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बेउर जेल में जन्मा 'कान्हा', उत्सव का माहौल

- बच्चे के जन्म के बाद अपराध से किनारा करने का कलावती ने ली संकल्प - दो दिनों पूर्व भर्ती कर

By JagranEdited By: Published: Mon, 14 Aug 2017 11:50 PM (IST)Updated: Mon, 14 Aug 2017 11:50 PM (IST)
बेउर जेल में जन्मा 'कान्हा', उत्सव का माहौल
बेउर जेल में जन्मा 'कान्हा', उत्सव का माहौल

- बच्चे के जन्म के बाद अपराध से किनारा करने का कलावती ने ली संकल्प

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- दो दिनों पूर्व भर्ती कराया गया था पीएमसीएच में

- जेल में हुआ जश्न का माहौल, कैदियों ने 'कान्हा' की पूजा-अर्चना की

चन्द्रशेखर, पटना :

आदर्श केन्द्रीय कारा में बंद महिला कैदी कलावती देवी ने शनिवार को ही पुत्र रत्‍‌न को जन्म दिया है। जन्माष्टमी के कारण सारे कैदी बच्चे को कृष्ण का रुप मानकर आज धूमधाम से जन्माष्टमी मना रहे हैं। पूरे जेल में आज उत्सव का माहौल है। सारे कैदी सुबह से ही आपस में चंदा कर जेल में भव्य पूजा अर्चना कर रहे हैं। आज जेल में बकायदा कृष्ण भगवान का जन्म होना है। ठीक 12 बजे उस बच्चे को सजाकर 'कान्हा' का रूप दे रहे हैं। सारे कैदी उसे 'कान्हा' के नाम से ही पुकारने लगे हैं।

बेउर जेल में आज सुबह से ही उत्सव का माहौल है। पूरे जेल की साफ-सफाई की गई। जेल के मंदिर में तो जन्माष्टमी का आयोजन हो ही रहा है महिला खंड में भी अलग से जन्माष्टमी पर पूजा अर्चना की जा रही है। कई महिला कैदियों ने तो आज उपवास रखकर उस बच्चे की पूजा अर्चना तक की है। कारा प्रशासन की ओर से भी 'कान्हा' के लिए नए-नए ड्रेस मंगवाए गए हैं। उसकी मां को भी नया वस्त्र दिया गया है। कारा प्रशासन की ओर से फल-फूल की व्यवस्था की गई है। उपवास पर रहने वाली महिला कैदियों के लिए दूध-चीनी के साथ ही फल भी परोसा गया है।

मालूम हो कि भोजपुर जिले के भट्ठा पर गांव की रहने वाली कलावती आज तक कलउतिया के नाम से ही गांव में पुकारी जाती थी। काफी गरीब परिवार की होने के कारण वह गांव की उपेक्षित महिला में से थी। किसी तरह उसकी शादी भी हो गई परंतु काफी मेहनत के बाद भी दो जून की रोटी जूटाना मुश्किल था। अंत में उसने ट्रेन में चोरी करनी शुरू कर दी। इसी क्रम में जब वह 24 जुलाई को पकड़ी गई तो गर्भवती थी। 12 अगस्त को उसे दर्द शुरू हुआ तो पीएमसीएच में भर्ती कराया गया। कल देर शाम उसने एक सुंदर बच्चे को जन्म दिया। आज सुबह में उसे लेकर वह बेउर जेल पहुंची। इसके बाद से ही कैदियों में कृष्ण के जन्मोत्सव सा माहौल बन गया। जेल में सुबह से भजन -कीर्तन भी हो रहा है। कैदी 'कान्हा' को एक नजर देखने को बेताब हैं। कलावती गरीब होने के बावजूद अपने 'कान्हा' के जन्म के बाद से हर गलत धंधे का परित्याग कर इसका लालन-पालन सही तरीके से करना चाह रही है। जेल से निकलने के बाद वह मेहनत-मजदूरी कर 'कान्हा' की परवरिश करेगी।


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