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Indo Nepal Border: नेपाल ने भारत को दी है धमकी- तटबंध हटा लें, नहीं तो तोड़ देंगे, बिहार की बढ़ी चिन्ता

नेपाल ने भारत नदी के तटबंध के एक हिस्से को हटाने की बात कही है और धमकी देते हुए कहा है कि अगर तटबंधन नहीं हटाया तो इसे तोड़ देंगे। इससे अब बिहार में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Tue, 07 Jul 2020 08:09 AM (IST)Updated: Wed, 08 Jul 2020 07:26 PM (IST)
Indo Nepal Border: नेपाल ने भारत को दी है धमकी- तटबंध हटा लें, नहीं तो तोड़ देंगे, बिहार की बढ़ी चिन्ता
Indo Nepal Border: नेपाल ने भारत को दी है धमकी- तटबंध हटा लें, नहीं तो तोड़ देंगे, बिहार की बढ़ी चिन्ता

पटना, जेएनएन। नेपाल ने भारत को धमकी दी है कि वो अगर तटबंध नहीं हटाता तो वो उसे तोड़ देगा। इससे अब बिहार में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। नेपाल ने रौतहट जिला प्रशासन ने बंजरहा के पास भारतीय सीमा में नो मेंस लैंड से सटे हुए लालबकेया नदी के तटबंध के एक हिस्से को हटाने की धमकी देते हुए कहा है कि हटाएं अन्यथा इसे तोड़ देंगे। नेपाल ने दावा किया है कि बिहार सरकार के जल संसाधन विभाग ने दो मीटर चौड़ा और 200 मीटर लंबा तटबंध नो-मेंस लैंड को अतिक्रमित कर बनाया है।

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चेतावनी देते हुए नेपाल ने कहा है कि अगर इसे हटाया नहीं गया तो इसे तोड़ कर हटा देंगे। इससे अब खतरा इस बात का है कि बरसात के इस मौसम में अगर नेपाल से सटे तटबंध को हटाया गया, तो इलाके के लोगों को बाढ़ से जान-माल का भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।

सीडीओ वासुदेव घिमिरे ने कहा-

रौतहट के सीडीओ (डीएम) वासुदेव घिमिरे ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नेपाली मीडियाकर्मियों से कहा है कि दोनों देशों की भू-मापक टीम द्वारा की गयी पैमाइश में पाया गया है कि बॉर्डर पिलर संख्या 346/5 से पिलर संख्या 346/7 के बीच 11 स्थानों पर पिलर बनाया गया है। मापी में पाया गया है कि बांध को कहीं दो मीटर तो कहीं एक मीटर नो-मेंस लैंड को अतिक्रमित कर बनाया गया है।

उन्होंने बताया गया है कि दोनों देशों के सुरक्षाकर्मियों व अधिकारियों की उपस्थिति में नो-मेंस लैंड को अतिक्रमण कर बागमती तटबंध बनाने की पुष्टि के बाद नो-मेंस लैंड को खाली करने पर सहमति बनी है। नो-मेंस लैंड के बीच में बने पिलर से 9.1 मीटर उत्तर व दक्षिण अर्थात 18.2 मीटर नो-मेंस लैंड की जमीन पहले से ही निर्धारित है।

नेपाल ने दी है धमकी

नो-मेंस लैंड की जमीन पर कोई निर्माण कार्य नहीं होना है। इसके बावजूद भी वहां तटबंध बना दिया गया है।रौतहट डीएम ने यहां तक कह दिया कि नो-मेंस लैंड पर बने बांध को हटाने पर दोनों देशों के अधिकारियों के बीच सहमति बन गयी है। इसके बावजूद भी बांध को नहीं हटाया गया, तो नेपाल सरकार स्वयं बांध हटा देगी।

विवाद में रहा है बांध

मालूम हो कि अधवारा समूह की लालबकेया नदी का यह वही तटबंध है, जिसकी मरम्मत को नेपाल के सुरक्षाकर्मियों ने पिछले दिनों रोक दिया था। बागमती प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता जमील अनवर ने बताया कि तटबंध हटाने का ऐसा कोई निर्देश उन्हें नहीं मिला है। अभी वह बाढ़ व कटाव निरोधक कार्य में लगे हैं। उन्हें किसी तरह की मापी किये जाने की जानकारी नहीं है।


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