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डस्टबिन बना मंदिरी नाला, कचरे से पटा

मंदिरी नाला राजधानी के सबसे गहरे नालों में से एक है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 28 May 2017 03:09 AM (IST)Updated: Sun, 28 May 2017 03:09 AM (IST)
डस्टबिन बना मंदिरी नाला, कचरे से पटा
डस्टबिन बना मंदिरी नाला, कचरे से पटा

पटना : मंदिरी नाला राजधानी के सबसे गहरे नालों में से एक है। इस नाले को स्मार्ट सिटी जोन में शामिल किया गया है, लेकिन इसका वर्तमान स्थिति देख तो ऐसा नहीं लगता। लोगों के मुंह पर एक सवाल है कि आखिर कब इस नाले की हालत में सुधरेगी। नाला कब कचरा मुक्त होगा। नगर निगम प्रशासन का दावा हैं कि मंदिरी नाला की उड़ाही करा दी गई है, लेकिन पटना आर्ट कॉलेज के पीछे से लेकर मंदिरी तक नाला में कचरा से पटा है। नाला अधिक गहरा होने के कारण जलजमाव की समस्या तो कम होती है, लेकिन इससे जुड़े छोटे-छोटे नालों की स्थिति भी बदतर है। कई नालों की सफाई नहीं हुई है। तारामंडल के सामने से लोदीपुर, मंदिरी के रास्ते बांसघाट संप पर पहुंचती है।

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नाला किनारे एक भी डस्टबिन नहीं

मंदिरी नाला के दोनों किनारे मकान है। इसमें काफी संख्या में लोग निवास करते है। स्थानीय लोग बताते हैं कि डोर-टू-डोर कूड़ा उठाव का भी सही तरीके से संचालन नहीं होने तथा गलियों में डस्टबिन नहीं होने के कारण लोग सीधे कचरा में नाले में फेंक देते हैं। नाला किनारे भी कचरा जब रखा जाता हैं वह भी नाले में ही चला जाता है। इससे नाले में कचरा का अंबार लग जाता है। इससे बारिश के समय में स्थिति भयावह हो जाती है।

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फॉगिंग नहीं होने से मच्छरों का आतंक

नाला में कचरा जमा होने से मच्छर अधिक पनपते है, लेकिन नगर निगम की ओर फॉगिंग नहीं कराई जाती है। इससे इलाके में मच्छरों का आतंक रहता है। स्थानीय लोगों के मुताबिक फॉगिंग के लिए कई बार अधिकारियों से गुहार लगाई गई। लेकिन स्थिति वहीं है।

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कहते हैं लोग

मंदिरी नाले की आधी-अधूरी सफाई हुई है। इस वजह से नाला बजबजा रहा है। नाले में पॉलीथिन के पैकेज सबसे अधिक पडे़ हैं। यदि सही से नाले की सफाई होगी तो पानी निर्बाध रूप से पास करेगा।

- सिद्धेश्वर यादव

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कुछ दिन पहले मंदिरी नाले की सफाई बांसघाट की ओर से की गई, लेकिन यह सफाई केवल बीच में कर ऐसे ही छोड़ दिया गया। इससे अभी भी नाला में कचरा बजबजा रहा है।

- मुन्ना लाल प्रसाद

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मंदिरी नाला सबसे अधिक गहरा है। इसमें पानी जमा रहता है। छोटे नालों की भी सही से सफाई नहीं होने से गलियों का डूबना तय है।

- शैलेंद्र कुमार

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छोटे नालों की सफाई को प्राथमिकता देनी चाहिए। यदि नाला की सफाई नहीं हुई तो, गहरे गलियों की स्थिति खराब होगी। उससे पानी निकलने का साधन केवल नाला ही है।

- मनोज कुमार सिंह।


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