एनआइटी पटना की बीटेक छात्रा ने की आत्महत्या
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान पटना (एनआइटी) की बीटेक छठे सेमेस्टर की छात्रा ने आत्महत्या कर ली।
पटना। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान पटना (एनआइटी) की बीटेक छठे सेमेस्टर (आइटी- तृतीय वर्ष) की छात्रा शिखा शुक्ला ने बुधवार को गंगा हॉस्टल में अपने रूम में फंदा डालकर कमरे के पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली। छात्रा उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले के 5/10 जोगराज स्ट्रीट की रहने वाली है।
घटना की जानकारी शाम सवा पांच बजे के करीब उस वक्त हुई जब उसकी रूम-मेट परीक्षा देने के बाद अपने कमरे पर पहुंची। करीब 20 मिनट खटखटाने पर भी दरवाजा नहीं खुला तो उसने दरवाजे के ऊपर लगे रोशनदान से अंदर झांका। अंदर अपनी रूम-मेट को पंखे से लटकता देख उसने तत्काल हॉस्टल की अन्य साथियों को बुलाया। रोशनदान से हाथ डालकर कमरे के दरवाजे की चिटकनी खोली गई। तत्काल एंबुलेंस से उसे पीएमसीएच ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
कमरे मिला सुसाइड नोट
शिखा एनआइटी के न्यू गंगा हॉस्टल के कमरा नंबर 304 में रहती थी। उसके कमरे से पुलिस को पांच पन्ने में लिखा सुसाइड नोट हाथ लगा है। डिप्रेशन की दवाइयां भी मिली हैं। सुसाइड नोट में उसने खुद को डिप्रेशन से पीड़ित होने का जिक्र किया है। इस कदम को उठाने के पीछे किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया है। पहले पन्ने में उसने मनोचिकित्सक की कही बातों का जिक्र किया है, जिससे वह इलाज करवा रही थी। आगे के तीन पन्नों में उसने घर और परिवार के लोगों की बातें लिखी है और अंतिम पेज पर ब्वॉयफ्रेंड का जिक्र किया है। उसने ब्वॉयफ्रेंड मन्नू को अपनी पढ़ाई पूरी कर ऊंचा मुकाम हासिल करने की दुआ दी है।
पहली पाली में थी परीक्षा
संस्थान के एक शिक्षक के अनुसार छात्रा की सुबह 10 से दोपहर एक बजे की पाली में परीक्षा थी। अनुमान लगाया जा रहा है कि पेपर अच्छा नहीं होने के कारण उसने यह कदम उठाया है। उसकी रूम-मेट व कक्षा की सहपाठी घटना के समय नहीं थी क्योंकि पूर्व के सेमेस्टर में बैक-पेपर होने के कारण वह दोपहर 2:00 से शाम 5:00 बजे की पाली में परीक्षा देने गई थी। सुबह की परीक्षा के बाद उसने हॉस्टल में खाना खाया व चाय पी। इस दौरान उसका व्यवहार सामान्य था।
लंबे समय से डिप्रेशन में थी शिखा
पुलिस ने शिखा के परिजनों से बातचीत की तो मालूम हुआ कि वह लंबे समय से डिप्रेशन से पीड़ित थी। पढ़ने में सामान्य थी। पिछले सेमेस्टर में उसे 6.6 सीजीपीए हासिल हुआ था। छात्रा के डिप्रेशन से पीड़ित होने के कारण उसकी मां भी कुछ सप्ताह हॉस्टल में साथ रहकर गई थीं। छात्रा की परिस्थिति को ध्यान में रखकर उन्हें हॉस्टल में रहने की अनुमति दी गई थी। एनआइटी की काउंसलर भी उसका ट्रीटमेंट कर रही थी। मां के जाने के बाद उसने अपनी एक क्लासमेट को साथ रहने का अनुरोध किया था। संस्थान ने उसकी स्थिति को ध्यान में रख इसकी अनुमति दे दी थी। यह रूममेट राजधानी के आरपीएस मोड़ इलाके की रहने वाली है।
बारहवीं के बाद उठाया था आत्मघाती कदम
घटना की जानकारी मिलने के बाद शिखा के पिता विजय शुक्ला, मां और नाते-रिश्तेदार पटना के लिए रवाना हो गए हैं। विजय सरकारी नौकरी में हैं। सूत्रों की मानें तो वह ऐसी घटना के लिए पहले से आशंकित थे। बारहवीं की परीक्षा के बाद शिखा ने आत्मघाती कदम उठाया था। घरवालों की नजर उसपर पड़ गई और उसे बचा लिया गया था। इसके बाद कानपुर के एक मनोचिकित्सक उसका इलाज कर रहे थे।
--------------------
कोट :
एनआइटी, पटना के गर्ल्स हॉस्टल में इंजीनिय¨रग की छात्रा ने खुदकशी कर ली। कमरे से सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है। शव को पीएमसीएच में रखा गया है। परिजनों के आने के बाद आगे की कार्रवाई होगी।
- मो. कैसर आलम, थानाध्यक्ष, पीरबहोर।