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नेपाल में अस्थायी डैम ध्वस्त, खतरा बढ़ा

नेपाल के म्याग्दी जिले के रामछे गांव के समीप भूस्खलन के बाद काली गंडकी नदी में गिरा पहाड़ तोड़ दिया गया है। सोमवार की दोपहर बाद अस्थायी डैम ध्वस्त होने से नदी का जलस्तर बढ़ गया। तेज बहाव के कारण नेपाल में व्यापक क्षति की सूचना है।

By pradeep Kumar TiwariEdited By: Published: Mon, 25 May 2015 09:43 PM (IST)Updated: Tue, 26 May 2015 10:07 AM (IST)
नेपाल में अस्थायी डैम ध्वस्त, खतरा बढ़ा

पश्चिम चंपारण। नेपाल के म्याग्दी जिले के रामछे गांव के समीप भूस्खलन के बाद काली गंडकी नदी में गिरा पहाड़ तोड़ दिया गया है। सोमवार की दोपहर बाद अस्थायी डैम ध्वस्त होने से नदी का जलस्तर बढ़ गया। तेज बहाव के कारण नेपाल में व्यापक क्षति की सूचना है।

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देर रात तक गंडक बराज पर पानी पहुंचने की संभावना है। नदी में बह कर आ रहे कचरे से अनहोनी की आशंका है। गंडक बराज के सभी 36 फाटक खोलने के बाद भी दाएं और बाएं तटबंध पर कटाव का खतरा मंडरा रहा है। अभियंताओं की टीम वहां कैंप कर रही है।

यूपी के अभियंता भी पहुंचे हैं। बी गैप बांध पर भी अभियंता कैंप कर रहे हैं। संपर्क व भूअर्जन कार्यालय के अधिकारी विश्वबंधु यादव ने बताया कि जलस्तर में वृद्धि की संभावना है। यूपी सिंचाई विभाग के अभियंता आरके पांडेय, सहायक अभिंयता एमके सिंह, ज्ञानशंकर, सुनील कुमार साही, केएन पांडेय सहित गंडक बराज के सहायक अभिंयता मो. जिलानी आदि ने कहा कि पानी डिस्चार्ज के पूर्व मलबे को हटाने का कार्य जारी रहने से बहुत अधिक नुकसान की संभावना नहीं है।

उधर, हालात को देखते हुए नेपाली प्रशासन द्वारा ध्वनि विस्तारक यंत्र से नदी के आसपास एवं तटीय इलाकों के गांवों में सतर्कता के लिए प्रचार प्रसार किया जा रहा है। नेपाल, उत्तर प्रदेश और बिहार के निचले इलाके में बसे गांवों के लोगों को सतर्क कर दिया गया है। गंडक पार के गांवों में बसे लोगों को ऊंचे स्थानों पर जाने की सलाह दी गई हैै। भारतीय क्षेत्र में एसएसबी एवं स्थानीय पुलिस द्वारा आम जनता में जागरुकता फैलाई जा रही है। नेपाल गंडक नियंत्रण संघर्ष समिति के सचिव दूधनाथ गुप्ता ने बताया कि नेपाली प्रशासन के सहयोग से नदी के बीच पड़े मलबे को धीरे-धीरे हटाया जा रहा है।

गौरतलब है कि गंडक बराज की डिजाइनिंग डिस्चार्ज क्षमता 8 लाख 50 हजार क्यूसेक की है। लेकिन 1 जुलाई 2002 को महज 6 लाख 29 हजार क्यूसेक जल दबाव के कारण गंडक बराज का दायां तटबंध (एफलेक्स) बांध टूट गया था। नदी में सिल्ट जमा हो जाने के कारण वर्तमान में इसकी क्षमता 4 लाख क्यूसेक हो गई है। यदि पानी का दबाव अधिक हुआ तो गंडक बराज को क्षति होने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है।

मुजफ्फरपुर के आठ प्रखंडों में हाई अलर्ट

नेपाल में भूस्खलन के बाद बाढ़ की आशंका को देखते हुए जिले के आठ प्रखंडों में प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी किया है। इन प्रखंडों में साहेबगंज, पारू, औराई, कटरा, गायघाट, बोचहां, मीनापुर व कांटी शामिल हैं। अपर समाहर्ता आपदा प्रबंधन भानु प्रताप सिंह ने इन अंचलों के अंचलाधिकारी को पत्र भेज कर पूरी सतर्कता बरतने का निर्देश दिया है।

इन्होंने बताया-

'बराज से पानी छोड़े जाने की स्थिति में इस क्षेत्र तक पहुंचने में दो दिन लगेंगे। इससे गंडक नदी के जलस्तर में वृद्धि हो सकती है। बूढ़ी गंडक की स्थिति में कोई विशेष बदलाव नहीं होगा। जिले को बाढ़ का कोई खतरा नहीं है, फिर भी सभी अभियंताओं को अलर्ट कर दिया गया है। स्थिति पर सतत निगरानी रखी जा रही है।'

- ई.ओमप्रकाश अंबरकर, मुख्य अभियंता,जल संसाधन विभाग


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