सत्ता के लिए बिन पानी की मछली जैसे तड़प रहे थे नीतीश : मांझी
पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने बुधवार को अपने आवास पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री पर जमकर निशाना साधा। मांझी ने कहा, जिस तरह बगैर पानी के मछली जिंदा नहीं रह सकती ठीक उसी तरह नीतीश कुमार भी बगैर सत्ता के जिंदा नहीं रह सकते।
पटना। जिस प्रकार मछली पानी के बिना नहीं रह सकती है, उसी तरह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी सत्ता के बिना नहीं रह सकते हैं। यही वजह है कि मुझे मुख्यमंत्री बनाने के कुछ दिनों के बाद ही नीतीश छटपटाने लगे, नहीं तो वादा नवंबर 2015 तक मुझको मुख्यमंत्री बनाए रखने का था।
नीतीश ने बीच में ही अपना वादा तोड़ दिया। इस उद्गार के साथ ही बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि हमारे 34 फैसलों को नीतीश ने पहले तो रद कर दिया था, लेकिन अब उन फैसलों को धीरे-धीरे मंजूर कर रहे हैं।
मांझी ने सवालिया लहजे में कहा कि जब हमारे फैसले सही और जनहित में थे, तो हमारा कसूर क्या था! हम महादलित परिवार से आते हैं, इसलिए फैसले को रद कर शुद्धीकरण करकेलागू कर रहे हैं। नीतीश ने कुर्सी की खातिर दलितों की भावनाओं को आहत किया, जिसकी सजा जनता आगामी चुनाव में उन्हें जरूर देगी। उनमें शर्म है तो इस्तीफा दे देना चाहिए।
नीतीश के प्रचार तंत्र पर टिप्पणी करते हुए मांझी ने कहा कि जो अपने आप को प्रचारित करता है, उसका पक्ष कमजोर होता है। अगर प्रचार से चुनाव जीता जा सकता है तो वे करें प्रचार, हमने तो काम करके दिखाया था। मंगलवार को भाजपा विधानमंडल दल के नेता सुशील कुमार मोदी से मुलाकात हुई थी, उन्होंने विधान परिषद के चुनाव में मदद मांगी है।
हम राजग के सभी 24 उम्मीदवारों को जिताने में सहयोग देंगे। इसके साथ ही उन्होंने जननायक कर्पूरी ठाकुर के आरक्षण फार्मूले को देश भर में लागू किए जाने की मांग की। कहा कि जननायक को भारत रत्न से सम्मानित किया जाना चाहिए।