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स्वाइन फ्लू से घबराए नहीं, बचाव का करें उपाय

सूबे में पैर पसार रहे स्वाइन फ्लू की रोकथाम के प्रति सरकार पूरी तरह गंभीर है। इस संबंध में जिलों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। राज्य में अभी तक 13 लोगों में स्वाइन फ्लू के लक्षण पाए गए हैं।

By pradeep Kumar TiwariEdited By: Published: Sat, 28 Feb 2015 10:33 AM (IST)Updated: Sat, 28 Feb 2015 10:37 AM (IST)
स्वाइन फ्लू से घबराए नहीं, बचाव का करें उपाय

पटना। सूबे में पैर पसार रहे स्वाइन फ्लू की रोकथाम के प्रति सरकार पूरी तरह गंभीर है। इस संबंध में जिलों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। राज्य में अभी तक 13 लोगों में स्वाइन फ्लू के लक्षण पाए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने शुक्रवार को बीमारी की रोकथाम के लिए राज्य सरकार की तरफ से उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बीमारी से अनावश्यक रूप से डरने की आवश्यकता नहीं है।

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मेहरोत्रा ने बताया कि राज्य में स्वाइन फ्लू की पर्याप्त मात्रा में दवा व वैक्सीन उपलब्ध है। फ्लू से बचाव के लिए पांच हजार टेबलेट आ गए हैं। आवश्यकता के हिसाब से इन्हें जिलों में भेजा गया है। पटना जिला को सबसे अधिक टेबलेट दिए गए हैं। रविवार तक 20 हजार और टेबलेट आ जाएंगे।

उन्होंने कहा कि सभी बुखार स्वाइन फ्लू नहीं होते, लेकिन बुखार होने पर डर की वजह से लोग जांच कराने आरएमआरआइ आ रहे हैं। गुरुवार तक 64 लोगों की जांच हुई। उनमें से मात्र 13 में लक्षणों की पुष्टि हुई। लक्षण यह कि मरीजों को तेज बुखार, शरीर में ऐंठन, कफ-बलगम में खून, सांस में दिक्कत, उल्टी एवं दस्त होता है। संक्रमण की अवधि एक से सात दिनों तक होती है। ऐसी स्थिति में मरीजों को अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर इलाज किया जाता है। मरीजों को पांच दिनों तक टमीफ्लू (75 एमजी) सुबह और शाम एक- एक गोली खिलाई जाती है। बच्चे को 25 एमजी की दवा दी जाती है। मरीजों को दर्दनिवारक के रूप में एस्प्रिन की गोली कतई नहीं दें। पैरासिटामाल का प्रयोग सुरक्षित रहता है। मरीज के छींकने, खांसने एवं बलगम से बीमारी के फैलने का खतरा रहता है। मरीज को भीड़-भाड़ से दूर रखना चाहिए। संक्रामक रोग अस्पताल में 40, पीएमसीएच और एनएमसीएच में 30-30, सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 10-10 और सभी जिला अस्पतालों में 5- 5 बेड का आइसोलनेशन वार्ड बनाया गया है।

प्रधान सचिव ने कहा कि सभी प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर हेल्थ डेस्क बनाई गई हैं, जिसमें 24 घंटे पारा-मेडिकल स्टाफ तैनात रहेंगे। माइक्रोफोन व स्टेशन पर लगे टीवी सेट से बाहर से आने वाले लोगों से हेल्थ डेस्क पर स्वाइन फ्लू की जांच कराने का अनुरोध किया जाएगा। डेस्क पर मुफ्त में जांच और दवाइयां दी जाएंगी। सिविल सर्जनों को स्थानीय स्तर पर स्वाइन फ्लू की दवा खरीदने के निर्देश दिए गए हैं। स्वाइन फ्लू का इलाज करने वाले चिकित्सकों एवं कर्मियों में संक्रमण की अधिक आशंका रहती है। उन्हें वैक्सीन लगाने एवं मास्क लगाकर ओपीडी में जाने की सलाह दी गई है। मौके पर स्वास्थ्य सचिव आंनद किशोर, राज्य स्वास्थ्य समिति के पदाधिकारी रजनीश कुमार, आरएमआरआइ के निदेशक डॉ. प्रदीप दास उपस्थित थे।


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