मेवालाल चौधरी को हाईकोर्ट से मिली राहत, नहीं होगी गिरफ्तारी
सबौर कृषि विश्वविद्यालय में हुए शिक्षक नियुक्ति फर्जीवाड़े के मुख्य आरोपी पूर्व कुलपति और जदयू नेता मेवालाल चौधरी की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।
पटना [जेएनएन]। धोखाधड़ी के एक मामले में जदयू से निष्कासित विधायक मेवालाल चौधरी को शुक्रवार को पटना हाईकोर्ट से अंतरिम राहत मिल गई। न्यायाधीश बिरेन्द्र कुमार की पीठ ने केस की डायरी आने तक पुलिस को विधायक की गिरफ्तारी एवं दंडात्मक कार्रवाई करने से रोक दिया है। केस डायरी आने के बाद उनकी अग्रिम जमानत पर फिर से सुनवाई होगी।
बिहार कृषि कॉलेज सबौर भागलपुर के तत्कालीन कुलपति मेवालाल चौधरी के खिलाफ सहायक प्रोफेसर एवं जूनियर साइंटिस्ट की नियुक्ति में जालसाजी करने का आरोप लगा है। इस सिलसिले में सबौर थाना कांड संख्या 35/2017 दर्ज की किया गयाव था।
सुनवाई में वरीय अधिवक्ता अभय कुमार सिंह ने कहा कि पूर्व कुलपति पर लगाए गये आरोप में दम नहीं है। कोई भी आरोप सही नहीं प्रतीत नहीं होता है। प्राथमिकी कृषि विश्वविद्यालय के कुल सचिव द्वारा 20 फरवरी को दर्ज कराई गई है। सुनवाई जैसे ही शुरू हुई राज्य सरकार की तरफ से जवाब देने के लिए समय की मांग की गई। इस पर अदालत ने राज्य सरकार को समय देते हुए केस डायरी मंगाने की इच्छा जाहिर की। तब तक के लिए दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी गई।
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इस पर लोक चेतना मंच के संयोजक मिथिलेश कुमार सिंह की ओर से अधिवक्ता आर गिरीयागे ने कहा कि पूर्व कुलपति पर सौ से भी ज्यादा अवैध नियुक्तियां करने का आरोप है। मिथिलेश सिंह ने ही सबसे पहले राज्यपाल से फर्जीवाड़े की शिकायत की थी। जिसपर राज्यपाल ने हाईकोर्ट के सेवानिवृत न्यायाधीश एसएम महफूज आलम से नियुक्ति एवं अन्य प्रकार की नियुक्तियों की जांच कराई थी।
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