Move to Jagran APP

13 जिलों के एमवीआइ की नियुक्ति की होगी जांच

राजधानी पटना सहित 13 जिलों में तैनात मोटर यान निरीक्षकों (एमवीआइ) की नौकरी पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 28 May 2017 03:06 AM (IST)Updated: Sun, 28 May 2017 03:06 AM (IST)
13 जिलों के एमवीआइ की 
नियुक्ति की होगी जांच
13 जिलों के एमवीआइ की नियुक्ति की होगी जांच

पटना। राजधानी पटना सहित 13 जिलों में तैनात मोटर यान निरीक्षकों (एमवीआइ) की नौकरी पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। सूचना का अधिकार के तहत बिहार कर्मचारी चयन आयोग (बीएसएससी) द्वारा की गई एमवीआइ की नियुक्ति में बड़े पैमाने पर धांधली उजागर हुई है। कई स्तरों पर कदाचार की बात सामने आई है। कुछ अभ्यर्थी जाली कागजात बनवा कर नियुक्त हो गए तो अधिकांश कटऑफ से कम अंक पाने वालों में शामिल हैं। इंटरस्तरीय प्रतियोगी परीक्षा के पेपर लीक कांड की जांच कर रही एसआइटी को फर्जी तरीके से बहाल एमवीआइ के नाम मिल गए हैं।

loksabha election banner

एसआइटी प्रमुख सह एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि एमवीआइ नियुक्ति की जांच करने के लिए राज्य सरकार और परिवहन विभाग को अनुशंसा भेजी जा रही है। पेपर लीक कांड के अनुसंधान की केस डायरी में भी इसका जिक्र किया जाएगा। गौरतलब है कि बीएसएससी के पूर्व सचिव परमेश्वर राम के अगमकुआं स्थित आवास से एमवीआइ परीक्षा के प्रश्नपत्र बरामद किए गए थे। इसका उल्लेख पेपर लीक कांड के जब्ती सूची में है।

-----------------------

आयोग ने सामान श्रेणी में माना था सभी को

बीएसएससी के तत्कालीन अध्यक्ष अमरेंद्र नारायण सिंह और सचिव बैधनाथ प्रसाद दफ्तुआर ने परिवहन विभाग को 31 जनवरी 2011 को पत्राचार किया था, जिसमें कहा था कि साक्षात्कार के आधार पर सभी अभ्यर्थियों को सामान्य श्रेणी में मानकर बहाली की गई है। साक्षात्कार कुल 25 अंक था। सामान्य प्रशासनिक एवं सुधार विभाग के अनुसार सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थियों के लिए 40 फीसद अंक पर कटऑफ निर्धारित होता है। आयोग ने पत्र के साथ परिवहन विभाग को 20 सफल अभ्यर्थियों की सूची भी भेजी थी।

------------------

कटऑफ से सात अभ्यर्थियों को मिले थे कम अंक

आरटीआइ की रिपोर्ट के अनुसार मेरिट लिस्ट में पटना के एमवीआइ अमिताभ कुमार को 8 अंक मिले थे, जबकि वह सामान्य श्रेणी में आते हैं, जिसके लिए 25 अंक में से 10 अंक लाना अनिवार्य है। उनके दो जन्मतिथि प्रमाणपत्र होने के दस्तावेज मिले हैं। नियुक्ति के वक्त उन्होंने केवल दो साल का अनुभव प्रमाणपत्र दिया था। वैशाली के एमवीआइ अनूप कुमार सिंह 25 में से पांच अंक मिले थे। वह भी सामान्य श्रेणी में आते हैं। इसी श्रेणी में आने वाले कटिहार एमवीआइ सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी को 24 फीसद यानी छह अंक प्राप्त हुए थे। अनुसूचित जाति से आने वाले औरंगाबाद एमवीआइ रंजीत कुमार को भी छह अंक आए थे। इन्होंने एक साल का प्रमाणपत्र दिया था। नियमावली के अनुरूप भी अगर बहाली हुई होती तो अनुसूचित जाति के अभ्यर्थियों को 32 फीसद अंक लाना अनिवार्य है, जबकि रंजीत को मात्र 24 फीसद अंक मिले थे। पिछड़ा वर्ग से आने वाले गया जिले के एमवीआइ को 20 फीसद यानी 5 अंक मिले थे। वर्ष 2016 में बहाल हुए सुपौल एमवीआइ अनिल कुमार को 28 फीसद यानी सात अंक आए थे। उन्होंने नियुक्ति के वक्त अनुभव प्रमाणपत्र भी नहीं दिया था।

-----------------------

सुजीत कुमार के लाइसेंस को हाईकोर्ट ने किया था रद

नियुक्ति से संबंधित वाद (सीडब्ल्यूजेसी) संख्या 3326/2006 की सुनवाई में ही हाईकोर्ट ने बिहारशरीफ एमवीआइ सुजीत कुमार के ड्राइविंग लाइसेंस को रद कर दिया था। वह अनुसूचित जाति से आते हैं। उनका कटऑफ 32 फीसद था और उन्हें उतने ही अंक यानी 8 मिले थे। हालांकि आयोग ने सभी को सामान्य श्रेणी पर बहाल करने की बात कही थी, जिसके अनुसार 10 अंक लाना अनिवार्य था। वहीं सासाराम और भभुआ जिलों के एमवीआइ मृत्युंजय कुमार को हेवी गुड्स व्हकिल व हेवी पैसेंजर व्हकिल के लाइसेंस को जाली बताया गया है। इनकी भर्ती पर राज्यसभा सांसद अली अनवर ने भी आपत्ति जताई थी और आयोग को पत्र भेजा था। किशनगंज एमवीआइ कुमार विवेक ने नियुक्ति के वक्त कोई अनुभव प्रमाणपत्र नहीं दिया गया था। सहरसा एमवीआइ निशांत कुमार के दो जन्मतिथि (एक जनवरी 1970 और 11 जून 1977) प्रमाणपत्र होने के कागजात मिले हैं। दोनों प्रमाणपत्रों में पिता का नाम भी विभिन्न है। मधुबनी और सीतामढ़ी जिलों के एमवीआइ सुनील कुमार सिंह हेवी मोटर व्हकिल और हेवी पैसेंजर व्हकिल के लाइसेंस एक ही तिथि (तीन सितंबर 2007) को जारी किए गए थे। नियमानुसार दोनों तरह लाइसेंस निर्गत की तिथि में कम से कम एक माह का अंतर होना चाहिए।

-----------------------

नियुक्ति के वक्त मांगे गए थे ये दस्तावेज

सितंबर 2007 में विज्ञापन संख्या 2607 के माध्यम से मोटर यान निरीक्षक की नियुक्ति के लिए आवेदन मांगे गए थे। इस पद के लिए ऑटोमोबाइल अथवा मैकेनिकल ट्रेड से तीन वर्षो का नियमित डिप्लोमा होना अनिवार्य था। इसके अलावा 25 अंकों का साक्षात्कार लिया गया और श्रेणी वार कटऑफ अंक प्राप्त करना था। साथ ही सितंबर 2007 से पहले निर्गत हुआ मोटरसाइकिल लाइसेंस, लाइट मोटर व्हकिल प्रोफेशनल लाइसेंस, हेवी गुड्स व्हकिल लाइसेंस और हेवी पैसेंजर लाइसेंस की मांग की गई थी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.