बिहार के लिए खास है सचिन की ये फिल्म, तिरंगा लहराते दिखा ये फैन
शक्रवार को रिलीज फिल्म "सचिन ए मिलियन ड्रीम" बिहार के लोगों के लिए खास है। इस फिल्म में सचिन के सबसे बड़े फैन के रूप में पहचान बनाने वाले सुधीर कुमार को भी दिखाया गया है।
पटना [जेएनएन]। शक्रवार को रिलीज फिल्म "सचिन ए बिलियन ड्रीम" बिहार के लोगों के लिए खास है। इस फिल्म में सचिन के सबसे बड़े फैन के रूप में पहचान बनाने वाले मुजफ्फरपुर के सुधीर कुमार को भी दिखाया गया है। 2.07 मिनट के ट्रेलर में सुधीर तिरंगा लहराते हुए दिख रहे हैं।
सुधीर पहली बार सचिन से मिले थे तो उनके पैर पकड़ लिए थे। सुधीर इन दिनों मुंबई में हैं। वह बुधवार को मुजफ्फरपुर की प्रसिद्ध शाही लीची लेकर सचिन के घर पहुंचे। इंडियन क्रिकेट टीम और सचिन के साथ सुधीर ने भी फिल्म का प्रिमियर देखा। अभी वह कुछ दिन मुंबई में ही रूकने वाले हैं। इसके बाद इंग्लैंड जाने का प्लान है।
सुधीर ने कहा कि शुक्रवार को मैं उसी रूप में तैयार होऊंगा जैसा फिल्म में दिखाया गया है। इसके बाद बाइक से मुंबई घूमने का प्लान है। मैं लोगों के साथ फिल्म भी देखूंगा।
सुधीर ने बताया कि सचिन से उनकी मुलाकात की कहानी काफी रोचक है। क्रिकेट से उनका शुरू से ही लगाव था। उनका सपना क्रिकेटर बनने का था। वे सचिन को खेलते देखना काफी पसंद करते थे। एक दिन उनके एक दोस्त ने सलाह दी कि तुम मुंबई जाकर सचिन तेंदुलकर से मिलो। तुम्हारी लाइफ बन जायेगी। सुधीर को भी यह प्रस्ताव अच्छा लगा लेकिन पैसों की कमी राह में रूकावट बन रही थी। उनके पास मुंबई जाने तक के पैसे नहीं थे।
सुधीर ने अपने इस रूकावट को दूर करने का एक नायाब तरीका निकाला। घर में रखी अपनी साइकिल की मरम्मत की और निकल पड़े मुंबई। अपनी धुन में चलते हुए वह वानखेड़े स्टेडियम तो पहुंच गये लेकिन सचिन से मुलाकात नहीं हो पायी।
इसके बाद सुधीर उस होटल में पहुंच गये, जहां टीम इंडिया के खिलाड़ी रूके हुए थे। उन्होंने सचिन को देखते ही उनका पैर पकड़ लिया। सचिन ने सुधीर को उठाया और बात की। सुधीर सचिन से इतने प्रभावित हुए कि उनका फैन बन गये।
सचिन जहां भी मैच खेलने जाते, सुधीर उनका हौंसला आफजाई करने पहुंच जाते। स्टेडियम में जाने से पहले अपनी बाडी को पेंट करते और फिर पीठ पर तेंदुलकर व 10नं. लिखते थे।
वर्ष 2002 से 2012 तक सचिन का मैच देखने के लिए सुधीर देश के कई राज्यों के साथ-साथ एक बार पाकिस्तान और आठ बार बांग्लादेश साइकिल चलाकर गये।
साइकिल से मैच देखने जाने का यह सिलसिला वर्ष 2012 तक चलता रहा। वर्ष 2012 में जब सचिन ने 100 वां अंतरराष्ट्रीय शतक मारा तब तक सफर यूं ही चलता रहा।
सुधीर कहते हैं कि सचिन को यूं ही नहीं क्रिकेट का भगवान कहा जाता है। वे अपने प्रशंसकों को भी हमेशा खुश देखना चाहते हैं। जब भी वे सचिन को फोन करते हैं तो वह फोन जरूर उठाते हैं। साथ ही हमेशा मदद के लिए भी पूछते हैं।
सुधीर का कहना है कि पूरी जिंदगी वे शरीर पर मिस यू सचिन लिखकर मैच देखते रहेंगे। सचिन को हमेंशा वे भगवान की पूजते रहेंगे।