एक लाख खर्च कर बांग्लादेशी बन गया भारतीय, गिरफ्तार
फर्जी कागजात के आधार पर पटना पासपोर्ट कार्यालय में पासपोर्ट बनवाने की कोशिश।
पटना। फर्जी कागजात के आधार पर पटना पासपोर्ट कार्यालय में पासपोर्ट बनवाने की कोशिश में मंगलवार को एक बांग्लादेशी पकड़ा गया। एक लाख रुपये खर्च कर मधुबनी से उसने आधार कार्ड बनवा लिया था। वह बांग्लादेश के मैमनसिंह जिले का रहने वाला है। जन्म प्रमाणपत्र और बोलचाल की वजह से पासपोर्ट ऑफिस के कर्मियों को शक हुआ। पूछताछ में उसने आधार कार्ड और पासपोर्ट बनवाने वाले लोगों के बारे में कई जानकारियां दी हैं। पटना के एसएसपी मनु महाराज ने कहा कि उसे छिपाने और जाली दस्तावेज बनाने में मदद करने वाले लोग अभियुक्त हैं। उनकी गिरफ्तारी के लिए प्रयास जारी है।
60 हजार में बॉर्डर पार, एक लाख में आधार कार्ड
पटना के पासपोर्ट कार्यालय परिसर से गिरफ्तार बांग्लादेशी अहमेद आल फहाद मैमनसिंह जिले के बनमाखाली गांव का रहने वाला है। उसने अपने पिता का नाम अब्दुल मंसूर बताया है। पूछताछ में उसने कहा कि नौकरी और कामकाज की तलाश में भारत आना चाहता था। उसे एक एजेंट मिला। बिना पासपोर्ट भारत पहुंचाने के लिए एजेंट ने 60 हजार रुपये लिए। बस में बिठाकर उसे बॉर्डर तक लाया और रात में गांव के रास्ते सीमा पार कराया गया। एजेंट ने फहाद को कोलकाता में फर्जी नाम और पते पर सिमकार्ड दिलाने की बात कही थी। लेकिन सीमा पार कराने के बाद फरार हो गया। फहाद किसी तरह सियालदह जंक्शन पहुंचा और वहां से दूरंतो ट्रेन से मुंबई चला गया। मुंबई में वह 25 दिन तक एक होटल में ठहरा। पब्लिक टेलीफोन से अपने एक करीबी के संपर्क में था। उसके करीबी ने दीपक चौधरी नाम के व्यक्ति से मिलने की सलाह दी।
मधुबनी के दीपक ने लिया था आधार कार्ड बनवाने का ठेका
मुंबई के मलाड इलाके में स्थित टूर एंड ट्रेवल्स के एक कार्यालय में फहाद की मुलाकात दीपक चौधरी से हुई थी। दीपक ने एक लाख रुपये में तीन महीने तक उसे अपने बिहार के मधुबनी स्थित घर में रखकर पहचान पत्र मुहैया कराने का ठेका लिया। वह फहाद को मधुबनी के खजौली स्थित अपने घर ले आया। दीपक की मां ऊषा देवी गांव की सरपंच हैं। फिर खजौली के वार्ड नंबर दो का नागरिक बता जाली आधार कार्ड बनवा दिया गया।
बोलचाल नहीं बदल पाया
ऊषा और दीपक ने फहाद को महीनों तक अपने घर में रिश्तेदार बनाकर रखा। पासपोर्ट बनवाने में किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए ऊषा ने खुद के मोबाइल नंबर पर फहाद का जाली आधार कार्ड बनवाया था। उन्होंने बांग्लादेशी की पहचान तो बदल दी, लेकिन बोलचाल नहीं बदल पाए। इसी चक्कर में वह पकड़ा भी गया। पासपोर्ट सत्यापन के फॉर्म पर खजौली के हुकुमलाल चौधरी और रामरतन चौधरी को नाम दर्ज है। दोनों ऊषा के परिचित हैं। पुलिस ने फहाद, दीपक, ऊषा, हुकुमलाल और रामरतन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।
पहले भी पकड़े गए हैं बांग्लेदेशी
कुछ माह पहले भी एक बांग्लादेशी को पासपोर्ट कार्यालय से पकड़ा गया था, जो नालंदा के बिहारशरीफ के पते पर जाली आधार कार्ड बना पासपोर्ट के लिए आवेदन देने आया था। उसके मोबाइल में पटना के कई धार्मिक स्थलों और इमारती धरोहर की तस्वीरें मिली थीं।