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साझा कार्यक्रम : महागठबंधन ने कहा- निजी क्षेत्रों में भी दिलाएंगे आरक्षण

निजी क्षेत्रों में भी आरक्षण का दांव चलते हुए महागठबंधन ने एलान किया है कि वह केंद्र सरकार पर इसके लिए दबाव बनाएगा। महागठबंधन का साझा कार्यक्रम जारी करते हुए नेताओं ने कहा कि वे सामाजिक न्याय के साथ विकास चाहते हैं।

By Amit AlokEdited By: Published: Sat, 10 Oct 2015 07:27 AM (IST)Updated: Sat, 10 Oct 2015 07:33 AM (IST)
साझा कार्यक्रम : महागठबंधन ने कहा- निजी क्षेत्रों में भी दिलाएंगे आरक्षण

पटना। निजी क्षेत्रों में भी आरक्षण का दांव चलते हुए महागठबंधन ने एलान किया है कि वह केंद्र सरकार पर इसके लिए दबाव बनाएगा। महागठबंधन के नेताओं ने कहा कि वे सामाजिक न्याय के साथ विकास चाहते हैं और मानते हैं कि आबादी के मुताबिक आरक्षण की व्यवस्था होनी चाहिए।

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महागठबंधन के घटक दलों ने साझा कार्यक्रम जारी करते हुए शुक्रवार को कहा कि शैक्षिक और सामाजिक रूप से पिछड़ों के लिए संविधान में आरक्षण की व्यवस्था की गई है, लेकिन भाजपा और आरएसएस षड्यंत्र के तहत इसे खत्म करना चाहते हैं।

हम ऐसा नहीं होने देंगे। सामान्य वर्ग के गरीबों के उत्थान के लिए भी महागठबंधन काम करेगा। इसमें सवर्ण आयोग की प्रभावी भूमिका होगी।

जदयू कार्यालय में जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह, राजद के मनोज झा एवं कांग्रेस के हरखू झा ने संयुक्त रूप से कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में न्याय के साथ विकास के संकल्प के साथ तीनों दल चुनाव में हैं। भाजपा और आरएसएस की नीतियों से लोकतंत्र को खतरा है। हमारा लक्ष्य सामाजिक सौहार्द और स्वाभिमान के साथ समग्र्र विकास है।

वशिष्ठ नारायण ने कहा कि भाजपा के क्रोनी कैपिटलिज्म (साठगांठ वाला पूंजीवाद) से किसानों, गरीबों और मजदूरों को कोई लाभ नहीं होगा। हम समाज के सभी वर्गों के विकास के लिए काम करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि आर्थिक विकास का लाभ निचले तबके तक पहुंचे।

महागठबंधन ने माना कि शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी काम हुए हैं। प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा के क्षेत्र में विस्तार और गुणवत्ता को और आगे बढ़ाया जाएगा। हम गरीबों के लिए शुरू की गई योजनाएं इंदिरा आवास, मनरेगा, सर्वशिक्षा अभियान को प्रभावी रूप से क्रियान्वयन चाहते हैं। वर्तमान केंद्र सरकार द्वारा इनमें की गई कटौती का महागठबंधन विरोध करता है।

विशेष राज्य के दर्जे की मांग पर जोर देते हुए वशिष्ठ ने कहा कि हमारे लिए यह प्राथमिक मुद्दा है। आर्थिक प्रगति, रोजगार के अवसर और निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए यह जरूरी है।

महागठबंधन किसानों की सहमति के बिना जमीन अधिग्र्रहण का विरोध करेगा और पहले से तय कृषि रोड मैप को आगे बढ़ाते हुए कृषि उत्पादन को और बढ़ाने का प्रयास करेगा। अपराध नियंत्रण के मुद्दे पर हम कोई समझौता नहीं करेंगे और कानून के राज को उच्च प्राथमिकता देंगे।

वशिष्ठ ने कहा कि बिहार के लोगों को इतिहास, सभ्यता और संस्कृति पर गर्व है। इसे अपमानित करने के प्रयासों का हम मुंहतोड़ जवाब देंगे।

नीतीश के सात निश्चय

1. आर्थिक हल, युवाओं को बल : 20 से 25 वर्ष के बेरोजगारों को रोजगार तलाशने के लिए प्रतिमाह एक हजार रुपये स्वयं सहायता भत्ता

-12वीं पास को 3 फीसदी ब्याज सहायता के साथ चार लाख तक शिक्षा ऋण।

-कॉलेज-यूनिवर्सिटी में फ्री वाई फाई के माध्यम से इंटरनेट सुविधा

-जिलों में रोजगार परामर्श केंद्र के जरिए डेढ़ करोड़ को ट्रेनिंग

2. आरक्षित रोजगार, महिलाओं का अधिकार :

-राज्य की सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35 फीसदी आरक्षण

3. हर घर बिजली लगातार :

-अगले दो सालों में राज्य के सभी गांवों में बिजली आपूर्ति

4. हर घर नल का जल :

-चापाकल पर निर्भरता खत्म होगी। सभी घरों में पाइप जल की सुविधा

5. घर तक पक्की गली-नालियां :

-हर घर तक पक्की सड़क और सभी गांवों में गलियों-नालियों का निर्माण

6. शौचालय निर्माण, घर का सम्मान:

-खुले शौच से मुक्ति। हर घर शौचालय की व्यवस्था

7. अवसर बढ़े, आगे पढ़ें :

-पांच नए मेडिकल कॉलेज तथा नर्सिंग कॉलेज खोले जाएंगे। अनुमंडल में एएनएम स्कूल, आइटीआइ तथा हर जिले में जीएनएम स्कूल, पैरा मेडिकल तथा पोलिटेक्निक संस्थान खुलेंगे


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