सोशल साइट्स पर खूब दौड़ा लालू का टमटम
'पेटा के ब्रेक के बावजूद मंगलवार को फेसबुक पर लालू प्रसाद का टमटम खूब दौड़ लगाता दिखा। नरेंद्र मोदी के 'परिवर्तन रथ' के जवाब में लालू प्रसाद ने टमटम से चुनाव प्रचार का एलान किया है। इसपर 'पेटा' (पशु अधिकार की रक्षा के लिए सक्रिय संस्था) ने विरोध दर्ज किया।
पटना [अमित आलोक]। 'पेटा के ब्रेक के बावजूद मंगलवार को फेसबुक पर लालू प्रसाद का टमटम खूब दौड़ लगाता दिखा। नरेंद्र मोदी के 'परिवर्तन रथ' के जवाब में लालू प्रसाद ने टमटम से चुनाव प्रचार का एलान किया है। इसपर 'पेटा' (पशु अधिकार की रक्षा के लिए सक्रिय संस्था) ने विरोध दर्ज किया है। 'पेटा' के अनुसार यह टमटम के घोड़ों पर अत्याचार है। मंगलवार को इसके पक्ष व विपक्ष में सोशल साइट्स पर खूब बहस हुई।
पटना विश्वविद्यालय के छात्र रंजीत कुमार ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि 'पेटा' को अन्य पशुओं की रक्षा के लिए भी कदम उठाने चाहिए। मुजफ्फरपुर की रजनी, भागलपुर के संजीव व पूर्णिया के कुंदन ने भी फेसबुक पर 'पेटा' के समर्थन में पोस्ट डाले।
कई लोगों ने 'पेटा' की नीयत पर भी सवाल खड़े किए गए हैं। मुंबई से ज्योति रश्मि ट्वीट करती हैं, 'बात घोड़ों की रक्षा से अधिक लालू को परेशान करने की है।' दिल्ली से अनुपम लिखते है, 'इस कदम का तो स्वागत है, लेकिन इसकी टाइमिंग से नीयत पर संदेह होता है।'
इस विवाद को लेकर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने भी फेसबुक पेज पर अपना पक्ष स्पष्ट किया है। लालू ने 'पेटा' से सवाल किया है कि क्या उनके चुनाव प्रचार से पहले टमटम में घोड़ों का प्रयोग नहीं हुआ है? उन्होंने कहा है कि गरीब अपना पेट पालने के लिए टमटम में घोड़े दौड़ा रहे हैं तो 'पेटा' के पेट में मरोड़ आ रहा है। इन घोड़ों से मालिकों का परिवार जैसा लगाव होता है। ये गरीब अपने टमटम के घोड़ों को बूढ़ा होने पर गोली नहीं मार देते, जैसा कि रेस के घोड़ों के साथ किया जाता है।