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मैन्यूफैक्चरिंग यूनिटें भी आएंगी जीएसटी के दायरे में

वस्तु एवं सेवा कर के एक जुलाई से लागू होने की उम्मीद है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 19 Mar 2017 03:06 AM (IST)Updated: Sun, 19 Mar 2017 03:06 AM (IST)
मैन्यूफैक्चरिंग यूनिटें भी आएंगी जीएसटी के दायरे में
मैन्यूफैक्चरिंग यूनिटें भी आएंगी जीएसटी के दायरे में

पटना। वस्तु एवं सेवा कर के एक जुलाई से लागू होने की उम्मीद है। इसके दायरे में मैन्यूफैक्च¨रग यूनिटें भी आएंगी। ये बातें शनिवार को बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन की ओर से आयोजित जीएसटी विषयक कार्यशाला में सीए धर्मेद्र कुमार श्रीवास्तव ने कहीं।

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तीन तरह के जीएसटी

कहा कि अभी तीन तरह के अप्रत्यक्ष कर केंद्र सरकार की ओर से लगाये जा रहे हैं। ये सभी कर सीजीएसटी (सेंट्रल गुड्स एंड सर्विस टैक्स) में समाहित हो जाएंगे। इसी तरह से राज्य सरकार की ओर से वैट, इंटरटेन्मेंट टैक्स आदि लगाए जाते हैं जो एसजीएसटी (स्टेट गुड्स एंड सर्विस टैक्स) के रूप में समाने आएंगे। अलावा, जो उद्यमी अंतरराज्यीय कारोबार करते हैं उन्हें आइजीएसटी (इंटीग्रेटेड गुड्स एंड सर्विस टैक्स) देना होगा। आयात-निर्यात करने वाले कारोबारी भी इसी दायरे में आएंगे।

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लेना होगा आइटी पासवर्ड

नियमानुसार जो कारोबारी पूर्व से निबंधित हैं वे स्वत: जीएसटी में माइग्रेट हो जाएंगे। लेकिन उन्हें आइटी पासवर्ड लेना होगा। जीएसटी लागू होने से सर्विस सेक्टर को भी फायदा होगा। मैन्यूफैक्च¨रग यूनिटें भी जीएसटी के दायरे में होंगी। सर्विस सेक्टर और ट्रेडर तो होंगे ही।

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एक जगह के लिए एक रजिस्ट्रेशन

अगर आप बिहार में कारोबार करते हैं, और ट्रेडिंग करते हैं तो एक ही रजिस्ट्रेशन होगा। अगर यही कारोबार आप अन्य राज्यों में कर रहे हैं तो हर राज्य में रजिस्ट्रेशन कराना होगा।

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हर महीने तीन रिटर्न

हर महीने तीन बार रिर्टन भरना होगा। इस तरह से वर्ष में कुल 36 रिटर्न दाखिल करना होगा। अलावा, एक बार एनुअल रिटर्न भी दाखिल करना होगा। एनुअल रिटर्न और हर माह भरा गया कुल 36 रिटर्न का मिलान भी कराया जाएगा। इसलिए रिटर्न में विशेष सावधानी बरतनी होगी। अगर आपका कारोबार दो या तीन राज्यों में फैला है तो वहां भी इस प्रक्रिया को अपनाना होगा।

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चार तरह के टैक्स

जीएसटी में टैक्स की दरें चार तरह की होंगी। 5, 12, 18 और 28 फीसद की दर से टैक्स लिया जाएगा। एक दर शून्य का भी है। आवश्यक वस्तुओं पर रियायती दरें लागू होंगी। यह क्रमश: पांच और 12 फीसद होंगी। व्यावसायिक वस्तुओं पर 18 एवं 28 फीसद की दर से टैक्स लगेगा। निर्यातकों के लिए टैक्स की दर शून्य होगी।

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मौके पर सीए मनु अग्रवाल, बीआइए टैक्सेशन समिति के चेयरमैन पुरुषोत्तम अग्रवाल, को-चेयरमैन एसएस खदड़िया, अरुण कुमार खोवावाला व जेके झुनझुनवाला सहित बड़ी संख्या में व्यवसायी उपस्थित थे।


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