बिहार बंद के दौरान लालू प्रसाद गिरफ्तार, पटना में कर रहे थे प्रदर्शन
जातिगत जनगणना के मुद्दे पर राजद के सोमवार को बिहार बंद से आम जनजीवन प्रभावित हुआ। राजधानी पटना समेत कई जिलों में परिवहन सेवाएं बाधित रहीं। राजद समर्थकों ने दुकानें बंद कराईं, कई जगह ट्रेनों को रोका और लोगों को रोककर घरों को लौटने को मजबूर किया।
जागरण टीम, पटना। जातिगत जनगणना के मुद्दे पर राजद के सोमवार को बिहार बंद से आम जनजीवन प्रभावित हुआ। राजधानी पटना समेत कई जिलों में परिवहन सेवाएं बाधित रहीं। राजद समर्थकों ने दुकानें बंद कराईं, कई जगह ट्रेनों को रोका और लोगों को रोककर घरों को लौटने को मजबूर किया। पुलिस और प्रशासन से झड़पें भी हुईं।
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पटना में पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद के नेतृत्व में सैकड़ों समर्थकों ने दुकानें बंद कराईं। टमटम से डाक बंगला चौराहे पर पहुंचे लालू को पुलिस ने समर्थकों के साथ गिरफ्तार कर लिया। उन्हें बीएमपी कैंपस में अस्थाई जेल में ले जाया गया, जहां से शाम चार बजे छोड़ दिया गया। बंद के दौरान प्रदेश में सैकड़ों राजद नेता-कार्यकर्ता गिरफ्तार किए गए, बाद में सभी को रिहा कर दिया गया।
सुबह से ही असरदार रहा राजद का बिहार बंद, देखने के लिए क्लिक करें
पटना समेत कई जिलों में राजद समर्थक सुबह से ही सड़कों पर उतर आए थे। कई जगह विरोध-प्रदर्शन हुआ और नारेबाजी की गई। हाईकोर्ट के जजों को भी रोका गया, हालांकि लालू ने कार्यकर्ताओं को हिदायत दी थी कि जरूरी सेवाएं जैसे अस्पताल, दवा दुकानें, एंबुलेंस और स्कूलों को बंद से मुक्त रखा जाएगा।
ज्यादा असर बसों के परिचालन पर देखा गया। बस स्टैंडों पर सन्नाटा रहा। आटो भी कम चले। कुछ मार्गों पर तो आटो गायब थे, हालांकि दोपहर बाद यातायात सामान्य हो गया था।
पटना में डाकबंगला चौराहे पर राजद कार्यकर्ताओं ने विरोध-प्रदर्शन किया और मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे, मुंद्रिका सिंह यादव और देवमुनी यादव के नेतृत्व में लालू के आने से पहले और काफी देर बाद तक चौराहे पर जाम लगा रहा।
पूर्वे ने कहा कि राजद जातिगत जनगणना की लड़ाई को गांवों तक ले जाएगा और आंकड़े प्रकाशित होने तक महासंग्राम मचाएगा। लालू के साथ गिरफ्तारी देने वाले नेताओं में रामचंद्र पूर्वे, मुंद्रिका सिंह यादव, उत्तर प्रदेश राजद के अध्यक्ष अशोक सिंह, तेज प्रताप यादव, तेजस्वी यादव, विधान पार्षद भोला यादव आदि थे।
गया में जीटी रोड पर वाहनों का आवागमन ठप रहा। नालंदा में अधिकांश दुकानें स्वत: बंद रहीं। राजद समर्थकों ने एनएच को जाम कर तीन घंटे तक वाहनों का परिचालन पर ब्रेक लगा दिया। बक्सर में अधिकतर दुकानें बंद रहीं। जबकि यातायात पर असर नहीं रहा। राजद के गढ़ सारण में बंदी का व्यापक असर रहा। दुकानें नहीं खुलीं। सरकारी कार्यालयों को भी बंद करा दिया गया।
बैंकों शाखाओं में भी ताले लटके रहे। नवादा जिले में शहर की दुकानें बंद रही। एनएच 31 को जाम कर यातायात को ठप कर दिया गया। भोजपुर में भी व्यापक असर रहा। कोईलवर पुल पर जाम के कारण लगभग तीन घंटे तक वाहनों का परिचालन ठप रहा।
वही आरा-सासाराम, आरा-पटना, आरा-बक्सर सड़क मार्ग भी जगह-जगह जाम रहने के कारण वाहन परिचालन प्रभावित रहा। बेगूसराय में बंद समर्थकों ने एनएच 31 व 28 पर जगह-जगह टायर जलाकर जाम कर विरोध प्रदर्शित किया। कैमूर जिले में मिलाजुला असर रहा। रोहतास में रेल व आटो का परिचालन सामान्य रहा। दोपहर तक अधिकांश दुकानें बंद रहीं, बाद में स्थिति सामान्य होते ही सभी दुकानें खुल गईं।
गोपालगंज में दोपहर तक शहर की दुकानें पूरी तरह से बंद रही। औरंगाबाद में बंद के दौरान एसडीओ सुरेंद्र प्रसाद ने 234 नेताओं को गिरफ्तार किया। पूर्व केंद्रीय मंत्री डा. कांति सिंह, पूर्व विधायक मो. नेहालुदीन, सुरेश मेहता आदि थाने में दो घंटे तक रहे। बाद में सभी को छोड़ दिया गया। वैशाली में आम जन जीवन पर व्यापक असर पड़ा। सौ से अधिक राजद नेताओं व कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी हुई।