CM नीतीश के 'सात निश्चय' को सरजमीं पर उतारने की कवायद शुरू
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सात निश्चय को सरजमीन पर उतारने की मुहिम तेज हो गई है। नीतीश कुमार ने इन निश्चयों के कार्यान्वयन के लिए बने 'बिहार विकास मिशन' की बैठक के दूसरे दिन बुधवार को आला अधिकारियों के साथ अपने आवास पर विचार-विमर्श किया।
पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सात निश्चय को सरजमीन पर उतारने की मुहिम तेज हो गई है। नीतीश कुमार ने इन निश्चयों के कार्यान्वयन के लिए बने 'बिहार विकास मिशन' की बैठक के दूसरे दिन बुधवार को आला अधिकारियों के साथ अपने आवास पर विचार-विमर्श किया।
बैठक में सात निश्चय के तहत शुरू होने वाली योजनाओं के प्रस्ताव पर चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने इन प्रस्तावों की समीक्षा की और अधिकारियों को समयबद्ध तरीके से इनके कार्यान्वयन में जुट जाने कहा। इन प्रस्तावों को जल्द ही मंत्रिपरिषद की मंजूरी दिलाई जाएगी। प्रस्ताव के मुताबिक, हर जिले में एक आधुनिक पंजीकरण एवं परामर्श केंद्र खोला जाएगा।
मुख्यमंत्री के सात निश्चय के तहत पहली अप्रैल से स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना लागू हो रही है जिसमें 12वीं कक्षा पास विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए इस क्रेडिट कार्ड के माध्यम से चार लाख रुपये तक की राशि मुहैया कराई जाएगी। इस राशि से वे देश में कहीं भी अध्ययन कर सकेंगे।
जिन छात्रों का आधार कार्ड नहीं बना है, उनका आधार कार्ड भी बनवाया जाएगा और इसके लिए जिलों में आधार कार्ड बनाने के लिए सेंटर खोले जाएंगे। ये केंद्र जिलाधिकारी की देखरेख में संचालित होंगे। इसके अलावा, प्रखंड स्तर पर कौशल प्रशिक्षण केंद्र भी खोलने की योजना है। इन केंद्रों में युवाओं को भाषा एवं संवाद कौशल, बुनियादी कम्प्यूटर ज्ञान एवं अन्य कौशल प्रदान किया जाएगा ताकि उन्हें रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकें।
मुख्यमंत्री ने सभी कौशल प्रशिक्षण केंद्रों के लिए ट्रेनर चिह्नित करने का अधिकारियों को निर्देश दिया। 20-25 वर्ष के बेरोजगार युवाओं को रोजगार तलाशने के दौरान सहायता के तौर पर एक हजार रुपये प्रति माह की दर से अधिकतम दो वर्ष तक सहायता भत्ता देने के प्रस्ताव की भी समीक्षा की गई।
युवाओं के उद्यमिता विकास एवं स्टार्ट-अप कैपिटल के लिए प्रस्तावित 500 करोड़ के वेंचर कैपिटल फंड पर भी विमर्श हुआ। मुख्यमंत्री ने बैठक में मौजूद पीएचईडी की प्रधान सचिव अंशुली आर्या को निर्देश दिया कि फ्लोराइड प्रभावित क्षेत्रों में फ्लोराइड मुक्त जल की आपूर्ति करें। पांच वर्षों के अंदर पाइप जल की उपलब्धता सुनिश्चित कर चापाकल एवं पेयजल के अन्य संसाधनों पर लोगों की निर्भरता खत्म कर देने के लक्ष्य पर भी चर्चा हुई।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के क्रियान्वयन के उपरांत शेष बचे सभी संपर्क विहीन बसावटों को पक्की सड़क से जोडऩे की भी योजना है। अगले दो वर्षों में सभी शेष बचे गांवों एवं बसावटों के विद्युतीकरण कर लेने संबंधी प्रस्ताव की भी समीक्षा की गई। सरकार अपने संसाधनों की मदद से सभी घरों तक बिजली का कनेक्शन सुनिश्चित कराएगी।
बैठक में मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, विकास आयुक्त शिशिर कुमार सिन्हा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव धर्मेंद्र सिंह गंगवार, नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा, वित्त विभाग के प्रधान सचिव आरके मित्तल, पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार, उद्योग विभाग के प्रधान सचिव एस. सिद्धार्थ, ऊर्जा सचिव प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के सचिव चंचल कुमार एवं अतीश चंद्रा, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल सिंह और ग्रामीण विकास विभाग के सचिव विनय कुमार भी उपस्थित थे।