शरद यादव का खुलासा- लालू के साथ गठबंधन के लिए नीतीश ही थे परेशान
जदयू के बागी नेता शरद यादव ने कहा है कि बिहार में महागठबंधन के लिए लालू यादव जी तैयार नहीं थे लेकिन बार-बार कहने पर वो तैयार हुए थे और जीत मिलने के बाद लोगों के सुर बदल गए।
पटना [जेएनएन]। जदयू के बागी नेता शरद यादव ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा है कि बिहार में महागठबंधन के लिए राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव तैयार नहीं थे, बल्कि नीतीश कुमार ही आतुर थे। इसके लिए नीतीश कुमार बार-बार उनके पास जाते थे, मैं और मुलायम सिंह यादव साथ गए थे और काफी विचार-विमर्श के बाद लालू यादव तैयार हुए और बिहार में महागठबंधन बना था।
महागठबंधन के लिए लालू नहीं थे तैयार
शरद ने बुधवार को यह खुलासा नई दिल्ली में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में किया। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद जब बिहार में महागठबंधन बनाने की बात चली थी तो लालू यादव नीतीश कुमार को साथ लेने के लिए कतई तैयार नहीं हो रहे थे। नीतीश कुमार ने कई बार लालू यादव के यहां जाकर मनुहार की लेकिन वह मान नहीं रहे थे। शरद यादव ने कहा कि उनके और मुलायम सिंह यादव के दबाव में आकर ही लालू यादव ने नीतीश कुमार को साथ लिया था।
गठबंधन करने में लालू से परहेज नहीं तेजस्वी से मांगा इस्तीफा
शरद यादव ने कहा कि कई मामलों के सजायाफ्ता और दागी लालू प्रसाद यादव के साथ गठबंधन करने वाले नीतीश ने उस वक्त शुचिता का ध्यान क्यों नहीं रखा? तेजस्वी पर बस आरोप लगने के बाद ही इस्तीफे की बात की गई। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में वोट का मालिक जनता है और जनता से वोट लेते समय लालू यादव के साथ मिलकर वोट मांगा गया और जीतने के बाद उसे नकार दिया।
मुझे कोई शुचिता का पाठ न पढ़ाए, दो बार इस्तीफा दिया है
शरद यादव ने चुनौती देते हुए कहा कि भ्रष्टाचार और शुचिता के सवाल पर उन्हें कोई पाठ नहीं पढ़ा सकता है।उन्होंने कहा कि लोकसभा की सदस्यता से उन्होंने दो बार इस्तीफा दिया था। उन्होंने कहा कि हवाला मामले में जब मेरा नाम आया था तो उस वक्त मैंने अपना इस्तीफा दे दिया था। लोग मेरी शुचिता पर प्रश्न उठा रहे जबकि मैं खुद भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ी है।
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कोई मुझे झुका नहीं सकता
शरद ने नई दिल्ली में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वे हमेशा से ही उसूलों की लड़ाई लड़ते रहे हैं और कुछ भी हो जाए अपने उसूलों से पीछे नहीं हटेंगे। कहा कि वे शुरू से ही भ्रष्टाचार के खिलाफ रहे हैं और आज भी हैं। कहा, ''मैंने इसके लिए पहले भी दो बार अपना इस्तीफा दिया है। कोई मुझे झुका नहीं सकता।''
बिहार में महागठबंधन टूटने से शरद हैं नाराज
बिहार में महागठबंधन के टूटने के बाद शरद यादव लगातार नाराज चल रहे हैं और उसके बाद उन्होंने पार्टी लाइन से बाहर जाकर बयानबाजी शुरू की जिसके बाद जदयू ने उन्हें चेतावनी दी। लेकिन किसी चेतावनी की परवाह किए बगैर शरद यादव ने अपनी मनमानी की।
इतना ही नहीं उन्होंने पार्टी के सिंबल पर भी अपना दावा ठोक दिया लेकिन चुनाव आयोग के सूत्रों के मुताबिक शरद यादव गुट द्वारा पार्टी पर दावा साबित करने के लिए जरूरी दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए जिसकी वजह से जदयू का सिंबल नीतीश गुट के पास ही रहा और शरद गुट का दावा चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया।
राज्यसभा सदस्यता रद्द करने की मांग
गौरतलब है कि राज्य सभा सचिव बागी शरद यादव और अली अनवर को नोटिस भेज चुके हैं। नोटिस में सचिव ने दोनों ही सांसदों से नीतीश खेमे की मांग पर जवाब मांगा है। नीतीश खेमे ने शरद यादव और अली अनवर की राज्यसभा सदस्यता रद्द करने की मांग की है। दोनों को अपना जवाब एक हफ्ते के अंदर देना है।
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शरद यादव ने कहा कि उन्हें राज्यसभा की सदस्यता जाने की चिंता नहीं है, मैंने पहले ही सोच लिया है कि पहाड़ से टकरा रहा हूं तो फिर चोट की क्या चिंता है? इसका अंदाजा पहले से था।
चुनाव आयोग का मामला है, इसमें कोई टिप्पणी नहीं करूंगा
शरद यादव ने कहा कि उनकी लड़ाई जारी रहेगी और वह अपने स्टैंड पर कायम हैं। शरद यादव ने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा खारिज किए गए उनके दावे को कानूनी टीम देख रही है तथा फिलहाल इस पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि मेरे वकील मामले को देख रहे हैं और उनक राय के बाद ही वह इस पर कुछ प्रतिक्रिया देंगे।