35 साल बाद पास हुआ पटना का मास्टरप्लान
लंबे इंतजार के बाद आखिरकार पटना मास्टर प्लान को अमलीजामा पहनाने का रास्ता साफ हो गया। 35 वर्ष बाद एक बार फिर पटना का सुनियोजित विकास संभव हो सकेगा।
पटना। लंबे इंतजार के बाद आखिरकार पटना मास्टर प्लान को अमलीजामा पहनाने का रास्ता साफ हो गया। 35 वर्ष बाद एक बार फिर पटना का सुनियोजित विकास संभव हो सकेगा। सोमवार को पटना मेट्रोपोलिटन कमेटी ने पहली बैठक में मास्टर प्लान पर मुहर लगा दी। इससे पूर्व कमेटी के अध्यक्ष और नगर विकास एवं आवास मंत्री महेश्वर हजारी और उपाध्यक्ष संजय सिन्हा के बीच तीखी बहस भी हुई। बैठक में कमेटी सदस्यों ने बैठक बुलाने और मास्टर प्लान मंजूर कराने में मनमानी करने का आरोप लगाया। सदस्यों ने कहा कि उन्हें मास्टर प्लान पढ़ने और समझने का मौका नहीं दिया गया। उन्हें बैठक के एजेंडे की विस्तृत जानकारी भी नहीं दी गयी।
1961-81 में बना था अंतिम प्लान
सरकार की इस पहल से राजधानी के सुनियोजित विकास का रास्ता साफ हो गया है। इससे पूर्व समिति के सदस्यों के सामने मास्टर प्लान की प्रस्तुति की गई। सरकार ने आगामी दो दशक की विकास योजनाओं को ध्यान में रखकर मास्टर प्लान तैयार किया है। इससे पहले 1961 में 1981 तक के मास्टर प्लान को मंजूरी दी गयी थी। अब 35 वर्ष बाद पटना मास्टर प्लान 2031 को मंजूरी दी गई है।
छह गुणा बढ़ जाएगा आकार
पटना का शहरी क्षेत्र 900 से 1200 वर्ग किमी के दायरे में फैल जाएगा। पटना मेट्रोपोलिटन रीजन का विस्तार बिहटा तक होगा। मास्टर प्लान में सड़क, बिजली, ड्रेनेज, पानी और ट्रासपोर्टेशन पर विशेष जोर दिया गया है। सड़कों की चौड़ाई पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। मुख्य सड़कों को 60 से 80 मीटर और अन्य सड़कों को 24 से 45 मीटर रखना है। इसके अलावा शहर में 24 घटे बिजली और पानी की सप्लाई सुनिश्चित की जाएगी। 2011 की जनगणना के अनुसार पटना शहरी समूह की आबादी 22.50 लाख और 2021 में 28.01 लाख हो जाएगी। इसके अतिरिक्त, विभिन्न जिलों से पटना शहरी समूह में प्रतिदिन आने-जाने वाली यायावर आबादी 2021 तक 3 लाख होने की उम्मीद है। अभी यह लगभग 2 लाख है। पटना नगर निगम की आबादी पटना शहरी समूह की आबादी का 80 प्रतिशत है। पटना नगर निगम की आबादी का घनत्व प्रति हेक्टेयर 137.40 है। इसके बाद अधिकतम घनत्ववाले क्षेत्र क्रमश: खगौल नगर परिषद, फुलवारीशरीफ नगर परिषद और दीघा-मैनपुरा नगर परिषद हैं।
मास्टर प्लान क्या खास
मास्टर प्लान में समग्र क्षेत्र के साथ-साथ सामुदायिक प्रखंडों और ग्राम स्तर तक की संभावनाओं का ख्याल रखा गया है। पटना मेट्रोपोलिटनएरिया करीब 1150 वर्ग किमी का होगा। मास्टर प्लान में बिहटा एयर बेस को शामिल करने की योजना प्रस्तावित है।
कमेटी के सदस्य रहे मौजूद
पटना मेट्रोपोलिटन कमेटी की बैठक में बतौर अध्यक्ष नगर विकास एवं आवास मंत्री महेश्वर हजारी, प्रधान सचिव चैतन्य प्रसाद, पटना जिलाधिकारी संजय अग्रवाल, पटना का मास्टर तैयार करने और निरमा विवि अहमदाबाद के इंस्टीट्यूट ऑफ आर्किटेक्चर एंड प्लानिंग के निदेशक उत्पल शर्मा सहित कमेटी के 52 सदस्य मौजूद थे।
कमेटी में छह विशेषज्ञ शामिल
एनजीटी की रोक को देखते हुए पटना मेट्रोपोलिटन कमेटी में छह विशेषज्ञों को विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। इनमें नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स दिल्ली के निदेशक, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन ट्रासपोर्ट दिल्ली के निदेशक, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ आर्किटेक्ट बिहार चैप्टर के अध्यक्ष, इंस्टीट्यूट ऑफ टाउन प्लानर बिहार चैप्टर के अध्यक्ष और नेशनल इंस्टीयूट ऑफ टेक्नोलॉजी पटना के डिपार्टमेंट आफ आर्किटेक्चर एंड टाउन प्लानिंग के विभागाध्यक्ष भी शामिल किए गए हैं।
बयान :
सरकार ने तुगलकी फरमान जारी कर मास्टर प्लान को मंजूरी दी है। यह सीधे-सीधे कमेटी में निर्वाचित सदस्यों का अपमान है। किसी सदस्य की कोई राय नहीं ली गई। सदस्यों को उनके वार्ड और क्षेत्र के बारे में समझने और बोलने का मौका नहीं दिया गया। कमेटी के अध्यक्ष, नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव और जिलाधिकारी ने मनमानी कर मास्टर प्लान मंजूरी का एलान कर दिया। पटना कासुनियोजित विकास सभी सदस्यों का सपना है। हर स्तर पर सहयोग के लिए सभी सदस्य तैयार हैं लेकिन एनजीटी की आपत्तियों के निस्तारण के लिए क्या कदम उठाया गया इसकी जानकारी भी नहीं दी गई।
- संजय सिन्हा, उपाध्यक्ष, पटना मेट्रोपोलिटन कमेटी