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मोदी के भाषण पर लाइव डिबेट में हथियार बने तथ्यों के लिंक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पटना और मुजफ्फरपुर के कार्यक्रमों में शनिवार को उनके समर्थकों के साथ विरोधी भी पहुंचे। उन्‍होंने सोशल साइट्स पर मोदी के भाषण को लेकर लाइव डिबेट चलाया। अपने तर्कों के समर्थन में उन्‍होंने तथ्य परोसे तथा पुराने भाषणों के लिंक भी दिए।

By Kajal KumariEdited By: Published: Sun, 26 Jul 2015 12:28 PM (IST)Updated: Sun, 26 Jul 2015 01:25 PM (IST)
मोदी के भाषण पर लाइव डिबेट में हथियार बने तथ्यों के लिंक

पटना [अमित आलोक] । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पटना और मुजफ्फरपुर के कार्यक्रमों में शनिवार को उनके समर्थकों के साथ विरोधी भी पहुंचे। सोशल साइट्स पर मोदी के भाषण को लेकर लाइव डिबेट चल रही थी। तथ्य भी परोसे जा रहे थे और पुराने भाषणों के लिंक भी। हाईटेक डिबेट में कोई भी पीछे रहने को तैयार नहीं था। विरोध होने पर फौरन ही प्रमाण के लिंक भी शेयर किए जा रहे थे। यह जंग अभी भी जारी है।

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सुरक्षा की दृष्टि से प्रधानमंत्री के कार्यक्रम स्थलों पर एक खास परिधि के भीतर 'जैमर लगे थे, जिससे हाईटेक डिबेट में लगे लोगों को परेशानी हुई, लेकिन वे इस दायरे के बाहर रहकर स्मार्टफोन से अपने पोस्ट लगातार अपलोड करते रहे। ऐसे लोग टीवी पर भी प्रधानमंत्री के भाषण सुनकर अपनी बात रखते रहे। पक्ष-विपक्ष की इस डिबेट के चलते सोशल साइट्स पर मोदी का बिहार दौरा देर रात तक छाया रहा।

पटना के वेटनरी कॉलेज ग्राउंड में जैसे ही मोदी ने यह कहा कि वित्त आयोग 2015 से 2020 के भीतर राज्य को पौने चार लाख करोड़ रुपये देगा, पटना के मो. मुश्ताक ने ट्विटर पर लिखा, 'प्रधानमंत्री पहले काला धन तो वापस लाएं।'

इसके समर्थन में एक विरोधी ने लिखा, 'विदेशों में जमा काला धन देश में लाकर हर नागरिक के अकाउंट में 15-15 लाख रुपये जमा करने का वादा पूरा करें मोदी, फिर दें पौने चार करोड़ की सौगात।' उधर फेसबुक पर मोदी के समर्थन में नालंदा से संजीव रॉय ने पोस्ट किया, 'समय जो भी लगे, काला धन तो मोदी ही लाएंगे।'

मोदी के यह याद दिलाने पर कि उन्होंने पिछली बार गांधी मैदान में अपनी रैली के दौरान बिहार को 50 हजार करोड़ रुपये का पैकेज देने का वादा किया था, पटना विश्वविद्यालय के छात्र शुभम राज ने फेसबुक पोस्ट के माध्यम से सवाल किया, '14 महीनों के शासन में अभी तक क्यों नहीं दिया यह पैकेज?'

मोदी के इससे अधिक धन देने के वादे पर शक जाहिर करते हुए एक अन्य पोस्ट उभरा कि कैसे कर लें भरोसा?' उधर, मोदी के समर्थन में दिल्ली विश्वविद्यालय की एक छात्रा अनुभा ने फेसबुक पोस्ट डाला, 'भरोसा तो करना ही पड़ेगा। सबको आजमा लिया, एक बार इनको भी देख लें।'

मुजफ्फरपुर में परिवर्तन रैली के दौरान जैसे ही मोदी ने जनता से उनके सपने पूरे करने के लिए 60 महीने का शासनकाल मांगा, मुजफ्फरपुर से रंजीत कुमार ने ट्विटर पर पूछा, '14 महीनेे में बिहार के लिए क्या किया?'

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 'चंदन व सांप वाले हालिया ट्वीट पर तंज कसते हुए मोदी ने जैसे ही कहा कि यहां की जनता को सांप का जहर नहीं शुद्ध पेयजल चाहिए, तत्काल ही मुजफ्फरपुर से संजय यादव ने फेसबुक पर लिखा, 'तो गंगा को करिए ना साफ, रोक कौन रहा है?' इसके जवाब में सात समंदर पार स्कॉटलैंड से डॉ. सुरेश अवस्थी का पोस्ट उभरा, 'गंगा की सफाई में जनता का भी सहयोग चाहिए। यह तो संभव ही नहीं कि हम गंदगी फैलाएं और मोदी सफाई करते रहें।'

युवाओं को नौकरी देने व बेरोजगारी दूर करने की बात आई तो मुजफ्फरपुर के रोहित गुंजन ने फेसबुक पर लिखा, 'वो तो ठीक है, लेकिन यहां केंद्रीय सेक्टर की नौकरियां क्यों कम हो गई हैं?'

प्रधानमंत्री बिहार आए और वापस दिल्ली चले गए, लेकिन सोशल साइट्स पर उनके भाषणों को लकर पक्ष व विपक्ष में जंग अभी जारी है।


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