बिहार में विधानसभा अध्यक्ष के पद से महिलाएं दूर
लगता है कि बिहार में विधानसभा अध्यक्ष का आसन महिलाओं के लिए नहीं है। संभवत: यही वजह है कि आज तक कोई महिला इस पद पर नहीं पहुंच सकीं। किसी दल की तरफ से महिला को विधानसभा अध्यक्ष बनाने का कभी प्रस्ताव तक नहीं दिया गया।
पटना [अनिल सिंह झा]। लगता है कि बिहार में विधानसभा अध्यक्ष का आसन महिलाओं के लिए नहीं है। संभवत: यही वजह है कि आज तक कोई महिला इस पद पर नहीं पहुंच सकीं। किसी दल की तरफ से महिला को विधानसभा अध्यक्ष बनाने का कभी प्रस्ताव तक नहीं दिया गया। जहां तक क्षमता की बात है तो बिहार की मीरा कुमार बेहद प्रभावी तरीके से लोकसभा अध्यक्ष के दायित्वों का निर्वहन कर चुकी हैं।
कमोबेश तमाम पार्टियां महिलाओं को राजनीति में बराबर की भागीदारी देने की बात करती रही हैं, लेकिन, चुनाव के समय टिकट देने में वे महिलाओं को भूल जाती हैं। ब्रिटिश शासन के अधीन पहली बार बिहार विधानसभा का चुनाव हुआ। उस समय में अपवाद स्वरूप ही महिलाएं राजनीति में थीं।
ब्रिटिश हुकूमत से मुक्ति के बाद महिलाएं भी राजनीति में उपस्थिति दर्ज कराने लगीं। बिहार में वर्ष 1957 के चुनाव में 34 महिलाएं विधानसभा तक पहुंचीं। आजादी के पहले से लेकर अब तक विधानसभा के 15 चुनाव हो चुके हैं। इनमें से हरेक विधानसभा में महिला सदस्य रहीं, लेकिन किसी को अध्यक्ष पद तक पहुंचने का मौका नहीं मिला।
जहां तक पुरुषों का सवाल हैं तो कई ने एक से अधिक बार अध्यक्ष पद को शोभित किया। सबसे अधिक समय तक विंध्येश्वर प्रसाद वर्मा 1946 से 1962 तक विधानसभा के अध्यक्ष रहे। वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी भी तकरीबन दस साल से इस पद पर बने हुए हैं।
विधानसभा अध्यक्ष और कार्यकाल
नाम - अवधि
रामदयालु सिंह - 1937 से 1944
विंध्येश्वरी प्रसाद वर्मा - 1946 से 1962
डॉ लक्ष्मी नारायण सुधांशु - 1962 से 1967
धनिकलाल मंडल - 1967 से 1969
रामनारायण मंडल - 1969 से 1972
हरिनाथ मिश्र - 1972 से 1977
त्रिपुरारी प्रसाद सिंह - 1977 से 1980
राधानंद झा - 1980 से 1985
शिवचन्द्र झा - 1985 से 1989
मो. हियायुतल्ला खां - 1989 से 1990
गुलाम सरवर - 1990 से 1995
देव नारायण यादव - 1995 से 2000
सदानंद सिंह - 2000 से 2005
उदयनारायण चौधरी - 2005 से 2010
उदयनारायण चौधरी - 2010 से अबतक