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पड़ोस में बिकी शराब तो भी जाना पड़ेगा जेल, जानिए क्यों?

बिहार में अब अगर किसी घर में शराब मिली तो उस परिवार के सभी वयस्क जेल की हवा खाएंगे। विधान मंडल के मानसून सत्र में उत्पाद कानून में संशोधन के बाद अब इसे अमल में लाया जाएगा।

By Kajal KumariEdited By: Published: Thu, 07 Jul 2016 11:21 AM (IST)Updated: Thu, 07 Jul 2016 08:38 PM (IST)
पड़ोस में बिकी शराब तो भी जाना पड़ेगा जेल, जानिए क्यों?

पटना [सुनील राज]। शराबबंदी के बाद भी शराब की चोरी-छिपे बिक्री पर सरकार और सख्ती करने जा रही है। नई व्यवस्था में यदि किसी व्यक्ति को जानकारी है कि उसके पड़ोस में शराब बिक रही है तो समझें उसके ऊपर भी खतरा मंडरा रहा है। घर में अगर शराब मिली तो उस परिवार के सभी वयस्क अब जेल की हवा खाएंगे।

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विधान मंडल के मानसून सत्र में उत्पाद कानून में संशोधन के जरिए सरकारी सेवकों और ग्रामीण क्षेत्रों में चौकीदारों को बड़ी जिम्मेदारी सौंपे जाने की तैयारी है।

वयस्क का जेल जाना तय

कानून में संशोधन के बाद अब यह व्यवस्था की गई है कि यदि उत्पाद विभाग या पुलिस महकमा किसी गुप्त सूचना पर किसी व्यक्ति के घर में छापेमारी करता है और उसके यहां से शराब की बोतल या शराब बरामद होती है तो उस पूरे परिवार को दोषी माना जाएगा। परिवार के सभी बालिग व्यक्तियों को जेल भेजा जाएगा।

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नागरिक भी होंगे दंड के भागी

ड्राई स्टेट घोषित किए जाने के बाद भी राज्य के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में शराब का अवैध कारोबार चोरी-छिपे संचालित हो रहा है। कारोबार में पियक्कड़ों को कुछ बढ़ी कीमत पर शराब मिल जा रही है। अब इस पर अंकुश लगाने के लिए कानून में संशोधन के जरिए नागरिकों को दंड के दायरे में लाया जा रहा है।

विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि यदि किसी के पास-पड़ोस में चोरी छिपे शराब को कारोबार हो रहा है तो नागरिकों को पुलिस या उत्पाद विभाग को इसकी सूचना देनी होगी। यदि वे ऐसा नहीं करेंगे तो माना जाएगा कि उनकी रजामंदी से कारोबार हो रहा है। ऐसे में यदि छापेमारी होती है तो नागरिकों पर भी अपराध की धारा लगाई जाएगी।

सरकारी सेवक-चौकीदार देंगे सूचना

नए उत्पाद कानून में एक और संशोधन किया जा रहा है। इसके जरिए सरकारी सेवकों और ग्रामीण क्षेत्रों में नागरिकों को यह दायित्व दिया जा रहा है कि वे शराब के संबंध में छोटी से छोटी सूचना भी पुलिस या विभाग के साथ शेयर करें। सरकारी सेवक और चौकीदारों का बड़ा नेटवर्क है। राज्य के अलग-अलग हिस्से में पदस्थापित सेवकों को शराब से जुड़ी कोई सूचना मिलती है तो वे विभाग को जानकारी दे सकेंगे। सूचना देने वाले सरकारी सेवक या फिर चौकीदार का नाम गुप्त रखा जाएगा।

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