शोध राष्ट्र के विकास का मूलभूत आधार
जागरण संवाददाता, पटना : शोध किसी भी राष्ट्र के विकास का मूलभूत आधार है और इससे बहुआयामी ल
जागरण संवाददाता, पटना : शोध किसी भी राष्ट्र के विकास का मूलभूत आधार है और इससे बहुआयामी लाभ हासिल हो सकते हैं। ये बातें दिल्ली विश्वविद्यालय के अप्लाइड साइकोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रो. एसपीके जेना ने बुधवार को दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) के सेंटर फॉर सायकोलॉजिकल साइंसेज द्वारा आयोजित कार्यशाला में कहीं। अप्लीकेशन ऑफ क्वालिटेटिव रिसर्च मेथड्स इन साइकोलॉजी विषय पर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के पहले दिन प्रो. जेना ने कहा कि मनोविज्ञान में गुणात्मक शोध के मानव जीवन में बहुआयामी उपयोग हैं।
विशिष्ट अतिथि मगध विश्वविद्यालय के डॉ. प्रणय गुप्ता ने भी अपने विचार रखे। मनोविज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. तेज बहादुर सिंह ने कहा कि बिहार जैसे प्रदेश में ऐसे बौद्धिक कार्यक्रमों की अत्यधिक आवश्यकता है। सीयूएसबी के मीडिया विभाग के अध्यक्ष डॉ. पराशर ने कहा कि गुणात्मक शोध विधि न सिर्फ मनोविज्ञान के लिए जरूरी है बल्कि इस विधि के जरिये संचार को अत्यधिक धारदार बनाया जा सकता है। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. नरसिंह ने किया। कार्यशाला में सीयूएसबी के साथ बीएचयू, पटना यूनिवर्सिटी आदि के स्टूडेंट भी शामिल हुए।