PM मोदी के खिलाफ अब आरक्षण का 'मंडल' हथियार चलाएंगे CM नीतीश
सीएम नीतीश पीएम मोदी के खिलाफ आरक्षण का मंडल कार्ड खेलेंगे। वे गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, पंजाब में आरक्षण को लेकर जारी आंदोलन को समर्थन देने के लिए वहां का दौरा कर सकते हैं।
पटना [एसए शाद]। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ समान विचारधारा वाले दलों को एकजुट करने के लिए जदयू की राष्ट्रीय परिषद द्वारा अधिकृत किए गए नीतीश कुमार अपनी इस मुहिम में 'मंडल' को भी हथियार बनाएंगे। वे गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान एवं पंजाब में आरक्षण की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन को समर्थन देने के लिए वहां का दौरा कर सकते हैं। इन राज्यों से उन्हें आमंत्रण मिला है।
इसके अलावा पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा ने भी उन्हें 13-14 नवंबर को बेंगलुरू में आयोजित कलिंगा सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है।
इन्होंने लिखे नीतीश को पत्र
राजस्थान गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के महासचिव हिम्मत सिंह गुर्जर ने बिहार के मुख्यमंत्री एवं जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार को पत्र लिखकर कहा है, 'आपने राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र एवं आंध्र प्रदेश में आरक्षण की मांग पर चल रहे आंदोलनों का समर्थन किया है, उसके लिए गुर्जर, पाटीदार, मराठा एवं कापू समाज तहे दिल से आभार व्यक्त करता है।' आल इंडिया जाट महासभा के अध्यक्ष कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने भी धन्यवाद देते हुए नीतीश कुमार को पंजाब आने का न्योता दिया है।
इससे पूर्व पाटीदार आंदोलन चला रहे हार्दिक पटेल ने गुजरात, मराठा संघर्ष समिति के संयोजक ब्रिगेडियर सुधीर सावंत ने महाराष्ट्र और आल इंडिया जाट महासभा के महासचिव युद्धवीर सिंह ने दिल्ली से उन्हें पत्र लिखकर आरक्षण आंदोलन को समर्थन देने के लिए धन्यवाद दिया है। इन सभी ने अपने-अपने राज्यों में नीतीश कुमार को उनके अभिनंदन के लिए भी आमंत्रित किया है।
जदयू प्रवक्ता ने कहा...
जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि भाजपा से मुकाबले के लिए हमारी सांप्रदायिकता बनाम धर्मनिरपेक्षता की लड़ाई पिछले लोकसभा चुनाव में विफल साबित हुई है। गुर्जर, पाटीदार, जाट, रेड्डी, मराठा आदि जातियां पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा के साथ थीं, लेकिन अभी भाजपा सरकार के खिलाफ आंदोलन चला रहीं हैं। ये ऐसी जातियां हैं जो मंडल आयोग की अनुशंसा का हिस्सा नहीं बन पाईं थीं, लेकिन इनमें बहुत गरीबी और बेरोजगारी है।
उन्होंने कहा, 'नीतीश कुमार 'मंडल' के विस्तार का प्रयास करेंगे, और इन जातियों को आरक्षण के दायरे में लाने की हरसंभव कोशिश करेंगे। त्यागी ने कहा कि इनके आंदोलन का स्वरूप धर्मनिरपेक्ष है। हार्दिक पटेल जब जेल से रिहा होकर बाहर आए तो सबसे पहले मुस्लिम बहुल इलाकों में ही गए। वहीं ब्रिगेडियर सुधीर सावंत के आंदोलन को भी अल्पसंख्यकों का जबर्दस्त समर्थन मिल रहा है।