बिहार में JDU के तेवर तीखे, पूछा- क्या ऐसे ही चलेगा महागठबंधन?
राष्ट्रपति चुनाव के प्रत्याशी को लेकर बिहार के सत्ताधारी महागठबंधन की दरार स्पष्ट हो गई है। इस बीच जदयू प्रदेश अध्यक्ष ने ऐसे हालात में महागठबंधन पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
पटना [जेएनएन]। बिहार के सत्ताधारी महागठबंधन के भविष्य पर सवाल खड़ा होता दिख रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान के विरोध में उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के अप्रत्याशित हमला तथा राजद विधायक वीरेंद्र भाई के कटाक्ष से जदयू आहत है। इसका संकेत जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह व प्रवक्ता संजय सिंह ने दिया है।
जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने सवाल किया है कि खुल्लम-खुल्ला मर्यादाओं के उल्लंघन की हालत में भी गठबंधन चलता रहेगा? उधर, जदयू के प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि लालू प्रसाद पार्टी नेताओं से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को गाली नहीं दिलवाएं।
वशिष्ठ नारायाण सिंह ने पूछा कि क्या गठबंधन उहापोह के हालत में चलेगा? कहा कि गठबंधन की भी सीमाएं हैं, मर्यादाएं हैं। अगर मर्यादाओं का पालन नहीं होता है तो गठबंधन के सभी घटक दलों पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो जाएगा। वशिष्ठ नारायाण सिंह के इस बयान के गहरे राजनीतिक अर्थ समझे जा रहे हैं। इससे स्पष्ट है कि जदयू ने अपने तेवर कड़े कर लिए हैं।
विदित हो कि राष्ट्रपति चुनाव को लेकर बिहार के सत्ताधारी महागठबंधन के घटक दल एकमत नहीं हैं। सबसे पहले जदयू सुप्रीमो नीतीश कुमार ने भाजपा के राष्ट्रपति प्रत्याशी रामनाथ कोविंद को अपना समर्थन दिया। इसपर महागठबंधन में तीखी प्रतिक्रिया हुई। इस बीच विपक्षी दलों ने बैठक कर पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार को राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी घोषित कर दिया।
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने इसे नीतीश की एेतिहासिक भूल बताते हुए निर्णय पर पुनिर्वचार की अपील की। दोनों नेता लालू प्रसाद की इफ्तार पार्टी में साथ नजर आए, लेकिन वे कटे-कटे से दिखे। इफ्तार पार्टी के बाद नीतीश कुमार ने यह कह डाला कि विपक्ष ने मीरा कुमार को हारने के लिए खड़ा किया है।
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नीतीश के बयान पर पहली बार डिप्टी सीएम तेजस्वी प्रसाद यादव ने पलटवार किया। इस बीच महागठबंधन के अन्य नेताओं के बयान जारी रहे। राजद विधायक वीरेंद्र भाई के कटाक्ष किया कि कोई ऐसा सगा नहीं, जिसे नीतीशस ने ठगा नहीं। इन बयानों से जदयू आहत है।
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