शहर के ग्रीन एरिया में होगा आमूलचूल परिवर्तन
पटना के मास्टर प्लान पर आए सुझावों पर राज्य सरकार की ओर से गठित कमेटी विचार करेगी। नगर विकास एवं आवास विभाग ने मास्टर प्लान पर सुझावों और आपत्तियों के निबटारे के लिए सात सदस्यीय कमेटी के गठन का आदेश जारी कर दिया है।
पटना। पटना के मास्टर प्लान पर आए सुझावों पर राज्य सरकार की ओर से गठित कमेटी विचार करेगी। नगर विकास एवं आवास विभाग ने मास्टर प्लान पर सुझावों और आपत्तियों के निबटारे के लिए सात सदस्यीय कमेटी के गठन का आदेश जारी कर दिया है। बूडा के संयुक्त सचिव सह निदेशक जय सिंह को कमेटी का अध्यक्ष मनोनीत किया गया है, जबकि छह अन्य अफसरों को इसका सदस्य। कमेटी अपनी रिपोर्ट सरकार को तीन महीनों के अंदर देगी।
पांच-छह सुझाव-आपत्ति :
मास्टर प्लान गठित किए जाने की अधिसूचना जारी होने के बाद पिछले 14 अगस्त को सुझाव एवं आपत्ति के लिए इसे सार्वजनिक किया गया। दो माह का समय दिया गया। पुन: 15 नवंबर तक अवधि विस्तार किया गया। नगर विकास एवं आवास मंत्री सम्राट चौधरी के अनुसार पांच-छह सौ लोगों, संगठनों ने सुझाव-आपत्ति दी है। मास्टर प्लान को ले विभिन्न औद्योगिक, व्यावसायिक संगठनों, इंजीनियरों, बिल्डर, वास्तुविद एसोसिएशन आदि के साथ विस्तृत विमर्श भी किया गया था।
पुनर्विचार आवश्यक :
नगर विकास मंत्री ने बताया कि प्लान में कई महत्वपूर्ण तथ्य है जिन पर पुनर्विचार आवश्यक है। उदाहरण के लिए पटना-मसौढ़ी रोड और नौबतपुर को मास्टर प्लान में ग्रीन एरिया में रखा गया है। जबकि इन इलाकों में काफी निर्माण हो चुके हैं। विस्तार पर काम भी चल रहा है। वहीं ऐतिहासिक कमलदह जी सिद्ध क्षेत्र वाले इलाके में कचरा डंपिंग की व्यवस्था कर दी गई है। व्यावसायिक-औद्योगिक प्रक्षेत्र में भी कुछ विसंगतियां हैं। इसी तरह कुछ और सुधार की गुंजाइश है। मंत्री के अनुसार मास्टर प्लान बनाने वाले सेप्ट के साथ एक दौर की और बैठक जल्द ही प्रस्तावित है। उसके बाद कमेटी से की अनुशंसा को शामिल करते हुए प्लान को अंतिम रूप दिया जाएगा। संशोधन दस फीसद से अधिक होगा तो पुन: मंत्रिपरिषद से मंजूरी लेनी होगी। अन्यथा विभाग के स्तर से ही मामला निबट जाएगा।
मास्टर प्लान एक सफर :
- 53 सालों बाद पटना शहर को अपने मास्टर प्लान का इंतजार है
- पहली बार राज्य सरकार ने 1961 में मास्टर प्लान बनाया था, इसके बाद 1981 में बना
- दुर्भाग्यवश दोनों में से कोई भी मास्टर प्लान प्रभावी नहीं बनाए जा सके
- 2001 में पटना क्षेत्रीय प्राधिकार ने जो प्लान बनाया उसी को विकसित किया गया
- नए मास्टर प्लान में 20 साल बाद की संभावनाएं ध्यान में रखी गई हैं
-2031 तक की आबादी की जरूरत का आकलन कर नए मास्टर प्लान का गठन
-पटना मास्टर प्लान का कुल क्षेत्रफल 1167.04 वर्ग किलोमीटर, 13 प्रखंड, 6 शहरी निकाय
किस मकसद से कितना क्षेत्र :
-आवासीय : 55.58 फीसद
-व्यावसायिक : 5.93 फीसद
-मैन्युफैक्चङ्क्षरग (विनिर्माण) : 2.15 फीसद
-पब्लिक-सेमी पब्लिक : 8.55 फीसद
-खुला एरिया- मनोरंजन : 8.63 फीसद
-ट्रांसपोर्ट-कम्युनिकेशन : 13.35 फीसद
कमेटी में शामिल पदाधिकारी :
- अध्यक्ष - जय सिंह बूडा निदेशक
- जिला प्रशासन मनोनीत सदस्य
- नगर आयुक्त कुलदीप नारायण सदस्य
- सहायक निदेशक क्षेत्रीय निवेशन संगठन, कुमार सर्वानंद सदस्य
- सहायक निवेशक नगर व क्षेत्रीय निवेशन संगठन हरिशंकर सिंह सदस्य
- इंस्टीट्यूट ऑफ आर्किटेक्चर, उत्पल शर्मा सदस्य
नगर निवेशक शहरी मंत्रालय आर श्री निवास सदस्य