BSSC SCAM में सीके अनिल ने किए अहम खुलासे, राष्ट्रपति से CBI जांच की मांग
बीएसएससी घोटाला में फरार आइएएस अधिकारी सीके अनिल ने घटना की सीबीआइ जांच के लिए राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है कि उन्हें बिहार पुलिस पर भरोसा नहीं है।
पटना [जेएनएन]। बिहार कर्मचारी चयन आयोग (बीएसएससी) के पेपर लीक घोटाला के सिलसिले में फरार चल रहे आयोग के विशेष कार्य पदाधिकारी (ओएसडी) रहे आइएएस अधिकारी सीके अनिल ने मामले की सीबीआइ जांच की मांग की है। सीके अनिल ने इस संबंध में भारत के राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। उन्होंने इस मामले में कई अहम खुलासे भी किए हैं। पत्र मुंबई से प्रेषित बताया जा रहा है।
विदित हो कि बीते दिनों बीएसएससी इंटर स्तरीय परीक्षा के पेपर लीक का मामला उजागर हुआ था। पटना पुलिस की विशेष टीम (एसआटी) ने इसकी जांच के दौरान आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष सुधीर कुमार व सचिव परमेश्वर राम को गिरफ्तार किया।
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जांच के दौरान एसआइटी ने आयोग के ओएसडी रहे 1991 बैच के आइएएस सीके अनिल की संलिप्तता पाई। एसआइटी ने उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया, लेकिन वे फरार हो गए।
पुलिस सीके अनिल को पूरे देश में तलाश रही है। इस बीच उन्होंने मुंबई से लिखे पत्र में घोटाला की सीबीआसइ जांच की मांग कर बिहार सरकार को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। राज्य सरकार ने अभी तक सीबीआइ जांच की मांग को स्वीकार नहीं किया है। अनिल के अनुसार उन्हें कुछ राजनेताओं व नौकरशाहों के कॉकस के दबाव में बेवजह फंसाया गया है।
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उन्होंने बताया कि बीते साल अगस्त में पदोन्नति में अनियमितताओं का खुलासा किया था। 1992 बैच के तीन वरीय नौकरशाह चंचल कुमार, हरजोत कौर व दीपक कुमार को जून 2016 में प्रधान सचिव रैंक में पदोन्नति दी गई थी। बिहार सरकार के इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार ने खारिज कर दिया, क्योंकि तीनों अधिकारियों की सेवा अवधि निर्धारित 25 साल से कम पाई गई।
सीके अनिल के अनुसार राज्य सरकार इन तीन अधिकारियों की पदोन्नति में रंगे हाथ पकड़ी गई। इस कारण कई वरीय राजनेता व नौकरशाह नाराज हो गए। राज्य सरकार की मंशा इससे भी स्पष्ट हो गई कि उसने केंद्र की आपत्ति के बावजूद अपने आदेश को वापस नहीं लिया। अनिल ने पटना के एसएसपी व मामले की जांच कर रही एसआइटी के मुखिया मनु महाराज को भी इन नेताओं व नौकरशाहों के प्रभाव में काम करने का आरोप लगाया।
अनिल की मानें तो पटना पुलिस इस मामले में उन्हें किसी भी कीमत पर फंसाने पर तुली हुई है। उन्हें पेपर घोटाला के बाद से कई धमकी भरे कॉल भी आए हैं। उन्होंने इस आरोप को भी खारिज किया कि वे फरार या अनधिकृत अवकाश पर हैं। उन्होंने बताया कि रीढ़ में दर्द को लेकर वे बीते एक मार्च से आगामी एक जून तक के चिकित्सा अवकाश के लिए मुख्य सचिव को रजिस्टर्ड डाक से आवेदन भेज चुके हैं।
सीके अनिल के आरोपों को लेकर मुख्य सचिव अंजनी सिंह से संपर्क के प्रयास अभी तक विफल रहे हैं। हालांकि, एसएसपी मनु महाराज ने समय-समय पर कहा है कि एसआइटी किसी के दबाव में काम नहीं कर रही है।