शरद यादव के बहाने चर्चा में स्वत: सदस्यता जाने का प्रावधान, जानिए मामला
जदयू के बागी नेता शरद यादव के बहाने पार्टी से स्वत: सदस्यता जाने का प्रावधान चर्चा में है। अगर ऐसा होता है तो शरद की सांसदी भी चली जाएगी।
पटना [राज्य ब्यूरो]। शरद यादव के बहाने फिर से एक बार स्वत: दल त्याग व सदन की सदस्यता जाने के प्रावधान की चर्चा शुरू हो गयी है। प्रावधानों के अनुसार दूसरे दल के आयोजन में पार्टी लाइन से अलग होकर शामिल होना स्वत: दल त्याग है। ऐसे में संसद या विधानमंडल की सदस्यता भी चले जाने का प्रावधान है। ऐसे में अगर शरद यादव पार्टी लाइन से अलग होकर राजद की रैली में शामिल होते हैं तो उनकी संसद की सदस्यता स्वत: चली जाएगी।
मालूम हो कि जदयू के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने पिछले दिनों कहा था कि शरद यादव पर कार्रवाई के मामले में पार्टी 27 अगस्त तक इंतजार करेगी। शरद अगर 27 अगस्त को राजद की गांधी मैदान में होने वाली रैली में शामिल होंगे तो यह बर्दाश्त से बाहर की बात होगी और पार्टी सख्त निर्णय लेगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को एक अनौपचारिक चर्चा में कहा कि दूसरे दल के आयोजन में पार्टी लाइन से अलग होकर शामिल होने पर तो स्वत: सदस्यता जाने का प्रावधान है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व में बिहार में इस तरह का एक मामला आया भी है। एक सांसद की सदस्यता गयी थी। इस प्रावधान की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि तकनीकी प्रावधान इस तरह का है कि अगर कोई व्यक्ति कहीं से दूसरे के मंच पर संबंधित सदस्य की कोई तस्वीर भी पार्टी अध्यक्ष के पास भेज देता है तो यह सीधे-सीधे स्वत: दल त्याग का मामला बनता है।
नीतीश कुमार व केसी त्यागी के बयानों को संकेत मानें तो शरद को पार्टी ने पूरी तरह घेर लिया है। अगर वे पार्टीलाइन के बाहर जाकर राजद की रैली में शामिल होते हैं तो उनकी राज्यसभा सांसदी जानी तय है।
जदयू तोडऩे की कवायद पर पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे विधायकों को तोडऩे की कोशिश की गयी। पर हमें इस बात का भरोसा था कि हमारे विधायक टूटेंगे नहीं। उन्हें जो-जो प्रलोभन दिया गया, उन्होंने हमें आकर बताया।