बिहार में महागठबंधन की बढ़ती मुश्किलें, सरकार पर छाने लगे संकट के बादल
बिहार में महागठबंधन में चल रही राजनीतिक बयानबाजी से सरकार की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। राजद और जदयू में चल रही रस्साकशी के बाद महागठबंधन में दरार अब साफ दिख रही है।
पटना [राज्य ब्यूरो]। राजद की ओर से सीधे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधने के कारण राज्य का करीब ढाई साल पुराना महागठबंधन गहरे संकट में दिख रहा है। उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने दो दिन पहले मुख्यमंत्री के बयान पर आक्रामक पलटवार किया था।
इस वजह से बिगड़ी बात बनने के बजाय रविवार को तब और अधिक बिगड़ गई, जब तेजस्वी और राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे ने मुख्यमंत्री को लक्ष्य करके नए बयान जारी कर दिए। हालात देख जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह को कहना पड़ा कि राजद के लोग शायद किसी बात के लिए मन बना चुके हैं।
वहीं जदयू प्रवक्ता संजय सिंह ने चेतावनी दे दी कि नीतीश कुमार को गालियां देना बंद नहीं किया गया तो राजद समझ ले कि जदयू के लोग चूडि़यां नहीं पहने हैं। बहरहाल, इसका भी कोई असर नहीं हुआ। दोपहर में तेजस्वी यादव ने अपने 'दिल की बात' में किसी का नाम लिए बगैर कह दिया कि अहंकार और भ्रम की वजह से विपक्ष बिखर गया है। उनका इशारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर था।
लालू की चुप्पी से बढ़ा संकटनीतीश कुमार पर तेजस्वी यादव द्वारा किए जा रहे हमले पर राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद की चुप्पी से भी स्थिति बिगड़ रही है। 23 जून को अपने आवास पर आयोजित इफ्तार पार्टी में भी लालू ने नीतीश से बातचीत नहीं की थी। इसके बाद नीतीश कुमार पर तेजस्वी के आक्रामक हमले पर भी वह मौन हैं। माना जा रहा है कि जो कुछ हो रहा, उसमें राजद अध्यक्ष की सहमति है।
भाजपा की हालात पर नजरमहागठबंधन का झगड़ा प्रत्यक्ष तौर पर राष्ट्रपति चुनाव में राजग उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को जदयू के समर्थन से शुरू हुआ है। ऐसे में स्वाभाविक रूप से नीतीश के लिए भाजपा का 'सॉफ्ट कॉर्नर' बना हुआ है। पार्टी के नीतीश-विरोधी स्वर पूरी तरह शांत हो चुके हैं।
लालू प्रसाद के साथ झगड़े में पार्टी खुलकर नीतीश का साथ दे रही है। इसके विपरीत महागठबंधन की घटक कांग्रेस दो दिग्गजों की लड़ाई में तटस्थ रहने का प्रयास कर रही है। कई दिन से चल रहे झगड़े में कांग्रेस की ओर से अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
तेजस्वी ने कहा, बयान पर अफसोस नहीं। उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ तीखे बयान दिए हैं। तेजस्वी ने साफ कहा कि उन्होंने पहले जो बयान दिया था, उसको लेकर भी अफसोस नहीं है।
अपने 'दिल की बात' में और आक्रमक हुए तेजस्वी ने नीतीश कुमार का नाम लिए बगैर कहा कि अवसरवाद और जोड़-तोड़ की राजनीति से केवल कुछ ही लक्ष्य हासिल होंगे।
तेजस्वी ने कहा कि इतिहास इस बात का साक्षी होगा कि जब सामाजिक न्याय की धारा के इर्द-गिर्द मजबूत करने की जरूरत थी तब हम शुतुरमुर्ग हो गए। अगर हम इस वक्त क्रियाशील नहीं होंगे तो आने वाला वक्त हमें माफ नहीं करेगा।
तेजस्वी के तेवर से जदयू के दिल पर चोटबिहार की महागठबंधन सरकार में राष्ट्रपति चुनाव के मुद्दे पर तल्खी सियासत की हद से आगे बढ़ गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तेजस्वी के हमले से जदयू के दिल पर चोट पहुंची है। तेजस्वी ने 23 जून को नीतीश कुमार पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि हम हार-जीत के लिए विचारधारा से समझौता नहीं करते।
जदयू अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह का कहना है कि सरकार में शामिल लोगों से ऐसी टिप्पणी की उम्मीद नहीं की जा सकती। वहीं जदयू के प्रदेश प्रवक्ता संजय सिंह ने तो सीधे-सीधे यह कहा कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद अपने नेताओं से नीतीश कुमार को गाली दिलवाना बंद करें। हमलोगों ने चूडि़यां नहीं पहन रखी हैं।
यह भी पढ़ें: राजद जदयू को कर रहा हैं बर्दाश्त, तो एनडीए सीएम नीतीश को बुला रही अपने साथ
अधिकृत प्रवक्ता ही दें बयान
लालू महागठबंधन में तीन दिनों से चल रही सियासी खींचतान पर ब्रेक लगाने की पहल करते हुए राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने अपने नेताओं को सख्त हिदायत दी है। राजद के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने पार्टी प्रमुख का संदेश जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि पार्टी के अधिकृत प्रवक्ता ही बयान जारी कर सकते हैं।
शक्ति ने कहा कि कुछ विधायक अपनी निजी राय देने लगे हैं, जिसे राजद का अधिकृत बयान मान लिया जा रहा है। इससे गलत संदेश जा रहा है।
यह भी पढ़ें: तेजस्वी ने अंग्रेजी में की 'दिल की बात', यूजर्स ने कुछ यूं किया ट्रोल