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नालंदा बस हादसा: कदम-कदम पर हुई लापरवाही लील गई आठ जिंदगियां

बिहार के नालंदा में गुरुवार को एक बस आग का गोला बन गई। दुर्घटना में मरने वालों की संख्‍या कम होती, अगर ये लापरवाहियां नहीं की गई होतीं।

By Amit AlokEdited By: Published: Thu, 25 May 2017 08:31 PM (IST)Updated: Fri, 26 May 2017 11:13 PM (IST)
नालंदा बस हादसा: कदम-कदम पर हुई लापरवाही लील गई आठ जिंदगियां
नालंदा बस हादसा: कदम-कदम पर हुई लापरवाही लील गई आठ जिंदगियां

पटना [जेएनएन]। नालंदा में गुरुवार को आग का गोला बने बस में 20 यात्री जल गए। इनमें आठ के मरने की प्रशासनिक पुष्टि हो चुकी है। घटना में बस चालक से लेकर प्रशासन व फायर ब्रिगेड तक की लापरवाही सामने आई है। बस में आग लगने के बाद चालक ने लापरवाही की। आगे लगने के बाद सुरक्षा व राहत कर्मी विलंब से पहुंचे।

लापरवाही नंबर 01 : आग को लेकर लापरवाह रहा चालक

बताया जाता है कि पटना से शेखपुरा जा रही बस में हरनौत पहुंचने के पहले आग लग गई। कुछ बस यात्रियों की मानें तो पहले आग धीमी थी। चालक इसी हालत में बस को एक किमी तक खींच ले गया। बस हरनौत पहंची ही थी कि अचानक आग का गोला बन गई। इसके बाद चालक बस छोड़कर फरार हो गया।

लापरवाही नंबर 02 : बस में रखे थे ज्‍वलनश्‍ाील पदार्थ

कुछ यात्रियों के अनुसार बस के अंदर बोनट पर रखे बोरा से आगे शुरू हुई। कुछ लोगों के अनुसार इंजन व मौसम की गर्मी से आग लगी। कुछ लोगों की मानें तो बोरे में ज्‍वलनशील पदार्थ रखे थे। जिला प्रयाासन ने माना है कि बस में फल पकाने के लिए कारबाइड ले जाया जा रहा था। बस की छत पर दो एलपीजी सिलेंडर होने की बात भी कही जा रही है।

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लापरवाही नंबर 03 : खराब था आपातकालीन दरवाजा

बस का पिछला आपातकालीन दरवाजा बंद था। उसे बंद कर वहां सीट बना दी गई थी। ऐसे में वह समय पर नहीं खुला। अगर वह खुल जाता तो पीछे की सीट पर बैठे यात्री बाहर निकल सकते थे।

लापरवाही नंबर 04 : विलंब से पहुंचा फायर ब्रिगेड

जान-माल की क्षति कम होती, अगर मौके पर फायर ब्रिगेड की गाडि़यां समय पर पहुंचतीं। स्‍थानीय लोगों के अनुसार फायर ब्रिगेड का दस्‍ता घटना के घंटों बाद पहुंचा। तबतक बस जल चुकी थी। फायर ब्रिगेड के दस्‍ते ने जली बस को बुझाने का काम किया।

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लापरवाही नंबर 05 : बसों की जांच में लापरवाही

राजधानी पटना से बसों में ज्‍वलनशील पदार्थ लेकर चलना नई बात नहीं। बसों से शराब की बोतलें व हथियार आदि भी मिलते रहे हैं। लेकिन, बसों की नियमित जांच नहीं की जाती। इससे बस ऑपरेटर बेखौफ होकर अवैध धंधे का संचालन करते हैं। इस बस में भी ज्‍वलनशील पदार्थ थे और इसकी जांच नहीं हुई।

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