Move to Jagran APP

B'DAY SPL: ऐसे पड़ा अभिनेता मनोज वाजपेयी का नाम, कुछ ऐसा था बचपन

अभिनेता मनोज वाजपेयी आज भी अपनी जड़ों को नहीं भूले हैं। तमाम व्‍यस्‍तताओं के बीच वे अपने गांव व घर के लिए वक्‍त निकाल ही लेते हैं। बर्थडे पर जानिए उनकी ऐसी कुछ खास बातें।

By Amit AlokEdited By: Published: Sun, 23 Apr 2017 08:54 AM (IST)Updated: Sun, 23 Apr 2017 11:06 PM (IST)
B'DAY SPL: ऐसे पड़ा अभिनेता मनोज वाजपेयी का नाम, कुछ ऐसा था बचपन
B'DAY SPL: ऐसे पड़ा अभिनेता मनोज वाजपेयी का नाम, कुछ ऐसा था बचपन

पटना [अमित आलोक]। बॉलीवुड  अभिनेता मनोज वाजपेयी रविवार (23 अप्रैल) को 48 साल के हो गए। इस अवसर पर आज हम बताते हैं उनके बचपन कह कुछ अनकही कहानियां व गांव-घर की बातें।

loksabha election banner

मनोज का जन्‍म बिहार के पश्चिम चंपारण स्थित बेलवा गांव में एक साधारण किसान परिवार में हुआ था। परिवार में अभिनय को लेकर न तो क्रेज था, न इसे पसंद किया जाता था। हां, पिता बीते जमाने के स्‍टार मनोज कुमार के फैन थे, इसलिए बेटे का नाम उनके नाम पर मनोज वाजपेयी रख दिया।

इस राजनेता की बेटी है माल्‍या की कैलेंडर गर्ल, इंस्‍टाग्राम पर डेढ़ लाख फॉलोअर

मनोज की आरंभिक शिक्षा बेलवा गांव में ही हुई। पांचवी कक्षा से उन्हें जिला मुख्‍यालय बेतिया के केआर स्‍कूल में पढ़ने के लिए भेज दिया गया। मनोज ने इसी स्‍कूल से मैट्रिक (10वीं) उत्‍तीर्ण की। फिर, बेतिया के एमजेके कॉलेज से इंटर की पढ़ाई पूरी की। इंटर के बाद मनोज ने दिल्‍ली के रामजस कॉलेज से 1989 में इतिहास (प्रतिष्‍ठा) में डिग्री ली।

शिक्षा अपनी जगह चलती रही, लेकिन मनोज के दिल में बचपन से ही एक्टिंग को लेकर जबरदस्‍त क्रेज था। दिल्‍ली में पढ़ाई के दौरान उन्‍हें यूनिवर्सिटी में एक्टिंग के लिए प्‍लेटफॉर्म भी मिला।लेकिन, जब मनोज ने अपने परिवार में एक्टिंग में करियर बनाने की बात कही तो विरोध हुआ। गांव में पड़ोसियों और रिश्तेदारों ने मजाक उड़ाना शुरू कर दिया।

लेकिन, विरोध व मजाक मनोज को उनके इरादे से डिगा नहीं सके। फिर एक दिन वे मुंबई चले गए। मुंबई में फिल्‍मों में ब्रेक व सफलता का लंबा स्‍ट्रगल चला।इस स्ट्रगल के कारण वे एक बार तो तीन साल तक बिहार नहीं लौट सके थे। तीन साल बाद जब वे लौटे तो मां खुशी से रो पड़ी थीं। 

सफलता के बावजूद मनोज अपनी जड़ों को नहीं भूले हैं। वे शूटिंग की व्‍यस्‍तताओं के बीच मौका निकालकर अक्‍सर अपने गांव जाते रहते हैं। वहां बचपन की यादें ताजा करते हैं। गांव के लोगों को उनका हमेशा इंतजार रहता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.