बिहार में जलप्रलय: अबतक 155 की मौत, दाने-दाने को मोहताज हो गये लोग
बिहार में बाढ़ के कारण स्थिति लगातार भयावह होती जा रही है। अबतक करीब 155 लोगों की मौत की खबर है। 70 लाख से ज्यादा की आबादी प्रभावित हो चुकी है।
पटना [राज्य ब्यूरो]। उत्तर बिहार में बाढ़ लगातार भयावह होती जा रही है। अबतक 155 लोगों के मरने की खबर है। आपदा प्रबंधन विभाग ने 72 मौतों की पुष्टि की है। सिर्फ कोसी और सीमांचल इलाके में ही अबतक 108 लोग मारे गए हैं। सबसे ज्यादा 40 मौत अररिया में हुई है। अबतक 27 शव बरामद किए जा चुके हैं। दर्जन से अधिक लापता हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दो दिन बाढ़ ग्रस्त इलाकों का हवाई सर्वेक्षण कर बचाव कार्यों को तेज करने का निर्देश दिया।
बाढ़ के कारण बिहार के 13 जिले मुजफ्फरपुर, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल एवं मधेपुरा प्रभावित हैं। करीब 70 लाख की आबादी बाढ़ का दंश झेल रही है।
विस्फोटक हालात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बिहार ने बचाव के लिए एनडीआरएफ की चार अतिरिक्त टीमें मंगाई है। दो हजार जवानों ने पहले से ही मोर्चा संभाल रखा है। राज्य सरकार का पूरा अमला राहत एवं बचाव कार्यों में सक्रिय है। तीन हेलीकाप्टरों से फूड पैकेट गिराए जा रहे हैं। अररिया, किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया में हालात अभी भी बेकाबू हैं। कई नए प्रखंडों में पानी घुस गया है। कटिहार जिले में दो तटबंधों से रिसाव जारी है।
उत्तर बिहार में कई स्थानों पर पानी उतरने के बाद भी हालत गंभीर बनी है। पिछले दो दिनों में मरने वालों की संख्या 47 तक पहुंच गई है। तटबंध टूटने से परेशानी बढ़ गई है। दरभंगा पर खतरा मंडराने लगा है। सुरक्षा बांध में रिसाव हो रहा है। सीतामढ़ी शहर के निचले इलाके में पानी घुसने लगा है। पश्चिम चंपारण में सोमवार रात पिपरा-पिपरासी तटबंध दो स्थानों पर टूट गया। दर्जनों गांवों में पानी फैल गया है। मधुबनी के झंझारपुर में कमला खतरे के निशान से ऊपर है। समस्तीपुर में बागमती खतरनाक बनी हुई है।
सुपौल में कोसी ने थोड़ी राहत दी है, लेकिन सहायक तिलयुगा, बिहुल व सुरसर के तेवर कम नहीं हो रहे हैं। यहां पौने तीन लाख लोग बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं। सहरसा के नए क्षेत्रों में पानी प्रवेश कर रहा है। सुरसर, तिलावे एवं धेमुरा नदियों में उफान से सोनवर्षा, पतरघट, सौरबाजार तथा सत्तर कटैया अभी भी पानी से उबर नहीं पाए हैं।
खगडिय़ा में बागमती खतरे के निशान से 2.72 मीटर ऊपर बह रही है। तटबंधों पर दबाव बना हुआ है। बेलदौर की छह पंचायतें पानी से घिरी हैं। किशनगंज के ठाकुरगंज, बहादुरगंज और पोठिया में 50 से अधिक जगहों पर सड़कें ध्वस्त हो गई हैं। टेढ़ागाछ, दिघलबैंक व कोचाधामन प्रखंडों का संपर्क कट गया है।
राहत में जुटे जवानों की संख्या बढ़ाई
स्थिति की भयावहता को देखते हुए राज्य सरकार ने एनडीआरएफ की चार टीमें और मंगा ली हैं। राज्य में पहले से ही सेना के 630 जवानों समेत कुल दो हजार जवानों ने मोर्चा संभाल रखा है। भटिंडा से बुधवार को मंगाए गए जवानों को सारण, पूर्वी एवं पश्चिमी चंपारण में भेजा गया है। पहले से ही युद्धस्तर पर राहत व बचाव कार्य चलाए जा रहे हैं।
सीतामढ़ी, कटिहार एवं किशनगंज में सेना ने मोर्चा संभाल रखा है। कटिहार में सेना ने एक मकान में फंसे 22 लोगों को निकाला है। आजमगनर के पास महानंदा तटबंध में रिसाव शुरू हो गया है। सेना बचाव कार्य में जुटी है। सेना के हेलीकॉप्टरों से पीडि़तों के बीच सूखा राशन गिराया जा रहा है।
राहत सामग्री के लिए फूटा आक्रोश
दरभंगा में राहत व बचाव कार्य में ढिलाई से लोगों में आक्रोश है। राहत सामग्री नहीं मिलने के कारण कई जगहों से आक्रोश की खबरें आ रही हैं। किशनगंज में राहत वितरण की मांग को लेकर करीब दर्जनभर स्थानों पर लोगों ने टायर जलाकर प्रदर्शन किया। एनएच 31 पर प्रदर्शनकारियों को समझाने पहुंचीं एसडीपीओ कामिनी बाला व एसडीओ शफीक को लोगों ने बंधक बना लिया है। सदर अस्पताल में पीडि़तों ने जमकर नारेबाजी की। अररिया में पीडितों ने नरपतगंज, रानीगंज एवं भरगामा में कई जगहों पर फूड पैकेट के लिए सड़क जाम की।
ट्रैक पर पानी, रेल परिचालन बाधित
दरभंगा-समस्तीपुर रेलखंड पर आवागमन ठप है। बगहा-बेतिया मुख्य मार्ग पर आवागमन ठप है। रेल यातायात अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है। मोतिहारी-सुगौली रेलखंड पर सेवा बाधित है। बाढ़ का पानी बंजरिया हॉल्ट व सुगौली स्टेशन के ट्रैक पर चढ़ा है। मनिया के पास रेल टै्रक धंसने से सहरसा-पूर्णिया व कटिहार-मालदा रेलखंड पर परिचालन बंद है। हाटे-बाजारे एक्सप्रेस को कुमेदपुर स्टेशन पर रोककर रखा गया है।
रेलवे स्टेशनों को तत्काल राहत कैंप के रूप में उपयोग में लाया जा रहा है। बनमनखी-सरसी ट्रैक पर पानी के कारण रेल संपर्क बाधित हो गया है। अररिया में फारबिसगंज से जोगबनी तक रेल पटरी के नीचे से कई जगह मिïट्टी खिसक जाने के कारण रेल सेवा ठप है। मधेपुरा में एनएच 106 पर पानी है, जिससे यातायात बंद है। साहूगढ़ पुल पर भी दो फीट पानी बह रहा है।
युद्धस्तर पर राहत कार्य चलाने का निर्देश
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को मोतिहारी जिले के ढाका, शिवहर, मधुबनी एवं दरभंगा जिले के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। बैठक के बाद मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह एवं संबंधित विभागों के प्रधान सचिवों के साथ उच्चस्तरीय बैठक कर बचाव एवं राहत कार्यों की समीक्षा की। सीएम नेे प्रभावित इलाकों में बचाव कार्यों को युद्धस्तर पर चलाने का निर्देश दिया। मंगलवार को वरिष्ठ अधिकारियों की एक अलग टीम ने पूर्णिया, अररिया एवं कटिहार जिले का दौरा किया था।