पीएमसीएच की आइसीयू 'बीमार', चाहिए 'इलाज'
पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (पीएमसीएच) में मरीजों की संख्या भले ही बढ़ रही हो मगर आइसीयू की न सीटें बढ़ रही हैं और न सुविधाएं।
पटना। पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (पीएमसीएच) में मरीजों की संख्या भले ही बढ़ रही हो मगर आइसीयू की न सीटें बढ़ रही हैं और न सुविधाएं। आइसीयू में कई उपकरणों की कमी व खराबी के कारण भी मरीजों को परेशानी हो रही है।
पीएमसीएच में इमरजेंसी व्यवस्था के लिए सर्जिकल, मेडिकल, स्त्री एवं प्रसूति, शिशु व बर्न विभाग में आइसीयू की व्यवस्था है। सबसे बेहतर मेडिकल आइसीयू को माना जाता है, जहां गंभीर व वीवीआइपी मरीज रखे जाते हैं। इस आइसीयू में भी सुविधाओं का घोर अभाव है। यहां मॉडल आइसीयू के अनुरूप सुविधाएं तो नहीं ही हैं, कई जरूरत के उपकरण भी गायब हैं। कुछ हैं भी तो महीनों से खराब हैं। कई बार एक साथ तीन-चार गंभीर मरीज भर्ती हो जाते हैं तो मरीजों का भगवान ही मालिक होता है।
मॉडल आइसीयू के नाम पर घटे बेड
पीएमसीएच की मेडिकल आइसीयू पहले 22 बेड की हुआ करती थी लेकिन इसेमॉडल बनाने के लिए बेड की संख्या घटाकर 14 कर दी गई। हालांकि सुविधा बढ़ाने के नाम पर सिर्फ मूव करने वाला बेड लगाया गया। इसके अतिरिक्त कोई सुविधा नहीं बढ़ी। आइसीयू के सबसे महत्वपूर्ण उपकरण वेंटिलेटर, बाइपैप वेंटिलेटर, डिफ्रेब्रिलेटर हैं। हालांकि स्थिति यह है कि आइसीयू में यह पर्याप्त संख्या में नहीं हैं। दो डिफेब्रिलेटर हैं। इसमें एक कई महीने से खराब है। वेंटिलेटर व मॉनीटर भी खराब हैं।
यह है आइसीयू का स्टैंडर्ड मानक :
पीएमसीएच के वरीय प्राध्यापक डॉ. वीरेंद्र प्रसाद सिन्हा के अनुसार एक मॉडल आइसीयू में बेड के बराबर कॉर्डियक मॉनिटर, डिफ्रेब्रिलेटर, वेंटिलेटर, एबीजी मशीन, ईसीजी मशीन, इंफ्यूजन पंप, बाइपैप वेंटीलेटर के साथ-साथ छह-सात डॉक्टर, छह नर्स, चार स्वीपर, चार वार्ड अटेंडेंट का होना जरूरी होता है। उन्होंने बताया कि पीएमसीएच की क्षमता के अनुरूप 30 बेड का मेडिकल आइसीयू जरूरी है।
बयान :
आइसीयू के सभी उपकरण ठीक हैं। केवल स्त्री रोग विभाग में राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से आपूर्ति की गई डिफेब्रिलेटर खराब है।
- डॉ. लखींद्र प्रसाद, अधीक्षक, पीएमसीएच।
पीएमसीएच में आइसीयू का हाल
विभाग बेड
सर्जिकल 08
मेडिकल 14
स्त्री व प्रसूति 06
शिशु 06
बर्न 06