बिहार: जेडीयू नेता के ट्वीट से महागठबंधन में मची खलबली
जदयू के पूर्व प्रवक्ता अजय आलोक ने ट्वीट कर बिहार सरकार पर विफलता का आरोप लगाते हुए कहा है कि 182 प्रॉजेक्ट पर एक पैसा खर्च नहीं हुआ और 11 हजार करोड़ बिना उपयोग के लैप्स हो गया।
पटना [जेएनएन]। बिहार में महागठबंधन में मच रही हलचल पर अब सबकी निगाहें गड़ी हुई हैं। एक-एक कार्यक्रम और एक-एक बयान को संजीदगी से देखा जा रहा है। बिहार दिवस में लालू परिवार के दूर रहने की बात हो या बजट सत्र की समाप्ति के बाद नीतीश द्वारा दी गई दावत। बिहार में तेजी से बदल रहे इन घटनाक्रमों में आग में घी डालने का काम किया है जदयू नेता अजय आलोक के ट्वीट ने।
आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और कांग्रस से नीतीश की नाराजगी की खबरों के बीच मंगलवार को जेडीयू नेता अजय आलोक के एक ट्वीट ने सनसनी मचा दी। उधर बजट सत्र की समाप्ति के बाद नीतीश द्वारा दी गई दावत में शामिल होने को लेकर बीजेपी में भी विवाद की स्थिति देखने को मिल रही है।
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जेडीयू नेता और पूर्व प्रवक्ता डॉ अजय आलोक ने अपनी ही सरकार की विफलता को सामने लाते हुए मंगलवार को ट्वीट किया, '182 प्रॉजेक्ट पर एक पैसा खर्च नहीं हुआ और 11 हजार करोड़ बिना उपयोग के लैप्स हो गया। इनमें अधिकांश विभाग कांग्रेस और आरजेडी के पास हैं, पर जिम्मेदारी हमारी है।'
22% increased tax collections bring some cheers due to effort of @NitishKumar but overall governance has to be looked after @CNNnews18
— Dr Ajay Alok (@alok_ajay) March 28, 2017
182 project ? Not a single penny spent!! 11000 cr lapsed ,do u know most dept from Cong and Rjd but responsibility is ours @NitishKumar
— Dr Ajay Alok (@alok_ajay) March 28, 2017
अजय आलोक के इस ट्वीट पर राजद नेता सनोज यादव ने जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अजय आलोक पर कार्रवाई करने की मांग की।
महागठबंधन में खटपट के मिल रहे संकेत
आरजेडी और कांग्रेस के साथ आ रही विवाद की खबरों के बीच आलोक के इस ट्वीट से महागठबंधन में खटपट और बढ़ने के संकेत दिखे। हालांकि जेडीयू के सीनियर नेता के सी त्यागी ने इस ट्वीट से पार्टी और सरकार को अलग करते हुए कहा कि अजय आलोक अब जेडीयू के प्रवक्ता नहीं है और उन्हें पार्टी ने इस पद से हटा दिया है। त्यागी ने महागठबंधन में किसी तरह के विवाद की बात से भी इनकार किया।
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इससे पहले बिहार दिवस के मौके पर भी विवाद की खबरें आयी थीं, जब मुख्य कार्यक्रम में लालू यादव परिवार का कोई सदस्य नहीं गया था। हालांकि बाद में दोनों दलों के नेताओं ने इसे छोटी बात कह कर मामले को संभालने की कोशिश की, लेकिन हाल के दिनों में महागठबंधन में उठ रहे लगातार विवाद से साफ संदेश जा रहा है कि सबकुछ ठीक नहीं है।
आरजेडी कार्यकारिणी की बैठक में सीनियर नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने सार्वजनिक मंच से नीतीश कुमार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अगली बार से पहले से महागठबंधन सीएम चेहरे की घोषणा नहीं करेगा और जिसके विधायक ज्यादा होंगे, उसी दल का सीएम बनेगा।
नीतीश से दोस्ती पर बीजेपी नेताओं में मतभेद
उधर एक दूसरे घटनाक्रम में नीतीश कुमार के घर हुई दावत में भाग लेने को लेकर बीजेपी नेताओं में ही विवाद हो गया। पुरानी परंपरा के अनुसार बजट सत्र की समाप्ति पर नीतीश कुमार दावत देते रहे हैं। इस बार भी नीतीश ने सोमवार की रात अपने घर पर दावत दी थी जिसमें सभी दलों के नेताओं को बुलाया गया।
सूत्रों के अनुसार इसमें भाग लेने के मुद्दे पर बीजेपी में दो राय बनी। प्रेम कुमार की अगुवाई में कुछ नेताओं ने इस भोज से दूरी बनाए रखने की बात कही, तो सुशील कुमार मोदी के नेतृत्व में दूसरे नेता भोज को राजनीति से अलग रखने का तर्क देते हुए इसमें शामिल हुए।
सूत्रों के अनुसार बिहार बीजेपी के अंदर भी नीतीश से नजदीकी को लेकर विवाद हो रहा है। पार्टी के एक वर्ग का मानना है कि नीतीश जानबूझ कर बीजेपी के नजदीक आने के संकेत देते हैं ताकि बिहार में बीजेपी कभी मजबूत न हो पाए।
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