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बिहार चुनाव : लालू-नीतीश के गुब्बारे की हवा निकाल गये मोदी

करीब सौ दिनों पहले 25 जुलाई को मुजफ्फरपुर के चक्कर मैदान की परिवर्तन रैली में जिस धमाका के साथ मोदी ने अपने बिहार अभियान की शुरूआत की थी, आज दरभंगा राज मैदान की चुनावी रैली का समापन भी कुछ उसी धमाकेदार अंदाज में किया।

By Pradeep Kumar TiwariEdited By: Published: Tue, 03 Nov 2015 08:20 PM (IST)Updated: Wed, 04 Nov 2015 09:53 AM (IST)
बिहार चुनाव : लालू-नीतीश के गुब्बारे की हवा निकाल गये मोदी

दरभंगा [सुभाष पांडेय]। मंडन मिश्र, विद्यापति और बाबा नागार्जुन की धरती मिथिला में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालू-नीतीश के आरक्षण के गुब्बारे की न सिर्फ हवा निकाल दी बल्कि, यहां तक कह दिया कि अब इन दोनों में मुख्यमंत्री कौन होगा इसकी नहीं, बल्कि नेता प्रतिपक्ष कौन हो, इसको लेकर लड़ाई शुरू हो गई है।

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मिथिला की राजधानी कहे जाने वाले दरभंगा में आज मोदी की बिहार विधानसभा चुनाव की यह आखिरी चुनावी रैली थी। करीब सौ दिनों पहले 25 जुलाई को मुजफ्फरपुर के चक्कर मैदान की परिवर्तन रैली में जिस धमाका के साथ मोदी ने अपने बिहार अभियान की शुरूआत की थी, आज दरभंगा राज मैदान की चुनावी रैली का समापन भी कुछ उसी धमाकेदार अंदाज में किया।

विधानसभा के इस चुनाव में प्रधानमंत्री ने बिहार के कोने-कोने को मथ दिया था। पड़ोस के मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, सीतामढ़ी और समस्तीपुर में प्रधानमंत्री की बड़ी-बड़ी चुनावी रैलियां हो चुकी थी। दरभंगा ही एकमात्र ऐसा जिला रह गया था, जहां उनकी चुनावी रैली नहीं हुई थी।

इस वजह से भी आज उनके आगमन को लेकर सुबह से लेकर देर शाम तक शहर पूरी तरह अस्त व्यस्त रहा। जहां देखो जाम ही जाम। राज मैदान की कौन कहे आस पास के गली और मुहल्ले भी रैली के रंग में रंग गए थे। युवा-युवतियों की तो बात ही छोड़ दें, पैसठ-सत्तर साल के बूढ़े बुजुर्ग भी भगवा टोपी राज मैदान की ओर बढ़े जा रहे थे।

नरेंद्र मोदी भी बिहार की इस आखिरी चुनावी रैली के लिए पूरे रंग में आए थे। आते ही बोले, लोकसभा चुनाव में आया था तो समय की कमी के चलते दस पंद्रह मिनट ही मिल पाया था। आज वह पूरे पचास-पचपन मिनट बोले। महागठबंधन जिसे वह महास्वार्थगठबंधन कहा करते हैं उसे और उसके नेता लालू यादव और नीतीश कुमार को तार तार करके रख दिया।

प्रधानमंत्री ने कहा, बिहार में विकास के मुद्दे पर चुनाव लडऩे की सोच कर यहां आया। मैंने विकास पर ही चुनाव को केंद्रीत रखने की कोशिश की। लेकिन, बड़े भाई और छोटे भाई को यह मंजूर नहीं था। एक काल्पनिक हौवा खड़ा किया गया। जहां गए आरक्षण-आरक्षण।

मुझे लगा वे गुब्बारे के सहारे उड़ रहे हैं। पहले तो मैं गुब्बारा फूलने दिया। जब यह पूरी तरह से फूल गया तो एक छोटी सी सुई चुभो दी। इनकी तो हवा ही निकल गई। रो रहे हैं। तिलमिला रहे हैं कि मोदी को क्या जवाब दें। मुंह दिखाने के लायक भी नहीं रहे।

अब कम्यूनलिज्म के गीत गा रहे हैं। पिछले एक हफ्ते से आरक्षण का नाम लेना भूल गए हैं। उन्हें पता नहीं है यह मोदी है मोदी। झूठ की खेती वैसे भी बहुत दिन नहीं चलती। उन्होंने कहा, मैंने ऐसी सबक सिखाई है कि अब इस देश में कोई जाति और संप्रदाय के आधार पर वोट नहीं मांगेगा। विकास के नाम पर ही वोट मांगे जाएंगे।

दरभंगा की इस चुनावी रैली का एक खास महत्व है। पीएम ने यहां से देश में दीमक की तरह जड़ जमा रहे भ्रष्टाचार पर भी हमला बोला। बोले बिहार में दीमक लग गया है। इंजेक्शन की जरूरत है। फिर मुद्दे पर आ गए। बोले नीतीश जी ने कहा था जो करप्सन में पकड़ा जाएगा उसके घर में स्कूल खोलेंगे।

इनका एक मंत्री घूस लेते रंगे हाथ पकड़ाया। क्या मंत्री के घर पर स्कूल खोले। लालू यादव जिसको करप्सन के कारण सजा हुई उनके घर क्या स्कूल खुला? फिर बोले इस करप्सन रूपी दीमक को ही खत्म करने निकला हूं। आर्शीवाद दीजिए।


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