मुलायम को अब आई महागठबंधन की याद, शरद से मिले शिवपाल यादव
सपा में कलह और यूपी में चुनाव को देखते हुए सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने जनता परिवार को एकजुट करने की कवायद नए सिरे से शुरू की है।
पटना [जेएनएन ]। जब घर में आग लगी तो बाहर की याद आई। यह कहावत अब सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव पर फिट बैठ रही है। कुनबे में कलह सर पर आ चुके यूपी चुनाव ने उन्हें उस रास्ते पर चलने को विवश कर दिया है, जिसपर चलना उन्हें गवारा नहीं था। सपा की तरफ से महागठबंधन बनाने की कवायद तेज हो गई है। इसे लेकर शिवपाल यादव ने जदयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव से दिल्ली में मुलाकात की है।
बिहार में पिछले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले जनता परिवार में एकता की कवायद को ठुकरा चुके मुलायम को फिर से इस एकता की याद आई है। उन्होंने महागठबंधन बनाने की इच्छा जाहिर करते हुए जनता परिवार को एक मंच पर लाने की कवायद शुरू कर दी है।
बेटे अखिलेश यादव और भाई शिवपाल यादव में मचे घमासान को अपने तरह से सुलझाने की कवायद के बाद उन्होंने महागठबंधन पर काम शुरू कर दिया है। इसके तहत सपा के उत्तर प्रदेश प्रमुख शिवपाल यादव को अपना दूत बनाकर दिल्ली भेजा है। शिवपाल अपने साथ जनता परिवार के नेताओं का निमंत्रण भी लेकर गए हैं। सबको पांच नवंबर को समाजवादी पार्टी के रजत जयंती कार्यक्रम पर लखनऊ बुलाने की योजना है।
खबर है कि शिवपाल यादव बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार, पूर्व अध्यक्ष शरद यादव, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा, लोकदल के अजीत सिंह और अन्य पुराने समाजवादियों को लखनऊ आने का निमंत्रण देकर उन्हें लखनऊ आने का आग्रह करने के लिए दिल्ली पहुंचे हैं।
इस बीच देर रात शिवपाल यादव ने जदयू के महासचिव केसी त्यागी से मुलाकात की। इसके बाद वे जदयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव के पास भी गए। दोनों नेताओं की बंद कमरे में लंबी बातचीत हुई।
मुलाकात के बाद बोले शिवपाल...
शरद से मुलाकात के बाद शिवपाल ने कहा कि वे सभी धर्मनिरपेक्ष ताकतों को एक करना चाहते हैं। लोहिया व चरण सिंह वादियों तथा गांधीवादियों को इकट्ठा करना है। बिहार चुनाव के पहले इसकी कवायद की गई थी, फिर यूपी चुनाव को लेकर यह शुरुआत की गई है।
जदयू ने कहा, समय का इंतजार कीजिए
शिवपाल के प्रयासों का स्वागत करते हुए जदयू महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि अभी कई बातों पर विचार किया जाना है। विकल्प के लिए समय का इंतजार करना पड़ता है। उम्मीद है कि हम किसी नतीजे पर पहुंचेंगे।
बहरहाल, यूपी में चुनाव, सपा परिवार में अंतर्कलह और बिहार में जदयू-राजद के बीच दिनोंदिन बढ़ती दूरी के माहौल में जनता परिवार की एकता की यह कवायद क्या रंग लाएगी यह देखना दिलचस्प होगा।