बिहार में बिजली दर में अबतक की सबसे बड़ी वृद्धि, एसी का बिल छुड़ाएगा पसीना
बिहार के लोगों को बिजली का बड़ा झटका लगा है। अब तक की सबसे बड़ी वृद्धि की गई है। गर्मी में एसी का बिल देखकर लोगों को पसीना आयेगा।
पटना [जेएनएन]। सूबे में बिजली उपभोक्ताओं को करारा झटका लगा है। बिजली अब डेढ़ गुना से भी ज्यादा महंगी हो गई है। विद्युत विनियामक आयोग ने शुक्रवार को नई दरों का एलान कर दिया। सभी श्रेणियों की बिजली दरों में औसत रूप से 55 फीसद का इजाफा हुआ है, जबकि वितरण कंपनियों ने 84 फीसद तक वृद्धि का प्रस्ताव दिया था। बढ़ी हुई दरें एक अप्रैल से लागू होंगी। प्रदेश में बिजली की दर में यह अबतक की सबसे बड़ी वृद्धि है।
आयोग के अध्यक्ष एसके नेगी, सदस्य राजीव अमित एवं आरके चौधरी ने बताया कि बिजली कंपनियों के बढ़ रहे घाटे, उनकी राजस्व जरूरतें, पिछले वर्ष के घाटे की भरपाई एवं अन्य राज्यों की टैरिफ का अध्ययन करने के बाद निष्पक्ष रूप से यह फैसला लिया गया है। पिछले पांच वर्षों से राज्य में बिजली दरें लगभग स्थिर हैं। सिर्फ 2015-16 में 2.50 फीसद की मामूली वृद्धि हुई थी। उसके पहले के दो वर्षों में भी इजाफा नहीं हुआ था। पिछले वर्ष भी पुरानी दरें ही बरकरार रखी गई थीं।
बिजली दरों में भारी इजाफा की वजह बताते हुए नेगी ने कहा कि बिजली कंपनियों ने इस बार शून्य सब्सिडी का प्रस्ताव दिया था। सरकार की ओर से मिलने वाली सहायता का उल्लेख नहीं था। लिहाजा प्रति यूनिट बिजली खरीदने में कंपनियों के खर्चे के साथ अन्य मद में प्रस्तावित खर्चे को जोड़कर टैरिफ तय की गई है।
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ग्रामीण उपभोक्ताओं पर ज्यादा भार
नई टैरिफ में कुटीर ज्योति और ग्रामीण उपभोक्ताओं पर ज्यादा मार पड़ी है। बीपीएल बिना मीटर वाले ग्र्रामीणों को अब 60 रुपये प्रतिमाह के बदले 350 रुपये देने पड़ेंगे। इसी तरह मीटर वाले उपभोक्ताओं को 50 यूनिट तक 5.75 रुपये प्रतिमाह खर्च करना पड़ेगा। अभी तक उन्हें प्रतिमाह सिर्फ 175 रुपये देने पड़ते थे।
ग्रामीण घरेलू मीटर वाले उपभोक्ताओं की दरों में दोगुना से भी ज्यादा इजाफा हुआ है। 50 यूनिट तक खर्च करने वाले उपभोक्ताओं को अभी तक 2.10 रुपये प्रति यूनिट देनी पड़ती थी, जो बढ़कर 5.75 रुपये हो गया है। इसी तरह 51 से 100 यूनिट वाले को 2.40 रुपये के बदले 6.00 रुपये खर्च करने पड़ेंगे।
उपभोक्ताओं को अब सब्सिडी का इंतजार
बिजली दरों में भारी इजाफे के बाद उपभोक्ताओं को अब राज्य सरकार की ओर से मिलने वाली सब्सिडी की उम्मीद है। हालांकि इसके बारे में अभी आधिकारिक तौर पर कुछ कहा नहीं गया है, किंतु माना जा रहा है कि नई दरें प्रभावी होने के पहले राज्य सरकार इसकी घोषणा कर सकती है। सब्सिडी का फायदा अब सीधे उपभोक्ताओं को ही दिया जा सकता है। उनके बिजली बिल से अनुदान के पैसे कम करने की तैयारी है।
किस वर्ष कितनी महंगी हुई बिजली
2017-18 : 55 फीसद
2016-17 : वृद्धि नहीं
2015-16 : 2.5 फीसद
2014-15 : वृद्धि नहीं
2013-14 : वृद्धि नहीं
2012-13 : 6.9 फीसद
यूनिट : अभी : एक अप्रैल से
शून्य से 100 यूनिट : 3 रुपये : 5.75 रुपये
101 से 200 यूनिट : 3.65 रुपये : 6.25 रुपये
201 से 300 यूनिट : 4.35 रुपये : 7.25 रुपये
300 यूनिट से ज्यादा : 5.45 रुपये : 8.00 रुपये
ग्रामीण घरेलू (मीटर वाले)
यूनिट : अभी : एक अप्रैल से
शून्य से 50 यूनिट : 2.10 : 5.75
51 से 100 यूनिट : 2.40 : 6.00
100 से ज्यादा : 2.80 : 6.25
बिना मीटर : प्रति माह 500 रुपये (प्रति किलोवाट क्षमता)
कुटीर ज्योति
(बिना मीटर-बीपीएल) 60 रुपये कनेक्शन : 350 रुपये कनेक्शन
मीटर सहित : 30 यूनिट : प्रति माह 170 रुपये : 50 यूनिट तक : 5.75 रुपये
ग्रामीण उपभोक्ता यूनिट : नई दर
शून्य से 100 यूनिट : 6.00 रुपये
101 से 200 यूनिट : 6.50 रुपये
200 से अधिक : 7.00 रुपये
बिना मीटर : 550 रुपये प्रति किलोवाट
शहरी उपभोक्ता
यूनिट : नई दर (कांट्रैक्ट डिमांड : 0.5 किलोवाट क्षमता तक)
100 रुपये प्रतिमाह के साथ प्रति यूनिट : 6.00 रुपये
शहरी उपभोक्ता यूनिट : नई दर (कांट्रैक्ट डिमांड : 0.5 किलोवाट क्षमता से अधिक )
180 रुपये प्रति कनेक्शन प्रतिमाह
शून्य से 100 यूनिट : 6.00 रुपये
101 से 200 यूनिट : 6.50 रुपये
200 से अधिक : 7.00 रुपये
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