि वह आत्महत्या कर ले। उसकी सीनियर साथियों ने कहा कि वह आम तौर पर अकेले भी नहीं रहती थी। दोस्तों के साथ समय बिताया करती थी। उसकी एक और सहेली ने कहा कि पढ़ने में भी आम स्टूडेंट से अधिक समय देती थी। हालांकि उसने अंक हमेशा औसत ही हासिल किया था। आम तौर पर हमेशा उसके हाथ में कोई न कोई किताब होती थी। शिखा की एक सहपाठी ने कहा कि वह रात में भी देर तक पढ़ती रहती थी। उसे घूमने-फिरने का भी शौक था। वह राज्य के कई पर्यटन स्थलों में घूमने गई थी।
- बचाने के लिए दौड़ पड़े सभी
शिखा और उसकी कई सहेलियों का हॉस्टल करीब 10-15 दिन पहले ही बदला गया था। सभी नए हॉस्टल में आकर खुश थीं। शिखा की एक सहेली ने कहा कि उसे जब फंदे से नीचे उतारा गया, तो सबसे पहले उसकी नब्ज देखी गई। लगा कि नब्ज चल रही थी। सांसों में भी सुगबुगाहट महसूस हो रही थी। उसे तुरंत हॉस्पिटल ले जाया गया, लेकिन वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
- अतिरिक्त गतिविधियों में रहती थी शामिल
एनआइटी के इस छात्रा के बारे में यह भी खास है कि वह अतिरिक्त गतिविधियों में काफी रुचि रखती थी और उनमें शामिल होती थी। शिखा एनआइटी में पढ़ते हुए यहां की तमाम गतिविधियों में शामिल रहती थी। वह एनआइटी में डीएसटी इंस्पायर की सदस्य, पैरलल वर्ल्ड की क्रिएटिव मेंबर और कोरोना की संयोजक भी रही थी। साथ ही उसने यहां पर माइक्रोसॉफ्ट इंडिया और अपटेक कंप्यूटर एजुकेशन में डाटा स्ट्रक्चर का प्रशिक्षण भी लिया था। शिखा ने यहां बाइट वर्ल्ड 17 में भी भाग लिया था।
- जारी रहेगी परीक्षा
कॉलेज में अभी परीक्षा चल रही है। खुद शिखा बुधवार को परीक्षा में बैठी थी। उसकी परीक्षा प्रथम पाली में हुई थी। कॉलेज के एक शिक्षक ने कहा कि इस घटना के बाद भी परीक्षा जारी रहेगी। परीक्षा स्थगित करने की स्थिति में कैंपस सलेक्शन आदि को लेकर भी दिक्कत हो जाएगी, क्योंकि सभी तिथियां निर्धारित की जा चुकी हैं। शिखा की परीक्षा पांच मई तक थी।