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डाक्टर दंपती का अपहरण मेरे लिए चुनौती : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉक्टर दंपती का अपहरण मेरे लिए चुनौती है। इस तरह के अपराध को सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी। सरकार का स्पष्ट संदेश है कि किसी भी कीमत पर अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा।

By pradeep Kumar TiwariEdited By: Published: Wed, 06 May 2015 11:42 AM (IST)Updated: Wed, 06 May 2015 11:43 AM (IST)
डाक्टर दंपती का अपहरण मेरे लिए चुनौती : मुख्यमंत्री

पटना। मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉक्टर दंपती का अपहरण मेरे लिए चुनौती है। इस तरह के अपराध को सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी। सरकार का स्पष्ट संदेश है कि किसी भी कीमत पर अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को गृह सचिव आमिर सुबहानी और डीजीपी पीके ठाकुर के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक के बाद अफसरों के कामकाज पर नाराजगी जाहिर करते हुए गया के चिकित्सक डॉ. पंकज गुप्ता और उनकी पत्नी शुभ्रा गुप्ता की सकुशल रिहाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।

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मंगलवार को दिल्ली रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री ने दोनों अधिकारियों के साथ करीब आधा घंटे तक बैठक की और कई जरूरी निर्देश दिए। बताया जाता है कि मुख्यमंत्री ने अपनी इस बैठक में राज्य के कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के कामकाज पर नाराजगी व्यक्त की है। खास कर गया के डॉ. पंकज गुप्ता व उनकी पत्नी के अपहरण कांड के बाद वहां के एसएसपी के कामकाज से मुख्यमंत्री संतुष्ट नहीं दिखे और उन्होंने गया में एक तेज-तर्रार एसएसपी की तैनाती का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री के इस निर्देश के तत्काल बाद ही गृह विभाग और राज्य पुलिस मुख्यालय हरकत में आया और महज एक घंटे के अंदर ही राज्य के पुलिस प्रशासन की तस्वीर बदलने की कवायद शुरू कर दी गई। सूत्र बताते हैं कि पुलिस महकमे के कई वरिष्ठ अधिकारियों के परफार्मेंस से मुख्यमंत्री संतुष्ट नहीं हैं। दिल्ली से लौटने के बाद राज्य में बड़े स्तर पर आइपीएस अधिकारियों के साथ-साथ डीएसपी स्तर के अधिकारियों का बदला जाना तय माना जा रहा है। इनमें कई जिलों के एसपी के साथ-साथ जोनल आइजी और रेंज डीआइजी स्तर के अधिकारी शामिल हैं।

मुख्यमंत्री बहुचर्चित डॉक्टर दंपती अपहरण कांड की जांच में सामने आ रहे तथ्यों की पूरी जानकारी गृह सचिव और डीजीपी से ली है। साथ ही उन्हें बिहार के आसपास के राज्यों की पुलिस के साथ वहां के गृह सचिव से भी लगातार संपर्क में रहने का निर्देश दिया।


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